MS Swaminathan Birth Anniversary: एम एस स्वामीनाथन ने देश को अन्न संकट से निकाल बनाया था आत्मनिर्भर

मशहूर कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन का 07 अगस्त को जन्म हुआ था। साल 1960 में जब भारत अनाज की कमी से जूझ रहा था, तब एम एस स्वामीनाथन आगे आए थे और उन्होंने देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया था।
हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन का 07 अगस्त को जन्म हुआ था। एम एस स्वामीनाथन एक मशहूर कृषि वैज्ञानिक थे। उनको फादर ऑफ ग्रीन रेवोल्यूशन भी कहा जाता है। बताया जाता है कि साल 1960 में जब भारत अनाज की कमी से जूझ रहा था, तब एम एस स्वामीनाथन आगे आए थे और उन्होंने देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बना दिया। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर एम एस स्वामीनाथन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
तमिलनाडु में 07 अगस्त 1925 में एमएस स्वामीनाथन का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम मनकोम्बु संबाशिवन स्वामीनाथन था। साल 1972 और 1979 के बीच डॉ. स्वामीनाथन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बने। वहीं उन्होंने भारत सरकार में कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के सचिव के तौर पर भी काम किया था।
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भारतीय हरित क्रांति के जनक की मिली उपाधि
स्वामीनाथन के काम से कृषि और गेंहू की खेती समेत अन्य उत्पादन में बेतहाशा वृद्धि हुई। इससे भारत जोकि भोजन की कमी वाला देश बन रहा था, वह देश आत्मनिर्भर राष्ट्र्र में तब्दील हो गया। जिस कारण एम एस स्वामीनाथन को 'भारतीय हरित क्रांति के जनक' की उपाधि से नवाजा गया।
प्रतिष्ठित पुरस्कार
कृषि जगत में एमएस स्वामीनाथन को अहम योगदान के कारण कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है। जिनमें से साल 1971 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए स्वामीनाथन को 'रेमन मैग्सेसे पुरस्कार' और साल 1987 में विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं साल 1967 में पद्मश्री और साल 1972 में पद्म भूषण और 1989 में पद्म विभूषण से नवाजा गया।
स्वामीनाथन रिपोर्ट
राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष के तौर पर डॉ स्वामीनाथन ने किसानों की परेशानियां दूर करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने किसानों को फसल की औसत लागत से कम से कम 50% अधिक MSP निर्धारित करने की सिफारिश की थी। जिसको स्वामीनाथन रिपोर्ट कहा गया था।
राज्यसभा सांसद
चेन्नई में डॉ स्वामीनाथन ने एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन में इकोटेक्नोलॉजी में यूनेस्को की कुर्सी संभाली। यहां पर स्वामीनाथन का काम सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेस को जारी रखना था। वहीं साल 2007 और 2013 के बीच स्वामीनाथन को सांसद के तौर पर राज्यसभा के लिए नामित किया गया था।
मृत्यु
वहीं 28 सितंबर 2023 को 98 वर्ष की आयु में एमएस स्वामीनाथन का निधन हो गया।
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