Kota में Om Birla को टक्कर देने के लिए क्या कामयाब होगा कांग्रेस की ओर से पूर्व भाजपाई पर लगाया गया दांव?

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चुनावी मुकाबले में जहां प्रह्लाद गुंजल ओम बिरला पर व्यक्तिवादी होने का आरोप लगाते हुए उन पर तमाम निशाने साध रहे हैं वहीं ओम बिरला को विश्वास है कि जनता से उनका जुड़ाव और उनके द्वारा किए गए विकास तथा मोदी की गारंटी के नाम पर जनता इस बार भी भाजपा को ही अवसर देगी।

राजस्थान का कोटा शहर उम्मीदों को पूरा करने और लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मार्गदर्शन लेने के लिए मशहूर है। देश में कोचिंग फैक्ट्री के नाम से प्रसिद्ध इस शहर के कोचिंग संस्थानों में प्रति वर्ष हजारों की संख्या में छात्र आते हैं ताकि वह यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें और डॉक्टर या इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर सकें।

इस लिहाज से कोटा में बुनियादी सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। राजस्थान में पानी की कमी कई इलाकों में रहती है लेकिन कोटा में चंबल नदी का पानी सबके घरों में आसानी से उपलब्ध होता है। तमाम घरों में टंकियां तक नहीं हैं क्योंकि नल से जल हर समय आता है। कोटा की साफ सुथरी और चौड़ी सड़कें यहां के विकास को प्रदर्शित करती हैं।

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यहां भाजपा प्रत्याशी और निवर्तमान लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह कोटा से तीन बार विधायक भी रहे हैं। इस क्षेत्र के वह काफी प्रभावशाली नेता हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजल से है। प्रह्लाद गुंजल भाजपा के पूर्व विधायक हैं। वह कुछ समय पहले ही पाला बदल कर कांग्रेस में गए थे। बताया जाता है कि कांग्रेस की ओर से कोई नेता उम्मीदवार बनने का इच्छुक नहीं था इसलिए उसने प्रह्लाद गुंजल को ही टिकट थमा दिया। इस तरह ओम बिरला का चुनावी मुकाबला अपने ही एक पूर्व साथी से हो रहा है।

चुनावी मुकाबले में जहां प्रह्लाद गुंजल ओम बिरला पर व्यक्तिवादी होने का आरोप लगाते हुए उन पर तमाम निशाने साध रहे हैं वहीं ओम बिरला को विश्वास है कि जनता से उनका जुड़ाव और उनके द्वारा किए गए विकास तथा मोदी की गारंटी के नाम पर जनता इस बार भी भाजपा को ही अवसर देगी।

हम आपको बता दें कि कोटा संसदीय क्षेत्र में विधान सभा की 8 सीटें आतीं हैं जिसमें से 4 भाजपा और 4 कांग्रेस के पास हैं। कोटा नगर निगम के महापौर हाल ही में भाजपा के साथ आ गए जिससे भगवा खेमे में जोश दिख रहा है।

कोटा में दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को मतदान होना है। जैसे जैसे मतदान का दिन करीब आता जा रहा है वैसे वैसे भाजपा और कांग्रेस का चुनाव प्रचार तेज होता जा रहा है। हालांकि कुल मिलाकर देखें तो ओम बिरला का नाम यहां अन्य उम्मीदवारों की अपेक्षा काफी प्रभावी दिखाई पड़ रहा है।

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