कौन होगा उत्तराखंड का CM? आज हो जाएगा साफ

अन्य नामों पर भी चर्चा है जिनमें सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और ऋतु खंडूड़ी का नाम शामिल है। केंद्रीय नेतृत्व के साथ नजदीकियों के कारण राज्यसभा सदस्य व भाजपा के केंद्रीय मीडिया सेल के प्रमुख अनिल बलूनी के नाम को भी नकारा नहीं जा रहा है।
उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह सोमवार को पता चल जाएगा। शाम 5 बजे उत्तराखंड के पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में देहरादून में निर्वाचित विधायकों की बैठक होगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी। संकेतों से साफ है कि चुनाव हारने के बाद भी इस दौड़ में निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नाम आगें चल रहा है। गोवा में भी विधायक सोमवार को अपना नेता चुन लेंगे, वहां भी निवर्तमान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नाम पर मुहर लगने की संभावना है। रविवार को मणिपुर में भाजपा विधायकों ने निवर्तमान मुख्यमंत्री बिरन सिंह को अपना नेता चुन लिया, यानी वो ही दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री होंगे। उत्तर प्रदेश में नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों की गुरुवार को एक बैठक होनी है जिसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगना औपचारिकता भर है। योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।
अमित शाह के घर पर मंथन
रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर उत्तराखंड और केंद्रीय नेताओं के बीच अंतिम दौर का विचार विमर्श हुआ। इसके बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष ने शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बैठक में हुए विचार विमर्श के बारे में जानकारी दी। बैठकों के बाद मिल रहे संकेतों से साफ है कि चुनाव में हार के बाद भी पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में अन्य दावेदारों से आगे हैं। अन्य नामों पर भी चर्चा है जिनमें सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और ऋतु खंडूड़ी का नाम शामिल है। केंद्रीय नेतृत्व के साथ नजदीकियों के कारण राज्यसभा सदस्य व भाजपा के केंद्रीय मीडिया सेल के प्रमुख अनिल बलूनी के नाम को भी नकारा नहीं जा रहा है।
कोई नाम नहीं आया सामने
दिनभर चली बैठकों के बावजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में स्पष्ट रूप से कोई एक नाम सामने नहीं आ पाया। इसके लिए सोमवार को प्रस्तावित विधायक दल की बैठक का इंतजार करना होगा। मालूम हो कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 70 में से 47 सीटें जीतने के बाद भी धामी की हार के कारण मुख्यमंत्री पद की गुत्थी उलझ गई थी।
ज्यादा प्रयोग की नहीं है गुंजाइश
तमाम प्रयासों के बावजूद बीजेपी के लिए उत्तराखंड में ज्यादा प्रयोग की गुंजाइश नहीं है। दो मुख्यमंत्रियों पर प्रयोग करने के बाद आखिरकार केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले वर्ष धामी को उत्तराखंड की कमान सौंपी थी। पुष्कर सिंह धामी भले ही चुनाव हार गए हों लेकिन भाजपा की जीत में उनका योगदान नकारा नहीं जा सकता। यही वजह है कि राज्य के दिग्गज नेताओं के दावे के बावजूद भी धानी सीएम पद की दौड़ से बाहर नहीं हुए हैं।
अन्य न्यूज़













