Rajiv Gandhi Death Anniversary: 'मॉर्डन इंडिया' की नींव रख गए थे राजीव गांधी, बम धमाके में हुई थी मौत

देश के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भले ही नियति ने कम समय दिया था। लेकिन उन्होंने कम समय में कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे भारत को एक अलग पहचान और ऊंचाई दिलाने का काम किया। 21 मई को पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।
आज ही के दिन यानी की 21 मई को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कम समय में एक जननेता और प्रधानमंत्री के तौर पर देश को विकासपथ पर ले गए। उन्होंने भारत को जो पहचान दिलाई, वह इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित है। राजीव गांधी ने भारत को मजबूत, आधुनिक और खुशहाल राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई। अपनी मां और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 40 साल की उम्र में राजीव गांधी देश के छठे प्रधानमंत्री रहे। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर राजीव गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में हुआ था। उनके पिता का नाम फिरोज गांधी और मां का नाम इंदिरा गांधी था। राजीव गांधी का बचपन तीन मूर्ति भवन में बीता। शुरूआती शिक्षा के बाद राजीव गांधी ने इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। लेकिन उनको किताबी ज्ञान तक सीमित रहना पसंद नहीं आया। इसलिए वह पहले लंदन और फिर कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए। लेकिन तीन साल शिक्षा लेने का बाद राजीव को यहां से भी डिग्री नहीं मिल सकी।
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ऐसे में राजीव गांधी ने लंदन के ही इंपीरियल कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। हालांकि यहां भी मन न लगने पर वह भारत लौट आए और दिल्ली के फ्लाइंग क्लब में पायलट की ट्रेनिंग ली। साल 1970 में राजीव गांधी ने एयर इंडिया के साथ अपने करियर की शुरूआत की।
राजनीतिक सफर
भले ही राजीव गांधी का परिवार भले ही राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय था। लेकिन राजीव गांधी को अपने नाना या मां की तरह राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह राजनीति में आने से पहले पेशेवर पायलट थे। इंदिरा गांधी के साथ उनके बेटे संजय गांधी राजनीतिक विरासत संभाल रहे थे। उस दौरान तक राजीव ने राजनीति में आने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मृत्यु के बाद और बद्रीनाथ धाम के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद जी सलाह पर राजीव गांधी राजनीति में सक्रिय हो गए थे।
राजीव गांधी की छवि हमेशा बेदाग और साफ-सुथरी रही। उन्होंने साल 1980 में जब राजनीति में कदम रखा तो उनको मिस्टर क्लीन माना जाता था। वहीं विदेश से पढ़ाई करने वाले राजीव गांधी 40 साल की उम्र में राष्ट्रीय राजनीति की ऊंचाइयों पर पहुंच गए थे। लेकिन राजनीति में सक्रिय होने के बाद उनका नाम कई बड़े घोटालों में आया। जिसके कारण उनकी छवि धूमिल हुई। बताया जाता है कि राजीव गांधी एक मात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो खुद अपनी गाड़ी चलाकर जगह-जगह आते-जाते थे।
मृत्यु
बता दें कि 21 मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान राजीव गांधी पर एक आत्मघाती हमलावर द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी।
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