येचुरी ने कश्मीर दौरे की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा के रूप में पेश की

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[email protected] । Sep 2 2019 8:38PM

उच्चतम न्यायालय की अनुमति से येचुरी ने गत 29 अगस्त को माकपा की जम्मू कश्मीर इकाई के नेता और बीमार चल रहे पूर्व विधायक यूसुफ तारीगामी से मुलाकात करने के लिये वहां का दौरा किया था।

नयी दिल्ली। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद अपने कश्मीर दौरे से जुड़ी एक रिपोर्ट सोमवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष हलफनामे के रूप में पेश की। समझा जाता है कि इसमें उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का भी जिक्र किया है। उच्चतम न्यायालय की अनुमति से येचुरी ने गत 29 अगस्त को माकपा की जम्मू कश्मीर इकाई के नेता और बीमार चल रहे पूर्व विधायक यूसुफ तारीगामी से मुलाकात करने के लिये वहां का दौरा किया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार येचुरी ने अपनी यात्रा से जुड़ी सीलबंद रिपोर्ट न्यायालय में हलफनामे के साथ पेश कर दी। 

माकपा सूत्रों ने हालांकि रिपोर्ट का ब्यौरा देने से इंकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि येचुरी ने न्यायालय के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर श्रीनगर एम्स में इलाज करा रहे तारीगामी से मिलने की अनुमति मांगी थी। पार्टी सूत्रों के अनुससार येचुरी ने रिपोर्ट में न सिर्फ तारीगामी की सेहत का विवरण दिया है बल्कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद उत्पन्न स्थिति का ब्यौरा भी पेश किया है। 

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येचुरी ने पांच अगस्त के बाद पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं से मिलने की दो बार कोशिश की थी लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें कानून व्यवस्था का हवाला देकर श्रीनगर हवाईअड्डे से ही वापस भेज दिया। बाद में उच्चतम न्यायालय ने येचुरी को इस शर्त पर तारीगामी से मिलने की अनुमति दी थीकि वह इस दौरान राज्य में किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। शीर्ष अदालत ने येचुरी को हलफनामा पेश कर यात्रा विवरण देने का भी निर्देश दिया था।

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