Amethi LokSabha Seat: अमेठी में कांग्रेस के लिये नहीं बन पा रहा है जीत का माहौल

Congress
ANI
अजय कुमार । May 14 2024 5:35PM

कम ही समय में स्मृति ने राहुल गांधी के मुकाबले भाजपा को 3,00,748 मत पाकर अमेठी में एक नई संभावना को जन्म दिया। हार के बाद स्मृति को मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया तो स्मृति ने भी अमेठी से अपना नाता जोड़ लिया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट की चुनावी रणभूमि से राहुल गांधी के हटते ही यहां की राजनीतिक हवा पूरी तरह बदल गई है।बदले हालात में भाजपा व कांग्रेस की लड़ाई में बसपा यहां फंसी हुई दिख रही है। पिछले पांच वर्ष में पांच बार आने वाले राहुल गांधी से पिछले दो आम चुनावों में सीधे दो-दो हाथ करने वाली स्मृति इरानी ने अमेठी  में अपना स्थाई ठिकाना बना लिया है,जिससे उनकी यहां पकड़ मजबूत नजर आ रही है। स्मृति के सामने कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा भी सक्रिय हैं। बसपा से नन्हे सिंह चौहान पहचान बनाने में लगे हुए हैं। भाजपा की स्मृति इरानी आम चुनाव 2014 में पहली बार मतदान के 23 दिन पहले अमेठी पहुंची। इससे पहले कांग्रेस के राहुल गांधी के मुकाबले आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास ने ताल ठोक रखी थी।

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कम ही समय में स्मृति ने राहुल गांधी के मुकाबले भाजपा को 3,00,748 मत पाकर अमेठी में एक नई संभावना को जन्म दिया। हार के बाद स्मृति को मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया तो स्मृति ने भी अमेठी से अपना नाता जोड़ लिया। स्मृति की अमेठी में बढ़ती सक्रियता के चलते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आम चुनाव 2019 में अमेठी के साथ केरल के वायनाड से भी चुनावी मैदान में उतरें। उनकी इस चाल का अमेठी में विपरीत असर पड़ा और तीन बार लगातार जीत दर्ज करने वाले राहुल गांधी भाजपा की स्मृति इरानी से चुनाव हार गए। जिसके बाद राहुल गांधी अमेठी से धीरे-धीरे दूर होते गए। कांग्रेस की भारत जोड़ों न्याय यात्रा सहित पिछले पांच वर्षों में पांच बार ही राहुल अमेठी आए हैं। राहुल की यही दूरी अब कांग्रेस और उनके उम्मीदवार पर भारी पड़ती दिख रही है।

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