नाराजगी के बीच वसुंधरा राजे बोलीं, राजस्थान में फिर लहराएगा भाजपा का परचम

Vasundhara Raje
अंकित सिंह । Nov 25 2021 4:27PM

वसुंधरा ने यह भी कहा कि देश में जनता फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनाने को आतुर है। राजे ने कहा कि यह कार्यक्रम चुनाव का आगाज नहीं है। चुनाव में तो अभी दो साल हैं और वह सिर्फ लोगों का दुख-दर्द बांटने आई हैं।

राजस्थान में लगातार हाशिए पर चल रहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने काफी दिनों बाद भाजपा के पक्ष में बड़ा बयान दिया है। वसुंधरा राजे ने दावा किया कि राजस्थान में एक बार फिर से भाजपा का परचम लहराएगा और पार्टी कार्यकर्ता मिलकर इतिहास रचेंगे। हालांकि उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि फिलहाल राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अभी भी 2 साल का वक्त है और उनके मेवाड़ दौड़े को किसी राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। इन सबके बीच वसुंधरा राजे का यह बयान अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि वसुंधरा एक बार फिर से पार्टी में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुट गई हैं। 

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दरअसल, वसुंधरा राजे 2018 के चुनावी हार के बाद से पार्टी में लगातार हाशिए पर चल रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का दावा रहता है कि फिलहाल राजस्थान में वह हाशिए पर हैं और पार्टी आलाकमान तक भी उनकी पकड़ कमजोर हो चुकी है। राजस्थान में भाजपा नई पीढ़ी के नेता को तैयार करने की कोशिश में है। दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और वसुंधरा समर्थक के बीच लगातार जुबानी जंग होती रहती है। गहलोत सरकार के खिलाफ वसुंधरा राजे की चुप्पी को लेकर भी लगातार सवाल उठता रहता है। वसुंधरा समर्थक राजस्थान में अलग मंच भी बना चुके हैं जो लगातार उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। वसुंधरा समर्थकों का दावा यह भी है कि राजस्थान में उनके बिना भाजपा खत्म हो जाएगी।

वसुंधरा ने यह भी कहा कि देश में जनता फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनाने को आतुर है। राजे ने कहा कि यह कार्यक्रम चुनाव का आगाज नहीं है। चुनाव में तो अभी दो साल हैं और वह सिर्फ लोगों का दुख-दर्द बांटने आई हैं। उन्होंने कहा कि चारभुजा नाथ से 2003 में हमने परिवर्तन यात्रा शुरू की थी। राज्य के इतिहास में पहली बार भाजपा को विधानसभा चुनाव में 120 सीटें मिलीं। उन्होंने कहा कि इसके बाद जब हमने चारभुजा का आशीर्वाद लेकर सुराज संकल्प यात्रा शुरू की तो भाजपा को 163 सीटें मिलीं जो राजस्थान के इतिहास में इससे पहले किसी भी दल को नहीं मिली थी। 

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