Sanjay Gandhi Death Anniversary: संजय गांधी को माना जाता था इंदिरा गांधी का राजनैतिक उत्तराधिकारी, विमान दुर्घटना में हुई थी मौत

Sanjay Gandhi
Prabhasakshi

नई दिल्ली में 14 दिसंबर 1946 को संजय गांधी का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम फिरोज गांधी और मां का नाम इंदिरा गांधी था। वह भारत के पूर्व पीएम राजीव गांधी के छोटे भाई थे। संजय गांधी ने स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग को अपने कॅरियर के तौर पर चुना।

स्वतंत्र भारत के राजनीतिक इतिहास में कई बड़े बदलाव लाने वाले मोड़ दिखते हैं। इन्हीं में से एक तारीफ 23 जून की है। 23 जून 1980 को एक विमान दुर्घटना में देश की तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी की मौत हो गई थी। हालांकि संजय गांधी कभी पीएम, सीएम और मंत्री जैसे संवैधानिक पद पर नहीं रहे। लेकिन संजय गांधी का कांग्रेस पार्टी में रुतबा और दखल सीधे तौर पर हुआ करता था। संजय गांधी को इंदिका गांधी का राजनैतिक विरासत का उत्तराधिकारी माना जाता था, लेकिन उनकी असमय मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर संजय गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


पढ़ाई में नहीं थी दिलचस्पी

नई दिल्ली में 14 दिसंबर 1946 को संजय गांधी का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम फिरोज गांधी और मां का नाम इंदिरा गांधी था। वह भारत के पूर्व पीएम राजीव गांधी के छोटे भाई थे। संजय गांधी ने स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग को अपने करियर के तौर पर चुना। वहीं संजय गांधी ने इंग्लैंड को क्रू में रॉल्स रॉयल में तीन साल एप्रेंटिसशिप की थी। संजय गांधी को स्पोर्ट्स कारों में खासी रुचि थी। वहीं साल 1976 में संजय गांधी को पायलट का लायसेंस भी ले लिया था।

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पढ़ाई छोड़ देश वापसी

साल 1966 में तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद देश की अगली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बनीं। इस दौरान संजय गांधी अपनी इंटर्नशिप को बीच में छोड़ दिया और देश वापस आ गए। इस बीच इंदिरा गांधी ने कांग्रेस में अपनी पकड़ को बनाने का काम शुरूकर दिया। साल 1970 में कांग्रेस पार्टी पर इंदिरा गांधी का पूरी तरह से नियंत्रण हो गया। फिर साल 1971 में इंदिरा गांधी सरकार ने देश के मध्यम वर्ग के लिए कार बनाने के लिए मारूति उद्योग लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई। इस कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर संजय गांधी को बनाया गया। साथ ही उनको कार के उत्पादन का कॉन्ट्रैक्ट और उत्पादन का भी लाइसेंस दिया गया। हालांकि इससे पहले इस पर कुछ आगे काम हो पाता, तभी देश बांग्लादेश की आजादी के लिए पाकिस्तान से युद्ध करने लगा।

आपातकाल और राजनीति

आपातकाल के दौरान संजय गांधी आपातकाल और राजनीतिक तौर पर सक्रिय हुए। वह इंदिरा गांधी के सलाहकार के तौर पर जाने जाते थे। संजय गांधी का हर मामले में उनका सीधा दखल हुआ करता था। वह अक्सर मंत्रालय और विभागों को सीधे आदेश दिया करते थे। आपातकाल के दौरान की गई सख्तियों के लिए संजय गांधी को जिम्मेदार माना जाता है।

मृत्यु

बता दें कि संजय गांधी 23 जून 1980 को नई दिल्ली के सफदरजंग विमानतल के पास दिल्ली फ्लाइंग क्लब के नए विमान को उड़ा रहे थे। इस दौरान संजय गांधी ने एरोबैटिक कलाबाजी करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इस दौरान विमान उनके नियंत्रण से बाहर हो गया और क्रैश हो गया। जिसमें संजय गांधी की मौत हो गई।

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