बिना नाम लिए सुशील मोदी ने जीतन राम मांझी पर साधा निशाना, भगवान राम को लेकर कह दे यह बड़ी बात

sushil modi
ANI pictures
अंकित सिंह । Apr 16 2022 4:12PM

राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि जो श्रीराम को काल्पनिक बताने का दुस्साहस कर रहे हैं, वे दरअसल आदि कवि वाल्मीकि, उनके आश्रम में पले सीतापुत्र लव-कुश, निषादराज केवट और भक्त शिरोमणि शबरी को भी नकारने की कोशिश कर रहे हैं।

हाल में ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भगवान राम को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जीतन राम मांझी ने साफ तौर पर कहा था कि वह भगवान राम को नहीं मानते। इसके बाद से भाजपा में नाराजगी है। यही कारण है कि बिना नाम लिए बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने जीतन राम मांझी पर निशाना साधा है। एक के बाद एक कई ट्वीट के जरिए सुशील मोदी ने यह बता दिया कि भगवान राम को लेकर कोई भी विवादित टिप्पणी भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी। अपने ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा कि श्रीराम ऐसे विराट व्यक्तित्व थे कि उनके जीवन से भारत ही नहीं, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया सहित कई देशों की संस्कृति प्रभावित हुई।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि जो श्रीराम को काल्पनिक बताने का दुस्साहस कर रहे हैं, वे दरअसल आदि कवि वाल्मीकि, उनके आश्रम में पले सीतापुत्र लव-कुश, निषादराज केवट और भक्त शिरोमणि शबरी को भी नकारने की कोशिश कर रहे हैं। यह कहना हास्यास्पद ही है कि कोई स्वयं को शबरी का पुत्र बताये, लेकिन माता शबरी ने जिनकी भक्ति से संत समाज में अक्षय कीर्ति पायी, उस महानायक श्रीराम को ही काल्पनिक बता दे। आस्था पर चोट और समाज को बाँटने की ऐसी ओछी राजनीति कभी सफल नहीं होगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारतीय इतिहास, संस्कृति और परम्परा के नायक ही नहीं, हमारे पुरखा हैं।

इसे भी पढ़ें: जीतन राम मांझी का विवादित बयान, बोले- राम भगवान नहीं थे, तुलसीदास-वाल्मीकि ने रामायण में बनाया था पात्र

सुशील मोदी ने कहा कि उनके समकालीन महर्षि वाल्मीकि ने रामायण के रूप में, जिनका इतिहास लिखा और जिनके होने के अमिट प्रमाण अयोध्या से श्रीलंका के रामसेतु तक उपलब्ध हैं, उन पर अनर्गल बयान देकर किसी को भी करोड़ों हिंदुओं की भावनाएँ आहत नहीं करनी चाहिए। जिन दलों या लोगों ने क्षुद्र राजनीतिक हितों के दबाव में ऐसे बयान दिये, वे राम-भक्त समाज के चित से ही उतर गए। आपको बता दें कि जीतन राम मांझी ने जमुई में एक सभा के दौरान कहा कि राम कोई भगवान नहीं हैं। तुलसीदास और वाल्मीकि ने राम का किरदार कहानी कहने के लिए बनाया था। यह अच्छी चीजें हैं और हम उसका सम्मान करते हैं। इसके साथ ही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने यह भी कह दिया कि वे तुलसीदास और वाल्मीकि का सम्मान करते हैं लेकिन राम का नहीं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़