बिना पहचान पत्र 2000 रुपये का नोट बदलने की इजाजत क्यों? RBI की प्रक्रिया के खिलाफ SC में याचिका

 Rs 2000 note
Creative Common
अभिनय आकाश । May 31 2023 1:08PM

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीते दिनों वकील और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बिना किसी पहचान प्रमाण के 2000 रुपए के नोट बदलने की अनुमति को चुनौती दी गई थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीते दिनों वकील और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बिना किसी पहचान प्रमाण के 2000 रुपए के नोट बदलने की अनुमति को चुनौती दी गई थी। 

इसे भी पढ़ें: NITI Ayog की मीटिंग का बहिष्कार करेंगे केजरीवाल, पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, पूछा- क्या यही सहकारी संघवाद है?

याचिकाकर्ता ने मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के बिना नोट बदलने की आरबीआई की अनुमति को मनमाना और तर्कहीन बताया। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता और कानूनों की समान सुरक्षा) का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की बड़ी मात्रा में मुद्रा या तो व्यक्तियों के लॉकरों में थी या "अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, ड्रग तस्करों, खनन माफियाओं और भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा की गई है। हाई कोर्ट में आरबीआई ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि 2000 के नोटों को वापस लेना विमुद्रीकरण नहीं बल्कि एक वैधानिक अभ्यास था और उनके विनिमय को सक्षम करने का निर्णय परिचालन सुविधा के लिए लिया गया था। आरबीआई के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पराग पी त्रिपाठी ने जोर देकर कहा कि अदालत ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।

इसे भी पढ़ें: Bengal Jobs Scam: अभिषेक बनर्जी को राहत नहीं, ED-CBI की जारी रहेगी पूछताछ, 25 लाख रुपए के जुर्माने पर SC ने लगाई रोक

उपाध्याय ने अदालत से कहा कि वह बैंकनोटों को वापस लेने के फैसले को चुनौती नहीं दे रहे हैं, लेकिन बिना किसी पर्ची या पहचान प्रमाण के एक्सचेंज का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंक खातों में जमा के माध्यम से नोटों के आदान-प्रदान की अनुमति दी जानी चाहिए। याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि उच्च मूल्य वाली मुद्रा में नकद लेनदेन भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत था। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, कट्टरवाद, जुआ, तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, अपहरण, जबरन वसूली, रिश्वत, दहेज आदि जैसी अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़