Vilasrao Deshmukh Birth Anniversary: विलासराव देशमुख ने पंचायत से की थी अपने सियासी सफर की शुरूआत, दो बार बने थे CM

Vilasrao Deshmukh
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महाराष्ट्र के लातूर जिले के बाभालगांव में 26 मई 1945 को विलासराव देशमुख का जन्म हुआ था। उन्होंने शुरूआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद पुणे विश्वविद्यालय से विज्ञान और ऑर्ट्स दोनों में ग्रेजुएशन किया। फिर पुणे के इंडियन लॉ सोसाइटी लॉ कॉलेज से कानूनी शिक्षा प्राप्त की।

महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम रहे विलासराव देशमुख का 26 मई को जन्म हुआ था। न सिर्फ महाराष्ट्र की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी विलासराव कांग्रेस के अहम सिपहसलार थे। उन्होंने पंचायत से अपने सियासी सफर की शुरूआत की थी और अपनी पहुंच राष्ट्रीय राजनीति तक बनाई थी। महाराष्ट्र कांग्रेस में विलासराव का कद सबसे बड़ा रहा। वह दो बार महाराष्ट्र के सीएम रहे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर विलासराव देशमुख के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और शिक्षा

महाराष्ट्र के लातूर जिले के बाभालगांव में 26 मई 1945 को विलासराव देशमुख का जन्म हुआ था। उन्होंने शुरूआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद पुणे विश्वविद्यालय से विज्ञान और ऑर्ट्स दोनों में ग्रेजुएशन किया। फिर पुणे के इंडियन लॉ सोसाइटी लॉ कॉलेज से कानूनी शिक्षा प्राप्त की। बता दें कि उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत पंचायत चुनावों से की थी। पहले विलासराव देशमुख पहले पंच और फिर बाद में सरपंच बने। इसके बाद वह जिला परिषद के सदस्य और फिर लातूर तालुका पंचायत समिति के उपाध्यक्ष पद पर रहे।

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राजनीतिक सफर

इसके बाद युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पद से विलासराव देशमुख ने अपने सियासी सफर की बड़ी पारी शुरू की। फिर उन्होंने राज्य की राजनीति में कदम रखा। साल 1980 से लेकर 1995 तक वह लगातार तीन बार विधानसभा के लिए चुने गए। इस दौरान उन्होंने कृषि, पर्यटन, मतस्य, गृह, उद्योग, परिवहन, ग्रामीण विकास, शिक्षा, युवा मामले, तकनीकी शिक्षा और खेल समेत अनेक पदों पर बतौर मंत्री कार्यरत रहे।

वहीं साल 1995 के चुनाव में विलासराव देशमुख को चुनाव में हार मिली। लेकिन किसे पता था कि चुनाव में हारे विलासराव देशमुख के लिए एक बड़ा पद इंतजार कर रहा था। साल 1999 के चुनाव में विधानसभा में उनकी फिर वापसी हुई और वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनें। लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। वहीं साल 2004 में वह दोबारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। विलासराव देशमुख की गिनती राज्य कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती थी।

विवाद

विलासराव देशमुख के मुख्यमंत्री पद का दूसरा कार्यकाल चल रहा था, तब 26/11 का हमला हुआ था। इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए विलासराव देशमुख ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि इस दौरान उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। क्योंकि वह सीरियल ब्लास्ट के बाद अपने बेटे और अभिनेता रितेश देशमुख और फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के साथ ताज होटल का मुआयना करने पहुंचे थे। इस मामले पर विपक्ष ने उनकी जमकर आलोचना की थी।

दरअसल, विपक्ष ने आरोप लगाया था कि विलासराव देशमुख अपने पद का गलत इस्तेमात करते हुए रामगोपाल वर्मा को ताज होटल ले गए थे। हालांकि सीएम पद के इस्तीफे के बाद उन्होंने केंद्रीय राजनीति की ओर रुख किया। वह राज्यसभा के सदस्य बने और साथ ही उनको केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी जगह दी गई।

मृत्यु

किडनी और लिवर में दिक्कत होने की वजह से विलासराव देशमुख लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वहीं 14 अगस्त 2012 को चेन्नई के ग्लोबल हॉस्पिटल में विलासराव देशमुख ने अंतिम सांस ली।

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