लॉकडाउन को विफल बताकर, प्रवासी मजदूरों की समस्याएं गिनाकर सरकार को घेरता रहा विपक्ष

migrant worker

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए जहां लॉकडाउन को विफल बताया है वहीं उस पर आरोप लगाया है कि उसे प्रवासी मजदूरों की चीखें नहीं सुनाई दे रही हैं। दूसरी ओर इस सप्ताह कोरोना संक्रमण के मामलों में जो उछाल आया है उससे सरकार की चिंता बढ़ गयी है।

इस सप्ताह के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों की बात करें तो कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से उपजी परिस्थितियों के इर्दगिर्द ही सबकुछ घूमता रहा। कांग्रेस ने इस सप्ताह मोदी सरकार पर बार-बार यह कहते हुए हमला बोला कि लॉकडाउन लगाने की और उससे बाहर निकलने की रणनीति विफल रही है। जबकि सरकार बार-बार लॉकडाउन के लाभ गिनाती रही और बताया कि किस तरह लॉकडाउन की अवधि में देश के स्वास्थ्य ढाँचे को बेहतर बनाया गया है।

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कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं पा रही है और प्रवासी मजदूरों की समस्याओं का निराकरण करने में भी विफल रही है। जवाब में सरकार ने बताया कि रेलवे ने अब तक कितने प्रवासी मजदूरों को उनके गृहराज्य तक पहुँचाया है और प्रवासी श्रमिकों के लिए क्या-क्या कदम उठाये गये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकारों को निर्देश दिये कि प्रवासी मजदूरों के रेल और बस यात्रा के खर्च को उठाएँ और उनके भोजन-पानी का इंतजाम करें।

इसके अलावा इस सप्ताह पड़ोसी देशों से संबंध बिगड़ने को लेकर सरकार पर विपक्ष हमलावर हुआ लेकिन सरकार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की बजाय चीन को साफ कर दिया है कि वह निर्माण कार्य रोकने की चीन की बात नहीं सुनेगा और अपना काम जारी रखेगा। यही नहीं नेपाल को भी साफ संदेश दे दिया गया है कि चीन की शह पर आगे बढ़कर संबंध नहीं बिगाड़ें जिससे नेपाल के तेवर नरम पड़ गये हैं।

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इस सप्ताह कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के मामलों ने चिंता जरूर बढ़ाई लेकिन सरकार आश्वस्त है हालात को जल्द काबू में कर लिया जायेगा। हालांकि महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में जिस तरह तेजी से स्थिति बिगड़ी उसको देखते हुए माना जा रहा है कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों वाले राज्यों में लॉकडाउन 5 लगाया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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