छोटा भाई बड़ा भाई कैसे हो गया? तेजस्वी पर विजय सिन्हा का वार, पूछा- EC को जवाब क्यों नहीं दे रहे?

विजय कुमार सिन्हा ने सवाल किया कि छोटा भाई बड़ा भाई कैसे हो गया? ये चमत्कार कैसे हो गया? अगर आप आरोप लगाते हैं, तो जवाब देने की ताकत भी होनी चाहिए। निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिन्हा को कथित तौर पर दो मतदाता पहचान पत्र रखने और दो स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के कारण रविवार को नोटिस जारी किया था।
राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, वो मुद्दाविहीन हो गए हैं। संवैधानिक पद पर बैठकर संवैधानिक पद की गरिमा को तार-तार करना, झूठ बोलना और भ्रम फैलाना- बस यही उनके पास बचा है। मुझे चुनाव आयोग से नोटिस मिला। मैंने जवाब दिया, तो मेरा ईपीआईसी नंबर भी निष्क्रिय कर दिया गया। मेरे पास सबूत भी थे, लेकिन (तेजस्वी यादव) जवाब क्यों नहीं दे सकते?
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विजय कुमार सिन्हा ने सवाल किया कि छोटा भाई बड़ा भाई कैसे हो गया? ये चमत्कार कैसे हो गया? अगर आप आरोप लगाते हैं, तो जवाब देने की ताकत भी होनी चाहिए। निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिन्हा को कथित तौर पर दो मतदाता पहचान पत्र रखने और दो स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के कारण रविवार को नोटिस जारी किया था। आलोचनाओं के घेरे में आए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिन्हा ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैं देश के संविधान और सभी संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करता हूं। मैं राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसा नहीं हूं।’’
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तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के पास दो मतदाता पहचान पत्र हैं और उन्होंने पूछा कि सिन्हा के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। यादव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘विजय कुमार सिन्हा दो अलग-अलग जिलों के दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से मतदाता हैं। उनका नाम उसी जिले के लखीसराय विधानसभा क्षेत्र और पटना जिले के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में भी दर्ज है।’’ यादव ने कहा, ‘‘उनके पास दो अलग-अलग मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) कार्ड हैं। हैरानी की बात यह है कि यह बिहार निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद हुआ है। इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, सिन्हा को या निर्वाचन आयोग को? सिन्हा के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है? इस खुलासे के बाद वह (सिन्हा) अपने पद से कब इस्तीफा देंगे?’’
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