पहले मोदी Kuwait गये, अब Saudi Arabia जाएंगे, पहले Abu Dhabi के शहजादे के भारत आये अब Dubai के Crown Prince भी भारत आये, खाड़ी देशों के साथ क्यों निकटता बढ़ा रहे हैं PM?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इसी महीने दो दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के साथ-साथ प्रस्तावित भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर भी विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।
भारत और खाड़ी देशों के संबंध बेहद प्रगाढ़ हो रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की यात्रा पर गये थे और अब वह सऊदी अरब जाने वाले हैं। कुछ समय पहले अबू धाबी के युवराज भारत आये थे तो इस समय दुबई के शहजादे भारत की यात्रा पर हैं। कुछ समय पहले भारत तथा खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) की बैठक रियाद में हुई थी जिसमें कई सहमतियां बनी थीं। खाड़ी देशों के साथ व्यापारिक संबंध ही आगे नहीं बढ़ रहे बल्कि रक्षा क्षेत्रों में भी नये नये करार हो रहे हैं जिससे भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र को बड़ा लाभ हो रहा है साथ ही खाड़ी देशों को उच्च कोटि के रक्षा उत्पाद दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले कम दाम पर मिल रहे हैं। यह सब दर्शा रहा है कि इस्लामिक देशों खासकर खाड़ी देशों के साथ संबंध सुधारने पर मोदी सरकार बेहद जोर दे रही है।
जहां तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सऊदी अरब की यात्रा की बात है तो आपको बता दें कि उनके इसी महीने दो दिवसीय यात्रा पर वहां जाने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के साथ-साथ प्रस्तावित भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर भी विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री संभवतः अप्रैल के तीसरे सप्ताह में सऊदी अरब की यात्रा करेंगे, जो करीब चार वर्षों के अंतराल के बाद इस खाड़ी देश की उनकी पहली यात्रा होगी।
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वहीं दुबई के शहजादे की भारत यात्रा की बात करें तो आपको बता दें कि इस दौरान भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सैन्य उपकरणों के सह-विकास सहित रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर सहमति व्यक्त की है। दुबई के शहजादे शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की भारत यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने समग्र संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत कोच्चि और वाडिनार में पोत मरम्मत क्लस्टर स्थापित करने तथा दुबई में भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद का एक परिसर स्थापित करने सहित अन्य विषयों पर चर्चा की। अल मकतूम द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ अलग-अलग बैठकों के कुछ घंटों बाद यह घोषणा की गई।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह भी निर्णय लिया गया कि भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) का पहला विदेशी परिसर दुबई में स्थापित किया जाएगा और दुबई में भारत-यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) मैत्री अस्पताल के निर्माण के लिए भूमि आवंटित की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘भारत मार्ट’ का निर्माण कार्य शुरू करने और ‘भारत मार्ट’ परिसर के ‘3-डी प्रारूप’ आरंभ करने पर सहमति बनी है। मोदी के साथ अपनी बैठक में दुबई के शहजादे ने प्रधानमंत्री को अपने दादा शेख राशिद के बिष्ट (अरब पुरुषों द्वारा कंदूरा के ऊपर पहना जाने वाला पारंपरिक कढ़ाई वाला लबादा) की प्रतिकृति भेंट की, जो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और पीढ़ीगत राजनीतिक मित्रता का प्रतीक है। दोनों नेताओं ने भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी और मजबूत सांस्कृतिक एवं लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की।
दुबई के शहजादे यूएई के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री भी हैं। वह मंगलवार सुबह भारत की दो दिवसीय यात्रा पर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे। शाम को वह मुंबई पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई के शहजादे के लिए लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर भोज का आयोजन किया। सोशल मीडिया पोस्ट में मोदी ने कहा कि दुबई ने भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी ने कहा, ‘‘दुबई के शहजादे एचएच शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मिलकर खुशी हुई। दुबई ने भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह विशेष यात्रा हमारी गहरी दोस्ती की पुष्टि करती है और भविष्य में और भी मजबूत सहयोग का मार्ग प्रशस्त करती है।’’
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने मंगलवार को सैन्य उपकरणों के सह-विकास सहित रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुबई के शहजादे शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के साथ वार्ता की, जिसमें रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुबई के शहजादे शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की भारत की ‘‘विशेष’’ यात्रा ने मजबूत द्विपक्षीय सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अल मकतूम ने रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भारत-यूएई संबंधों को मजबूत करने में दुबई की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दुबई के शहजादे के साथ अलग से बैठक की और बाद में कहा कि भारत सह-उत्पादन और सह-विकास परियोजनाओं सहित रक्षा क्षेत्र में खाड़ी देश के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि भारत और यूएई दोनों क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह और अल मकतूम इस बात से सहमत हुए कि रक्षा उद्योगों के बीच करीबी सहयोग द्विपक्षीय रिश्तों का अभिन्न अंग होना चाहिए। रक्षा मंत्री सिंह ने अल मकतूम के साथ अपनी बैठक को ‘‘सार्थक’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘नयी दिल्ली में दुबई के शहजादे, यूएई के उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के साथ एक सार्थक बैठक हुई। यूएई के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी भारत के लिए प्राथमिकता है।’’ राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘आने वाले वर्षों में हम रक्षा सहयोग, सह-उत्पादन और सह-विकास परियोजनाओं, नवाचार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।’’ रक्षा मंत्रालय ने कहा कि राजनाथ सिंह और अल मकतूम ने माना कि प्रधानमंत्री मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान के दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प के अनुरूप रक्षा सहयोग को बढ़ाने की जरूरत है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दुबई के शहजादे से मुलाकात की। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘दुबई के शहजादे और यूएई के रक्षा मंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम का भारत की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे व्यापक सहयोग और जीवंत संबंधों के लिए उनके सकारात्मक विचारों की मैं सराहना करता हूं।''
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