Gayatri Devi Birth Anniversary: शख्सियत ऐसी की इंदिरा गांधी को भी होती थी जलन, मिला था सबसे खूबसूरत महिला का खिताब

Gayatri Devi
Prabhasakshi

राजघराने से ताल्लुक रखने वाली गायत्री देवी को दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला का खिताब मिला था। उन्होंने न सिर्फ अपने राज्य बल्कि देश की राजनीति में भी अपनी अलग पहचान बनाई थी। कहा जाता था कि उनके देश की पीएम इंदिरा गांधी भी जलती थीं।

वैसे तो भारत को पुरुष प्रधान देश कहा जाता है। लेकिन यहां की महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है। महिलाएं ने अपनी काबिलियत के दम पर न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया है। भारत देश में महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। फिर चाहे वह राजनीति हो, खेल हो, मनोरंजन हो या बिजनेस आदि हो। उन्होंने हर बार यह साबित किया है कि वह किसी भी मामले में पुरुषों से पीछे नहीं है। हमारे समाज में महिलाओं का वर्तमान में जो स्थान है, उसकी नींव रखने का काम इतिहास की कुछ दमदार शख्सियत रखने वाली महिलाओं ने किया था। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं। 

हम बात कर रहे हैं महारानी गायत्री देवी की, जो एक राजशाही परिवार से ताल्लुक रखती थी। गायत्री देवी ने शादी के बाद अपने राज्य को संभालने का जिम्मा लिया था। वहीं राजनीति में प्रवेश करने के बाद गायत्री देवी ने  देश को संभालने में योगदान दिया। हालांकि उस दौरान गायत्री देवी और इंदिरा गांधी दोनों ही एक दूसरे की कड़ी प्रतिद्वंदी हुआ करती थीं। बताया जाता है कि गायत्री देवी किसी भी मामले में इंदिरा गांधी से कम नहीं थी। वह इंदिरा गांधी को कड़ी टक्कर देती थीं। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इंदिरा गांधी जैसी दमदार शख्सियत वाली महिला को भी गायत्री देवी से जलन होती थी। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 23 मई को गायत्री देवी का जन्म हुआ था। आइए जानते हुए उनकी बर्थ एनिवर्सिरी के मौके पर गायत्री देवी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में...

जन्म और शिक्षा

जयपुर के राजघराने में ताल्लुक रखने वाली गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 को लंदन में हुआ था। उनके पिता का राजकुमार जितेंद्र नारायण बंगाल में कूचबिहार के युवराज के छोटे भाई थे। कूंच बिहार के राजा की मौत के बाद इनके पिता वहां के राजा बन गए थे। गायत्री देवी की माता राजकुमारी इंदिरा राजे कूंच बिहार की रानी और बड़ौदा के महाराज सयाजीराव की बेटी थीं। बता दें कि कुछ समय बाद जब गायत्री देवी के पिता की मौत हो गई तो उनकी माता इंदिरा राजे ने राजघराने और बच्चों की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली।

गायत्री देवी के बचपन का नाम आयशा था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शांतिनिकेतन से पूरी की थी। बताया जाता है कि शांतिनिकेतन में गायत्री देवी और इंदिरा गांधी ने पढ़ाई की थी। इस लिहाज से दोनों एक-दूसरे को बचपन से जानती थीं। इसके बाद आगे की शिक्षा के लिए उन्होंने ग्लेन डोवेर प्रिपरेटरी स्कूल लंदन, विश्व-भारती यूनिवर्सिटी, लॉसेन और स्विट्जरलैंड आदि से अपनी पढ़ाई की।

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लव लाइफ और शादी

गायत्री देवी प्यार और शादी के मामले में अपनी माता इंदिरा राजे जैसी थीं। बता दें कि महज 12 साल की उम्र में उनको जयपुर के राजा मानसिंह बहादुर से प्यार हो गया। जबकि राजा मानसिंह बहादुर पहले से शादीशुदा थे। जहां उनकी दो शादियां हो चुकी थीं, तो वहीं गायत्री देवी उनसे उम्र में भी काफी कम थीं। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने सवाई राजा मानसिंह की तीसरी पत्नी बनना स्वीकार किया। 16 साल की उम्र में समाज के खिलाफ जाकर गायत्री देवी ने राजा मानसिंह से शादी कर ली। 

राजनीतिक कॅरियर

शादी के बाद गायत्री देवी ने अपने राज्य को संभालने के साथ ही राजनीति में प्रवेश लिया। राजा मानसिंह से शादी के बाद वह जयपुर की महारानी के तौर पर जानी जाने लगीं। लेकिन गायत्री देवी की बंगाली और राजस्थानी भाषा ज्यादा बोलनी नहीं आती थी। वह अक्सर लोगों से अंग्रेजी या फ्रेंच में बात किया करती थीं। बता दें कि गायत्री देवी को दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला के खिताब से नवाजा गया था। इतना ही नहीं वोग मैगजीन की लिस्ट में उनको स्थान भी मिला था। 

वहीं राजनीति की बात करें तो राजनीति में गायत्री देवी को उनके बेबाक और निर्भीक अंदाज के लिए जाना जाता था। महारानी गायत्री देवी ने साल 1962 में स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। इस दौरान उन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इतनी बड़ी जीत मिलने के बाद गायत्री देवी का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। इसी लोकसभा चुनाव से गायत्री देवी का राजनैतिक सफर शुरू हो गया था। 

गायत्री देवी और इंदिरा गांधी

एक घटना के बारे में बताया जाता है कि गायत्री देवी की जवाहर लाल नेहरू से एक बार संसद में बहस हो गई थी। बताया जाता है कि गायत्री देवी और जवाहर लाल नेहरू के बीच राजनीतिक मतभेद व विरोध था। लेकिन जब इंदिरा गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया तो यह विरोध निजी हो गया। इस निजी विरोध के साथ ही एक बार इंदिरा गांधी ने सदन की कार्यवाही के दौरान गायत्री देवी को कांच की गुड़िया कहा था। दोनों के बीच इस कदर रंजिश थी कि महारानी गायत्री देवी को इंदिरा गांधी ने जेल भिजवाकर उनके जयगढ़ के किले में फौज भेज दी थी।

मृत्यु

राजमाता गायत्री देवी के पति सवाई के राजा मानसिंह की मृत्यु के कुछ समय बाद उनकी इकलौती बेटी की भी मौत हो गई थी। पति और बेटी की मौत के बाद वह टूट गई थीं। गायत्री देवी काफी दुखी और अकेली रह गई थीं। जिसके कारण वह बीमार रहने लगी थीं। 29 जुलाई 2009 को किडनी खराब होने से गायत्री देवी का भी निधन हो गया।

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