संयुक्त किसान मोर्चा करेगा वादाखिलाफी विरोधी सभा का आयोजन, केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप

United Kisan Morcha
ANI

संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र पर किसानों से किए वादे से पीछे हटने का आरोप लगाया।एसकेएम द्वारा जारी एक बयान में किसान संगठन ने दावा किया कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति का गठन किया गया और न ही आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज ‘फर्जी’ मामले वापस लिये गए हैं।

नयी दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी निराशा व्यक्त की और आरोप लगाया कि केंद्र पिछले साल नौ दिसंबर को किसानों से किए गए लिखित वादों से पूरी तरह मुकर रहा है। रविवार को गाजियाबाद में आयोजित एसकेएम से जुड़े सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक में किसान आंदोलन को लेकर तीन अहम फैसले लिए गए। एसकेएम द्वारा जारी एक बयान में किसान संगठन ने दावा किया कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति का गठन किया गया और न ही आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज ‘फर्जी’ मामले वापस लिये गए हैं।

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भाजपा का लक्ष्य भारत को तुष्टीकरण से तृप्तिकरण की ओर ले जाना है

एसकेएम ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी को लेकर विचार करने के लिए तैयार नहीं है। एसकेएम ने एक बयान में कहा कि सरकार द्वारा इस कथित ‘‘विश्वासघात’’ के विरोध में 18 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई-शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस तक देश भर में जिला स्तर पर ‘‘विश्वासघात के खिलाफ विरोध प्रदर्शन’’, जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा। एसकेएम ने यह भी घोषणा की है कि इस अभियान के अंत में 31 जुलाई को दिन में 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक देश भर के सभी प्रमुख राजमार्गों पर चक्का जाम का आयोजन किया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़