30 साल पुराने मामले में अपनी पैरवी खुद करेगा यासीन मलिक, कहा- नहीं चाहिए किसी वकील की मदद

Yasin Malik
अंकित सिंह । Sep 6 2021 7:19PM

प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के यासीन मलिक ने दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत की कार्यवाही में भाग लिया। अन्य अभियुक्तों के साथ मलिक पर इन दोनों मामलों में अलग-अलग आरोप दर्ज हैं।

भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या और तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी डॉक्टर रुबिया सईद के अपहरण मामले में विशेष अदालत में शनिवार को जिरह की प्रक्रिया शुरू हुई। इस मामले में अब तक यासीन मलिक आरोपी है। तिहाड़ जेल में बंद प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष मोहम्मद यासीन मलिक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ। अदालत में पेश होने के बाद उसने न्यायाधीश से कहा कि वह किसी वकील की मदद नहीं लेना चाहेगा। वह स्वयं गवाहों से जिरह करना चाहेगा।

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अधिकारियों ने बताया कि दोनों मामलों में अभियोजन पक्ष के एक प्रत्यक्षदर्शी अब्दुल रहमान सोफी और वायु सेना कर्मियों की हत्या के आरोपी सलीम उर्फ ‘नानाजी’ को अदालत में पेश किया गया। प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के यासीन मलिक ने दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत की कार्यवाही में भाग लिया। अन्य अभियुक्तों के साथ मलिक पर इन दोनों मामलों में अलग-अलग आरोप दर्ज हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर बाद पूछताछ रोक दी गई क्योंकि बहुत से अन्य आरोपी अदालत में नहीं पहुंच सके। उनके वकीलों ने कहा कि कश्मीर घाटी में “अशांति” के चलते उनके मुवक्किल अदालत में पेश नहीं हो पाए। इन मामलों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की ओर से मुख्य अभियोजक के तौर पर पेश हुई मोनिका कोहली ने एजेंसी की तरफ से पूछताछ की।

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आपको बता दें कि पूरा मामला 25 जनवरी 1990 का है। भारतीय वायु सेना के 4 जवानों की हत्या में मलिक और छह अन्य के खिलाफ पिछले साल 16 मार्च को आरोप तय किए गए थे। अन्य आरोपियों में अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ नलका, शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी शामिल है। अगस्त 1990 में सीबीआई ने वायुसेना कर्मियों की हत्या में आरोप पत्र दायर किया था।

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