उत्तर प्रदेश: 13 चीनी मिलों का होगा विस्तार, 5 लाख किसानों को मिलेगा फायदा

sugar mills

गन्ना विभाग 13 चीनी मिलों के विस्तार का काम शुरू कर चुका है। चीनी मिलों के विस्तार से 05 लाख से अधिक किसानों को फायदा होगा। साथ ही मिलों की पेराई क्षमता भी बढ़ जाएगी। विभाग ने चीनी मिलों के विस्तारीकरण की स्थलीय जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है।

लखनऊ। गन्ना पेराई के लिए यूपी की चीनी मिलें नए सिरे से तैयार होना शुरू हो गई हैं। किसानों को अधिक लाभ देने के लिए चीनी मिलों के विस्तार का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। गन्ना विभाग 13 चीनी मिलों के विस्तार का काम शुरू कर चुका है। चीनी मिलों के विस्तार से 05 लाख से अधिक किसानों को फायदा होगा। साथ ही मिलों की पेराई क्षमता भी बढ़ जाएगी। विभाग ने चीनी मिलों के विस्तारीकरण की स्थलीय जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। 

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प्रदेश में गन्ने के रकबा में बढ़ोत्तरी के साथ चीनी मिलों की पेराई क्षमता में विस्तार का काम शुरू हो चुका है। गन्ना किसानों को सहूलियत देने के लिए वर्तमान पेराई सत्र में 120 चीनी मिलों का संचालन किया जाना तय है। यूपी में गन्ने के रकबे में करीब 27.75 लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में मुंडेरवा समेत 13 चीनी मिलों की पेराई क्षमता में विस्तार का काम शुरू कर दिया गया है, ताकि अधिक गन्ने की पेराई की जा सके। । गन्ना विकास विभाग के अनुसार पेराई क्षमता बढ़ाने से किसानों की आय बढ़ेगी। इससे लाखों किसानों को फायदा होगा। इसे देखते हुए मिलों में मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। जानकारों की मानें तो मिलों में 25 अक्टूबर के बाद गन्ना पेराई शुरू हो जाएगी। 

 

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5 लाख से अधिक किसानों को होगा फायदा 

गन्ना विभाग के अनुसार 13 चीनी मिलें अपनी क्षमता में विस्तार का काम कर रही हैं। चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार होने से 1,67,500 कुंतल अधिक गन्ने की पेराई का काम हो सकेगा। इससे लगभग 5,01,876 गन्ना किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा। इससे उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी। चीनी मिलों में हो रहे विस्तार की स्थलीय जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते 2016-17 में प्रदेश में जो गन्ने का उत्पादन 66 टन प्रति हेक्टेयर हुआ करता था, वह अब बढ़कर 2021-22 में 81.5 टन प्रति हेक्टेयर हो गया है। यही नहीं, 50 सालों में पहली बार किसानों को 2017 से वर्ष 2021 तक 1.44,हजार करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान किया गया है।

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