कांग्रेस नेता आपस में ही उठापटक करते रहे तो पूरी तरह बिखर जायेगी कांग्रेस

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हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद जी-23 समूह की बढ़ी हुई सक्रियता के बीच समूह सदस्य कपिल सिब्बल ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह पराजित होने के बाद कांग्रेस में जिस तरह की उठापटक देखने को मिल रही है वह पार्टी के भविष्य के लिए सुखद संकेत नहीं है। कांग्रेस में इस समय गांधी परिवार के प्रति वफादारी साबित करने की होड़ उन आवाजों पर भारी पड़ रही है जो पार्टी का भला चाहते हुए संगठनात्मक सुधारों की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता ही यदि एक दूसरे का मखौल उड़ाएंगे तो जनता तो इस पार्टी से और दूरी बनायेगी ही।

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वैसे पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद कांग्रेस के अंसतुष्ट गुट 'जी-23' में एक बार फिर सक्रियता देखने को मिल रही है लेकिन यह कब तक बरकरार रहेगी यह देखने वाली बात होगी। कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष और पार्टी में बड़े सुधारों की लंबे समय से वकालत कर रहा यह गुट क्या इस बार आलाकमान से अपनी मांगें मनवा पायेगा यह देखने वाली बात होगी। हार के नये-नये रिकॉर्ड बना रही कांग्रेस का अपने इतिहास में शायद यह भी एक रिकॉर्ड होगा कि उसका अध्यक्ष पद तीन साल से खाली है।

हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद जी-23 समूह की बढ़ी हुई सक्रियता के बीच समूह सदस्य कपिल सिब्बल ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए। इसके बाद गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कुछ नेताओं ने सिब्बल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने तो यहां तक कह दिया था कि हाल में हुए विधानसभा चुनावों में हार के लिए गांधी परिवार नहीं, बल्कि पार्टी के सांसद और राज्यों के नेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा गांधी परिवार पर हमला करते हैं और जो भी गांधी परिवार के साथ खड़ा नहीं होगा वह "विश्वासघात' करेगा। खड़गे ने कहा, "सोनिया गांधी जी ने पार्टी के लिए कई त्याग किए हैं। लंबे समय से गांधी परिवार के किसी व्यक्ति ने सरकार में पद नहीं लिया।"

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बहरहाल, कांग्रेस ने अब ऐलान किया है कि अगस्त में पार्टी के नये अध्यक्ष का चुनाव होगा। देखने वाली बात यह है कि क्या यह चुनाव अगस्त में हो पाता है या नयी तारीख सामने आती है। फिलहाल तो बिखरी नजर आ रही कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयार नजर नहीं आ रही है। यदि हार का यह सिलसिला बरकरार रहा तो उसके नेतृत्व वाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन भी बिखर सकता है।

- नीरज कुमार दुबे

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