लिपुलेख में जहां भारत-नेपाल में है तनाव, चीन ने बढ़ाई सैनिकों की तादात

Nepal
अभिनय आकाश । Aug 20 2020 5:12PM

चीन ने जुलाई महीने में ही पाला के पास लगभग 1,000 सैनिकों की तैनाती की थी और चीन द्वारा वहां एक स्थायी चौकी भी बनाई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 15 दिन पहले 2 हजार से अधिक सैनिक उसी इलाके में तैनात किए गए हैं।

उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को लेकर भारत और नेपाल के बीच तनाव बना हुआ है। इसी बीच चीन ने वहां अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार चीन ने 150 लाइट कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड की तैनाती की है। बताया जा रहा है कि इस ब्रिगेड को दो हफ्ते पहले तिब्बत से चीन के लिपुलेख त्रि-जंक्शन की ओर तैनात किया गया है। भारतीय अधिकारियों को दो हफ्ते पहले पता चला है कि सीमा से लगभग 10 किलोमीटर दूर पाला में चीनी सैनिकों की तैनाती की गई है। चीन ने जुलाई महीने में ही पाला के पास लगभग 1,000 सैनिकों की तैनाती की थी और चीन द्वारा वहां एक स्थायी चौकी भी बनाई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 15 दिन पहले 2 हजार से अधिक सैनिक उसी इलाके में तैनात किए गए हैं। लिपुलेख झील के पास 17,000 फीट की ऊंचाई पर भारत के सड़क निर्माण किए जाने पर नई दिल्ली और काठमांडू के बीच पैदा हुए तनाव के बाद से ही नेपाल लगातार इल इलाके अपना दावा करता नजर आ रहा है। 

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गौरतलब है कि कालापानी इलाके का लिपुलेख दर्रा चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिहाजे से बेहद महत्वपूर्ण है। 1962 से ही कालापानी पर भारत की इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की पहरेदारी है। इस लिहाजे से कालापानी भारत के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। 1962 युद्ध के दौरान भारतीय सेना यहां पर थी। इस क्षेत्र में चीन ने भी बहुत हमले नहीं किए थे क्योंकि भारतीय सेना यहां मजबूत स्थिति में थी। भारत का डर ये है कि अगर वो इस पोस्ट को छोड़ता है, तो हो सकता है चीन वहां धमक जाए और इस स्थिति में भारत को सिर्फ नुकसान हासिल होगा। 

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