Paris Olympics 2024: अंतिम ओलंपिक क्वालीफाइंग प्रतियोगिता में अमन सहरावत से बड़ी उम्मीदें

 Aman Sehrawat
प्रतिरूप फोटो
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अमन सहरावत और अनुभवी दीपक पूनिया गुरुवार से तुर्किए के इस्तांबुल में शुरू होने वाले अंतिम विश्व कुश्ती क्वालीफायर्स में पेरिस ओलंपिक के लिए पुरुषों के फ्री स्टाइल वर्ग में कोटा हासिल करने का प्रयास करेंगे। पहलवानों के पास पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का यह अंतिम मौका होगा।

 प्रतिभाशाली अमन सहरावत और अनुभवी दीपक पूनिया गुरुवार से तुर्किए के इस्तांबुल में शुरू होने वाले अंतिम विश्व कुश्ती क्वालीफायर्स में पेरिस ओलंपिक के लिए पुरुषों के फ्री स्टाइल वर्ग में कोटा हासिल करने का प्रयास करेंगे। पहलवानों के पास पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का यह अंतिम मौका होगा।

विश्व अंडर 23 चैंपियन अमन से विश्व चैंपियनशिप या बिश्केक में एशियाई क्वालीफायर में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद थी लेकिन वह इन दोनों अवसरों पर नाकाम रहे। अमन (57 किग्रा) को बिश्केक में जहां गुलोमजोन अब्दुल्लाव की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा वहीं विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता दीपक (86 किग्रा) और सुजीत कलकल (65 किग्रा) दोनों दुबई में फंसने के कारण समय पर बिश्केक नहीं पहुंच पाए थे।

इस्तांबुल में अब भारतीय पहलवानों के लिए करो या मरो जैसी स्थिति बन गई है। यहां प्रत्येक वर्ग में फाइनल में पहुंचने वाले दोनों खिलाड़ियों को कोटा मिलेगा। तीसरा कोटा कांस्य पदक के लिए होने वाले मुकाबले में जीत दर्ज करने वाले खिलाड़ी को मिलेगा। इस चार दिवसीय टूर्नामेंट की शुरुआत ग्रीको रोमन शैली से होगी। इसके बाद महिला और फ्री स्टाइल प्रतियोगिताएं होंगी।

भारत के किसी भी पुरुष पहलवान ने अभी तक पेरिस ओलंपिक में जगह नहीं बनाई है और अगर वह यहां भी कोटा हासिल करने में असफल रहते हैं तो यह भारतीय कुश्ती के लिए करारा झटका होगा जो पिछले कुछ समय से भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के कारण चर्चा में रही है। विरोध प्रदर्शन के कारण भारतीय पहलवान राष्ट्रीय शिविर और प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाए जिससे उनकी तैयारियां प्रभावित हुई। भारत को हालांकि अमन और दीपक से काफी उम्मीदें हैं।

अमन के कोच रहे प्रवीण दहिया ने कहा कि, अगर मुकाबला लंबा खिंचता है तो अमन किसी भी पहलवान को हरा सकता है। बिश्केक में जो कुछ हुआ उससे वास्तव में वह काफी निराश था। पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय शिविर का आयोजन भी नहीं किया गया है जिसका असर तैयारियों पर पड़ा है। इसके अलावा कोचिंग स्टाफ में बदलाव का भी असर पड़ा है।’’ अगर अमन कोटा हासिल नहीं कर पाता है तो इसका मतलब होगा कि तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया को पेरिस में प्रतिस्पर्धा करने का मौका नहीं मिलेगा।

अमन के कोटा हासिल करने पर राष्ट्रीय महासंघ अंतिम ट्रायल के जरिए यह तय करेगा की 26 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों में कौन खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। जयदीप (74 किग्रा) दीपक (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा) के पास भी पुरुषों की फ्री स्टाइल में कोटा हासिल करने का आखिरी मौका होगा।

भारत में अभी तक पेरिस ओलंपिक के लिए चार कोटा हासिल किए हैं। उसने यह सभी महिला वर्ग में हासिल किए हैं तथा मानसी अहलावत (62 किग्रा) और निशा दहिया (68 किग्रा) से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद है। भारत अगर ग्रीको रोमन में कोटा हासिल करता है तो यह उसके लिए बोनस जैसा होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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