कहानी बाबरी विध्वंस की... जानें अयोध्या में 29 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को क्या हुआ था?

 Ayodhya
अंकित सिंह । Dec 6 2021 10:34AM

अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद सैकड़ो सालों से चला आ रहा था। अयोध्या में मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 में आंदोलन शुरू किया था। 5 दिसंबर को ही लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंच गए थे।

देश की राजनीति में 6 दिसंबर का इतिहास बेहद ही महत्वपूर्ण है। इस दिन अयोध्या में वह सब हो गया जिसकी आशंका सालों से जताई जा रही थी। हालांकि यह बात भी सच है कि अयोध्या में जो कुछ हुआ उसे कोई चाहता नहीं था। आज ही के दिन यानी कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में लाखों कारसेवकों ने विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया था। अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद सैकड़ो सालों से चला आ रहा था। अयोध्या में मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 में आंदोलन शुरू किया था। 5 दिसंबर को ही लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंच गए थे। 


इस मामले की सुनवाई काफी दिनों से चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने कारसेवकों को विवादित ढांचे के सामने सिर्फ भजन-कीर्तन की अनुमति दी थी। लेकिन 6 दिसंबर को भीड़ उग्र हो गई और बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया गया। कहा जाता है कि 6 दिसंबर को अयोध्या में लगभग डेढ़ लाख कारसेवक मौजूद थे। बताया यह भी जाता है कि भीड़ ने 5 घंटे में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया। इस घटना के बाद जो कुछ भी हुआ वह देश की एकता-अखंडता के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं था। देशभर में अलग-अलग जगह सांप्रदायिक दंगे भड़क गए। इन दंगों में कई लोगों की जान चली गई। 6 दिसंबर को अयोध्या में चारों तरफ धूल ही धूल थे। कोई आंधी तो नहीं थी लेकिन तबाही का मंजर दिखाई दे रहा था। अयोध्या जय श्री राम, राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे, के नारों से गूंज रही थी। 


नौ नवंबर, 2019 को अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर दशकों तक चले विवाद पर उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब विराम लग गया है और भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति वाले फैसले में 2.77 एकड़ विवादित जमीन को ‘राम लला’ के पक्ष में देने का आदेश दिया था और केंद्र सरकार को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का निर्देश दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल पांच अगस्त को यहां राम मंदिर की आधारशिला रखी। लेकिन यह जान लेना महत्वपूर्ण होगा कि संबंधित स्थल पर बनी बाबरी मस्जिद को 29बरस पहले कारसेवकों ने छह दिसंबर के दिन गिरा दिया था। उनका मानना था कि यह मस्जिद मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में घटी यह घटना इतिहास में प्रमुखता के साथ दर्ज है। इससे देश के दो संप्रदायों के बीच दरार और गहरा गई थी। तब से बाबरी विध्वंस की बरसी पर एक पक्ष ‘शौर्य दिवस’ मनाता रहा जबकि दूसरा पक्ष काला दिवस ने रुप में मनाता रहा।


देश की राजनीति में परिवर्तन


6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के बाद देश की राजनीति में अप्रत्याशित परिवर्तन आया। 1980 में बनी भाजपा को राम मंदिर आंदोलन और बाबरी विध्वंस के बाद राजनीति में धार मिलनी शुरू हो गई। राम मंदिर आंदोलन को संघ ने पूरी तरीके से आगे बढ़ाया और भाजपा तथा विश्व हिंदू परिषद के नेता इसकी अगुवाई करते रहें। कुल मिलाकर देखें तो 6 दिसंबर 1992 का दिन भाजपा के लिए गेंमचेजिंग इवेंट साबित हुआ। विश्लेषक बताते हैं कि आजादी के बाद देश सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से दूर जा रहा था लेकिन राम मंदिर आंदोलन ने एक बार फिर से देश को उस राह पर ला दिया। इस आंदोलन से पहले भाजपा की पहचान एक छोटे राजनीतिक दल के रूप में होती थी। लेकिन इस आंदोलन ने उसे बड़ा बना दिया। देश की राजनीतिक ध्रुवीकरण और तुष्टीकरण के बीच बंटती चली गई। 


भाजपा को राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत बड़ा फायदा हुआ। दक्षिणपंथी विचारधारा को मजबूती मिली और उसके संगठन लगातार राम मंदिर के इर्द-गिर्द अपनी राजनीति करते रहे। हालांकि, इन संगठनों का लगातार दावा रहा कि राम उनके लिए राजनीति नहीं बल्कि आस्था हैं। राम मंदिर आंदोलन के बाद समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस जैसे दलों पर हिंदू विरोधी होने के आरोप लगते रहे जबकि भाजपा का हिंदुत्व राम मंदिर के इर्द-गिर्द फलता फूलता रहा। कभी 2 सीटों पर सिमटने वाली पार्टी सत्ता के शिखर तक पहुंच गई। आज की मौजूदा स्थिति में भी भाजपा लगातार राम मंदिर मुद्दे को उठाती रहती है। भाजपा दावा करती है कि जिस राम मंदिर निर्माण का संकल्प उसके नेताओं ने किया था आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उस राम मंदिर का निर्माण भव्य तरीके से किया जा रहा है। 

All the updates here:

अन्य न्यूज़