Chai Par Sameeksha: पटना में दिखी विपक्ष की एकजुटता क्या PM Modi को सिंहासन खाली करने पर मजबूर करेगी

प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे पर नीरज दुबे ने कहा कि फिलहाल भारत का अपना स्टैंड है। आज हम अपने हित की बात दुनिया के सामने साफ तौर पर रखते हैं। पूरा विश्व हमारे लिए एक परिवार है। संकट का समय हो या फिर सामान्य, हमेशा भारत विश्व के साथ चलता रहा है।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह पटना में हुई विपक्षी एकता की बैठक और नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच वाशिंगटन डीसी से लेकर पटना तक बैठकों का दौर चला। वाशिंगटन में पीएम मोदी ने अमेरिकी सरकार और कंपनियों से वार्ता कर भारत के लिए निवेश आकर्षित किया और अहम रक्षा करार किये जिससे रोजगार के ढेरों अवसर पैदा होंगे। अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान मोदी ने वैश्विक नेता के रूप में छवि को और प्रबल किया जिसका लाभ उन्हें घरेलू राजनीति में मिलेगा। दूसरी ओर, पटना में 17 विपक्षी दलों का जो जुटान हुआ उसमें आगे की किसी रूपरेखा पर अंतिम फैसला नहीं हुआ लेकिन सबने मिलकर लड़ने की इच्छा जरूर व्यक्त की। देखना होगा कि किसके प्रयास रंग लाते हैं?
विपक्षी एकता की बैठक
विपक्षी एकता की बैठक पर नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जिस गठबंधन की बुनियाद ही कमजोर है, वह आगे कैसे मजबूत रह पाएगा। सभी राजनीतिक दलों के अपने-अपने स्वार्थ हैं। भले ही बैठक में सभी एक साथ फोटो खींचा रहे हैं लेकिन केजरीवाल कांग्रेस से इस बात से खफा है कि वे अध्यादेश पर आप का समर्थन नहीं कर रही है। उमर अब्दुल्ला केजरीवाल केजरीवाल से इसलिए नाराज हैं क्योंकि 370 हटने के समय उनकी पार्टी ने जश्न मनाया था। वहां बैठे सभी दलों को किसी न किसी से किसी मुद्दे पर विरोधाभास है और यही कारण है कि इस महागठबंधन को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं। वहीं, कांग्रेस के पश्चिम बंगाल के नेता अंतर हमलावर थे। टीएमसी को चोरों की पार्टी कह रहे हैं। वामपंथी दलों की सरकार केरल में है। केरल में कांग्रेस के एक नेता को गिरफ्तार किया गया। कांग्रेस वामदलों पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के लिए यह कहना बहुत आसान है कि हम सब एक हैं और एक संयुक्त उम्मीदवार देंगे। लेकिन हकीकत में यह बड़ी मुश्किल काम है।
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नीरज दुबे ने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में हमने दलबदल बहुत देखे हैं जहां नेताओं को कुछ मिलता है, वह वही पाला बदल लेते हैं। सभी नेताओं के मन में महत्वाकांक्षा होता है। इस विपक्षी एकता में भी कई ऐसे नेता हैं, जिनकी अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। अगर महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होंगी तो जाहिर सी बात है कि दलबदल भी देखने को मिलेगा। नीरज दुबे ने नीतीश पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अभी से एक डेढ़ साल पहले यह बयान दे रहे थे कि इस देश में नरेंद्र मोदी की जगह अभी कोई नहीं ले सकता। प्रधानमंत्री पद के लिए वैकेंसी नहीं है। आज वहीं विपक्षी एकता में महान जुटान कर रहे हैं। प्रभासाक्षी के संपादक ने यह भी कहा कि भले ही जदयू और राजद को लग रहा हो कि उन्होंने विपक्षी नेताओं को एक मंच पर आकर बड़ा काम कर दिया है। लेकिन दिल्ली में जो नेता बैठे हैं वे अभी भी नीतीश कुमार पर शक की नजर रखते हैं। दुबे ने आशंका जताई कि विपक्षी एकता में अभी भी कई पेंच फंसे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि आखिर नेता इसका समाधान कैसे ढूंढते हैं।
मोदी और अमेरिका
प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे पर नीरज दुबे ने कहा कि फिलहाल भारत का अपना स्टैंड है। आज हम अपने हित की बात दुनिया के सामने साफ तौर पर रखते हैं। पूरा विश्व हमारे लिए एक परिवार है। संकट का समय हो या फिर सामान्य, हमेशा भारत विश्व के साथ चलता रहा है। भारत वंचित और पिछड़े देशों की आवाज उठाता रहता है। मोदी के अमेरिका दौरे से भारत की संस्कृति का प्रचार होता है। भारतीयों का हौसला बुलंद होता है। इसके साथ ही साथ भारत और अमेरिका के रिश्ते भी मजबूत होते हैं। भारत में दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत की कीमत काफी भारत से दोस्ती रखना चाहता है। एक ओर जहां नरेंद्र मोदी के खिलाफ देश में विपक्ष एकजुट हो रहा है तो वही वैश्विक स्तर पर नरेंद्र मोदी का स्तर काफी बढ़ चुका है।
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