Lala Lajpat Rai Death Anniversary: लाला लाजपत राय की एक दहाड़ से हिल गए थे अंग्रेज, मौत के बाद भी बने प्रेरणा

Lala Lajpat Rai
ANI

लाला लाजपत राय का 17 नवंबर को निधन हो गया था। उनको पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता था। दुनिया के सामने भारत को एक महान देश के तौर पर खड़ा करने में लाला लाजपत राय ने अग्रणी भूमिका निभाई थी।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, समाज सुधारक और लेखक लाला लाजपत राय का 17 नवंबर को निधन हो गया था। लाला लाजपत राय को पंजाब केसरी के नाम से जाने जाते थे। उनका जीवन स्वतंत्रता के एक अहम अध्याय का हिस्सा बन चुका था। देश की आजादी के लिए लाला लाजपत राय ने हर भारतीय के दिल में एक लौ जलाई थी। दुनिया के सामने भारत को एक महान देश के तौर पर खड़ा करने में लाला लाजपत राय ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर लाला लाजपत राय के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और परिवार

पंजाब के जिला फरीदकोट के ढहिया गांव में 28 जनवरी 1865 को लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था। उनका शैक्षणिक जीवन बेहद प्रेरणादायक था, क्योंकि लाला लाजपत राय समाज की अन्यायपूर्ण व्यवस्थाओं से हमेशा लड़ने के लिए तत्पर रहते थे। 

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देश की आजादी में भागीदारी

लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए और स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। उनका मानना था कि अंग्रेजों के खिलाफ सिर्फ राजनीतिक संघर्ष ही नहीं बल्कि आर्थिक सुधार और सामाजिक सुधार भी जरूरी है। लाला लाजपत राय ने पंजाब के विभिन्न हिस्सों में जागरुकता फैलाने के लिए जनसभाएं आयोजित की थीं।

साइमन कमीशन

साल 1928 में लाला लाजपत राय ने साइमन कमीशन का नेतृत्व किया था। इस कमीशन में कोई भारतीय सदस्य नहीं था, जिसका विरोध करने के लिए लाला लाजपत राय ने लाहौर में बड़ा आंदोलन किया था। इस दौरान पुलिस अधीक्षक जेम्स ए. स्कॉट के आदेश पर लाठीचार्ज हुआ, जिसमें लाला लाजपत राय गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

समाज सुधारक

लाला लाजपत राय ने सिर्फ राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए नहीं बल्कि समाज सुधार के लिए भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे। उन्होंने भारतीय समाज में बाल विवाह, जातिवाद और महिलाओं के अधिकारों के लिए भी आवाज उठाई थी। अमेरिका में भी लाला लाजपत राय ने भारतीयों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था। उनका मानना था कि विदेशों में बसे भारतीयों को ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

मृत्यु

साइमन कमीशन के विरोध में हुए आंदोलन में लाठी चार्ज होने पर लाला लाजपत राय को गंभीर चोट लगी थीं। जिस कारण 17 नवंबर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई।

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