लखनऊ की पूर्वी विधानसभा सीट पर भी होगा 20 मई को मतदान, इस सीट पर लगातार है बीजेपी का कब्जा

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ANI
अजय कुमार । May 14 2024 5:54PM

पहली बार चुनाव मैदान में उतरे भाजपा उम्मीदवार ओपी श्रीवास्तव पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं, इसलिए संगठन भी इस सीट पर जीत को बरकरार रखना चाहती है, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश सिंह चौहान पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के इस्माइलगंज वार्ड (प्रथम) से पार्षद है।

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा उप चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। भाजपा ने इस सीट पर जीत के लिए बड़ी घेराबंदी की तो महागठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश सिंह चौहान भी हर घर तक पहुंचकर अपनी जीत सुनिश्चित करने में लगे हैं और जीत का आधार जातीय समीकरण बता रहे हैं। बसपा ने आलोक कुशवाहा को मैदान में उतारा है। हालांकि बसपा उम्मीदवार क्षेत्र में नया चेहरा है, इसलिए उन्हें अपनी पहचान बताने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ रही है।

पहली बार चुनाव मैदान में उतरे भाजपा उम्मीदवार ओपी श्रीवास्तव पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं, इसलिए संगठन भी इस सीट पर जीत को बरकरार रखना चाहती है, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश सिंह चौहान पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के इस्माइलगंज वार्ड (प्रथम) से पार्षद है। वह 2012 में पहली बार पार्षद चुने गए थे, जबकि दूसरी बार महिला आरक्षित सीट होने से उनकी पत्नी अमिता सिंह पार्षद चुनी गई थीं।  महोना और पूर्वी (पूर्व परिसीमन के हिसाब से) विधानसभा के कुछ-कुछ इलाकों को शामिल कर पूर्वी विधानसभा सीट बनी थी। भाजपा यहां पर 2012 से लगातार जीत रही है। पहली बार इस सीट से 2012 में भाजपा ने कलराज मिश्र को मैदान में उतारा था और वह जीत गए थे। कलराज मिश्र को 68,726 मत, जबकि सपा उम्मीदवार रहीं जूही सिंह को 47,908 मत मिले थे, जो दूसरे नंबर पर थीं। कांग्रेस उम्मीदवार रमेश श्रीवास्तव 35,227 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 28,040 मत पाकर बसपा के कृष्ण कुमार त्रिपाठी चौथे स्थान पर थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में कलराज मिश्र को देवरिया सीट से भाजपा ने मैदान में उतार दिया था और वह सीट जीत गए थे।

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इस कारण पूर्वी विधानसभा सीट के 2014 के उपचुनाव में भाजपा ने पूर्व मंत्री लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन ‘गोपाल’ को भाजपा ने मैदान में उतारा था। हालांकि गोपाल टंडन की राजनीति पश्चिम विधानसभा सीट पर थी, इसके बाद भी वह जीत गए थे और 71,640 मत पाकर सपा उम्मीदवार जूही सिंह को हराया था। जूही को 45,181 मत मिले थे, जबकि कांग्रेस के रमेश श्रीवास्तव 9,757 मत पाकर फिर से तीसरे स्थान पर रहे थे। आशुतोष टंडन ने 2017 का विधानसभा चुनाव फिर जीता था और उन्हें 1,35,167 मत मिले थे। जबकि सपा उम्मीदवार अनुराग भदौरिया को 55,937 और बसपा उम्मीदवार सरोज कुमार शुक्ला 31,390 मत पाए थे। 2022 के चुनाव में भी आशुतोष टंडन ने बाजी मारी थी और उन्हें 1,52,928 मत मिले थे, जबकि सपा उम्मीदवार अनुराग भदौरिया 84,197 मत पाए थे और कांग्रेस उम्मीदवार मनोज तिवारी 4,485 मत ही पा सके थे और बसपा के आशीष सिन्हा को 9,834 मत मिले थे।

अगर 2022 के चुनाव में सपा और कांग्रेस के मतों को मिला भी लिया जाए तो 88,682 मत ही होते हैं, जो पिछले साल भाजपा को मिले मतों से 64,246 कम हैं। ऐसे में महागठबंधन उम्मीदवार के लिए यह आंकड़ा चुनौती भरा है। गोपाल टंडन के निधन के बाद से पूर्वी सीट रिक्त हो गई थी।

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