उप्र : ईओडब्ल्यू ने धान खरीद धोखाधड़ी के भगोड़े आरोपी को दिल्ली में गिरफ्तार किया

arrest
Creative Common

ईओडब्ल्यू के बयान के अनुसार सुरेश शर्मा आधिकारिक तौर पर फर्म के निदेशक नहीं है मगर सरकारी अधिकृत खरीद को गलत तरीके से दिखाने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी करने का आरोप है।

उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू)-मेरठ क्षेत्र ने बृहस्पतिवार को धान खरीद धोखाधड़ी मामले में 10 साल बाद एक भगोड़े आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। ईओडब्ल्यू और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने सुरेश शर्मा को दिल्ली में साकेत कोर्ट मॉल के पास से गिरफ्तार किया।

बुलंदशहर जिले के अलीपुर खालसा गांव का निवासी शर्मा कोतवाली देहात थाने में वर्ष 2015 में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में कई वर्षों से फरार था। उस पर भारतीय दंड संहिताकी कई धाराओं के तहत धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ का उपयोग) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

ईओडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि यह मामला एक घोटाले से जुड़ा है जिसमें आरोपियों ने सन्स एंड कंपनी फर्म के प्रतिनिधि बन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उत्तर प्रदेश सरकार से 2.94 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का धान धोखाधड़ी से खरीदा और बाद में फर्जी चालान का इस्तेमाल करके उसे बेच दिया।

बयान के मताबिक मामले के सह-आरोपी महेश चंद शर्मा की स्वामित्व वाली एक अन्य फर्म बालाजी ट्रेडिंग कंपनी ने बुलंदशहर की अनाज मंडी से कथित तौर पर 2.16 करोड़ रुपये का धान खरीदा था।

ईओडब्ल्यू के बयान के अनुसार सुरेश शर्मा आधिकारिक तौर पर फर्म के निदेशक नहीं है मगर सरकारी अधिकृत खरीद को गलत तरीके से दिखाने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी करने का आरोप है।

ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी पता चला है कि शर्मा ने सह-आरोपी वीर करन अवस्थी और ऋतिक अवस्थी के साथ मिलकर किसानों को अपनी उपज उनके माध्यम से बेचने के लिए मनाने के लिए फर्जी प्राधिकरण पत्र बनाए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़