प्रवासियों के लिए बसों के मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार ने राजनीति की: प्रियंका

प्रियंका

सिंह ने मंगलवार को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री की इस बात पर हैरानी जतायी कि प्रदेश सरकार पिछले तीन दिनों से बसों का ब्यौरा मांग रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उप्र सरकार का पत्रमिलने के तत्काल बाद ब्यौरा उपलब्ध करा दिया गया था।

नयी दिल्ली/लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि पार्टी प्रवासी मजदूरों को राज्य में वापस लाने के लिए जो एक हजार बसें चलाना चाहती थी, उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुबह लखनऊ भेजने की मांग की थी जो साफ दर्शाता है कि योगी सरकार का यह कदम राजनीति से प्रेरित था। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि उप्र सरकार प्रवासी मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को मजदूर प्रवासियों को वापस लाने के लिए 1000 बसें चलाने के कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। कांग्रेस के इस प्रस्ताव को लेकर दोनों पक्षों के बीच वाकयुद्ध की सी स्थिति बन गयी थी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को भेजा था, जिसमें 1000 बसें सभी दस्तावेजों के साथ लखनऊ में मंगलवार सुबह 10 बजे सौंपने को कहा था। सिंह ने इसके जवाब में एक पत्र में कहा, ‘‘ ऐसी स्थिति में जब हजारों मजदूर सड़कों पर पैदल चल रहे हैं और हजारों लोग उत्तर प्रदेश सीमा पर विभिन्न पंजीकरण केन्द्रों पर इकट्ठे हो गए हैं, 1000 बसों को खाली लखनऊ भेजना समय और संसाधान की बर्बादी, अमानवीय और गरीब विरोधी मानसिकता है।’’ पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘ आपकी सरकार की यह मांग राजनीति से प्रेरित लगती है। ऐसा नहीं लगता कि आपकी सरकार हमारे मजूदर भाइयों-बहनों की मदद करना चाहती है, जो एक आपदा का सामना कर रहे हैं।’’ उसने कहा,‘‘ 16 मई को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजियाबाद में गाजीपुर सीमा से 500 बसें और नोएडा सीमा से 500 बसें चलाने की अनुमति मांगी थी ताकि फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचने में मदद कर सकें। इस संबंध में 18 मई शाम चार बजकर एक मिनट पर मुझे एक पत्र मिला और 1000 बसों की सूची, उनके चालक और कंडक्टर का ब्यौरा मांगा गया। इसे ईमेल मिलने के थोड़ी देर बाद ही मुहैया करा दिया गया था।’’ उधर, अपर मुख्य सचिव :गृह: अवनीश अवस्थी ने मंगलवार सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव को भेजे गये पत्र में कहा, आपके पत्र के अनुसार आप लखनऊ में बस देने में असमर्थ हैं एवं नोएडा,गाजियाबाद बार्डर पर ही बस देना चाहते है। अत:ऐसी स्थिति में कृपया जिलाधिकारी गाजियाबाद को 500 बसें 12 बजे तक उपलब्ध कराने का कष्ट करें। जिलाधिकारी गाजियाबाद को तदअनुसार निर्देशित किया गया है। गाजियाबाद में जिला प्रशासन द्वारा सभी बसों को रिसीव किया जायेगा एवं उनका उपयोग किया जाएगा। कृपया गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे एवं साहिबाबाद बस अड्डे में बसें उपलब्ध कराने का कष्ट करें। 

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के सचिव ने इसका जवाब देते हुये कहा कि कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ दिल्ली से। इसलिये यह बसें गाजियाबाद तथा नोएडा बार्डर पर शाम पांच बजे पहुंचायी जाएंगी। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार को लिखा था कि वह प्रवासी श्रमिकों को राज्य में पहुंचाने के लिए एक हजार बसें पार्टी के खर्चे पर चलवाना चाहती हैं और प्रदेश सरकार इसकी अनुमति दे। पार्टी ने इसके बाद भाजपा की प्रदेश सरकार पर उसके इस प्रस्ताव की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। मंजूरी मिलने के कुछ देर बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट के जरिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का धन्यवाद किया था। प्रियंका गांधी ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘ उत्तर प्रदेश में सड़कों पर हजारों भाई बहन पैदल चले जा रहे हैं। उनकी मदद के लिए कांग्रेस को अपने खर्चे पर एक हजार बसें चलाने की हमें अनुमति देने के लिए आपका धन्यवाद।’’ उन्होंने कहा था कि इस मुश्किल समय में कांग्रेस इन लोगों के साथ खड़ी है। इससे पूर्व सोमवार को एक टेलीविजन इंटरव्यू मेंमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि वह प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर राजनीति कर रही है। सिंह ने मंगलवार को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री की इस बात पर हैरानी जतायी कि प्रदेश सरकार पिछले तीन दिनों से बसों का ब्यौरा मांग रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उप्र सरकार का पत्रमिलने के तत्काल बाद ब्यौरा उपलब्ध करा दिया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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