Thomas Edison Death Anniversary: सिर्फ बल्ब ही नहीं, एडिसन ने दिए दुनिया को कई क्रांतिकारी आविष्कार, ऐसे थे दूरदर्शी वैज्ञानिक

महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन का 18 अक्तूबर को निधन हो गया था। थॉमस एडिसन ने दुनिया को बिजली के बल्ब के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक पेन, मूवी कैमरा और कार्बन माइक्रोफोन जैसी तमाम चीजें दे चुके थे। जो आज लोगों के काम आ रही हैं।
अब तक के सबसे महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन का 18 अक्तूबर को निधन हो गया था। उन्होंने अपने जीवनकाल में 1,093 अमेरिकी पेटेंट हासिल किए। थॉमस एडिसन ने दुनिया को बिजली के बल्ब के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक पेन, मूवी कैमरा और कार्बन माइक्रोफोन जैसी तमाम चीजें दे चुके थे। जो आज लोगों के काम आ रही हैं। वह वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक बिजनेसमैन भी थे। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर वैज्ञानिक थॉमस एडिसन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
अमेरिका के ओहियो राज्य में मिलान शहर में 11 फरवरी 1847 को थॉमस एडिसन का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम सैमुअल ऑग्डेन एडिसन व मां का नाम नैंसी मैथ्यु इलियट था। वह अपने माता-पिता की 7वीं संतान थे। हालांकि एडिसन की यात्रा इतनी आसान नहीं रही थी। मंदबुद्धि होने की वजह से एडिसन को स्कूल से निकाल दिया गया था। लेकिन इस दौरान उनकी मां ने उनको घर पर पढ़ाया।
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थॉमस एडिशन की मां के निधन के बाद उनको स्कूल के शिक्षक का एक पत्र मिला। जिसमें लिखा था कि एडिसन पढ़ने में काफी कमजोर हैं। यह पढ़कर एडिसन खूब रोए और हार नहीं मानी। उन्होंने शुरूआती दौर में ग्रांड ट्रंक रेल रोड लाइन से यात्रा करने वालों को अखबार बेचने का काम किया। फिर खुद का अखबार शुरू किया और उसका नाम ग्रैंड ट्रंक हेराल्ड रखा। यह उनका पहला व्यावसायिक उपक्रम था।
पहला बड़ा आविष्कार
साल 1877 में थॉमस एडिसन ने टिनफॉइल फोनोग्राफ का आविष्कार किया था। जोकि उनका पहला और बड़ा आविष्कार था। एडिसन का यह आविष्कार किसी भी आवाज को रिकॉर्ड करने और बजाने में सक्षम पहली मशीन थी। एडिसन के मुताबिक इस मशीन का इस्तेमाल श्रुतलेख, पत्र लिखने और संगीत रिकॉर्ड करने के लिए भी किया जा सकता है। उनके फोनोग्राफ में एक सिलेंडर का इस्तेमाल होता था। इसमें दो सुइयां लगी थीं और एक सुई से रिकॉर्डिंग होती थी और दूसरी से साउंड प्लेबैक किया जाता था।
बल्ब का आविष्कार
बताया जाता है कि थॉमस एडिसन ने बल्ब का फिलामेंट बनाने के लिए 2 हजार से ज्यादा सामान आजमाए। इस दौरान वह हजारों बार फेल हुए और आखिरकार 27 जनवरी 1880 को बल्ब का पेटेंट हासिल किया। बताया जाता है कि उस दौर में इसको बनाने के लिए एडिसन ने 40 हजार डॉलर से ज्यादा खर्च किया था। इस आविष्कार में हाई रेजिस्टेंस कार्बन थ्रेड फिलामेंट का इस्तेमाल किया गया था, जोकि 40 घंटे से अधिक समय तक काम करता था।
इलेक्ट्रिक कारों का सपना
साल 1899 में थॉमस एडिसन ने वाहनों को बैटरी से चलाने का सपना देख लिया था। इसी साल उन्होंने अल्कलाइन स्टोरेज बैटरी विकसित करना शुरूकर दी थी। वह एक ऐसी बैटरी बनाना चाहते थे, जिसको बिना रिचार्ज किए कार को करीब 100 मील तक चलाया जा सके। लेकिन उस दौर में पेट्रोलियम पदार्थों की प्रचुरता थी, इसलिए इलेक्ट्रिक कार दूर की कौड़ी लगने लगी। वहीं 10 साल तक इस पर काम करने के बाद थॉमस एडिसन ने इसे त्याग दिया।
मृत्यु
वहीं 18 अक्तूबर 1931 को 84 साल की उम्र में थॉमस एडिसन की मृत्यु हो गई।
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