KM Cariappa Death Anniversary: भारत के पहले कमांडर इन चीफ थे केएम करियप्पा, पाक जनरल भी करते थे सम्मान

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आज ही के दिन यानी की 15 मई को आजाद भारत के पहले फील्ड मार्शल केएम करियप्पा निधन हो गया था। उन्होंने करीब 30 साल भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा की और साल 1953 में वह सेवानिवृत्त हो गए।

आजाद भारत के पहले फील्ड मार्शल केएम करियप्पा का 15 मई को निधन हो गया था। उनको 15 जनवरी 1949 को सेना प्रमुख बनाया गया था। करियप्पा सेना प्रमुख होने के साथ ही भारतीय सेना के पहले फाइव स्टार रैंक के अधिकारी हुआ करते थे। उन्होंने करीब 30 साल भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा की और साल 1953 में वह सेवानिवृत्त हो गए। बता दें कि रिटायरमेंट के बाद भी केएम करियप्पा किसी न किसी रूप में भारतीय सेना में अपना योगदान देते रहे। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर केएम करियप्पा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में... 

जन्म और शिक्षा

कर्नाटक में 28 जनवरी 1899 को केएम करियप्पा का जन्म हुआ था। इनकी शुरूआती शिक्षा माडिकेरी सेंट्रल हाई स्कूल से हुई और फिर आगे की पढ़ाई मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज से पूरी की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद केएम करियप्पा इंदौर स्थित आर्मी ट्रेनिंग स्कूल के लिए सेलेक्ट हो गए। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद साल 1919 में उनको सेना में कमीशन मिला और वह भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट तैनाती कर दी गई।

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सेना दिवस का करियप्पा से कनेक्शन

दरअसल, 15 जनवरी 1949 को केएम करियप्पा को भारत का सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। इस दिन ही भारतीय अधिकारी को कमांडर इन चीफ का पद मिला था। इससे पहले भारत में इस पद पर अंग्रेजों की नियुक्ति होती थी। वहीं 15 जनवरी 1949 को पहली बार ब्रिटिश शासन ने भारतीय सेना को कमान सौंपी थी। इस दौरान केएम करियप्पा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने जनरल सर फ्रांसिस बुचर का स्थान लिया और भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में पद संभाला था। 15 जनवरी को भारत में हर साल सेना दिवस भी मनाया जाता है।

ऐसे बने फील्ड मार्शल

साल 1953 में केएम करियप्पा सेना से रिटायर हो गए थे। जिसके बाद करियप्पा को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का राजदूत बनाया गया। उन्होंने अपने अनुभव से कई देशों की सेनाओं के पुनर्गठन में भी सहायता की। वहीं साल 1986 में भारत सरकार ने उनको 'फील्ड मार्शल' का पद सौंपा था। बता दें कि केएम करियप्पा को मेन्शंड इन डिस्पैचेस, ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर और लीजियन ऑफ मेरिट जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया गया था।

मृत्यु

वहीं 15 मई 1993 को 94 साल की उम्र में केएम करियप्पा का बेंगलुरू में निधन हो गया था।

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