महिला विश्व चैम्पियनशिप को ओलंपिक क्वालीफिकेशन का दर्जा दिये जाने पर कोई स्पष्टता नहीं: Ajay Singh

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अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) से प्रशासन, वित्तीय पारदर्शिता और स्थिरता और रेफरियों और ‘जज करने’ की प्रक्रियाओं की ‘इंटीग्रिटी’ से संबंधित चिंताओं के कारण निलंबन नहीं हटाने का फैसला किया था।

आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के यहां शुरू होने में महज कुछेक दिन बचे हैं लेकिन भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के 2024 पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफिकेशन दर्जा मिलने को लेकर अब तक ‘कोई स्पष्टता’ नहीं है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) से प्रशासन, वित्तीय पारदर्शिता और स्थिरता और रेफरियों और ‘जज करने’ की प्रक्रियाओं की ‘इंटीग्रिटी’ से संबंधित चिंताओं के कारण निलंबन नहीं हटाने का फैसला किया था।

आईओसी ने आईबीए को सूचित किया था कि वह खुद ही पेरिस ओलंपिक तक मुक्केबजी क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट आयोजित करेगा। आईओसी ने 2020 तोक्यो ओलंपिक से पहले भी ओलंपिक क्वालीफिकेशन प्रक्रिया आयोजित की थी। पिछले महीने आईबीए ने एक बयान जारी किया था कि उसने ‘‘मुक्केबाजी की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था होने के नाते पेरिस 2024 के लिए क्वालीफाई करने के लिये अपने खिलाड़ियों की स्पष्ट प्रक्रिया और मार्ग प्रदान की जिम्मेदारी खुद पर ली है। ’’

लेकिन आईओसी ने तब से आईबीए के इस दावे को खारिज कर दिया था जिससे संदेह की स्थिति बनी। अजय सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी तक ‘कोई स्पष्टता’नहीं है और साथ ही कहा कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) 15 मार्च से शुरू होने वाली चैम्पियनशिप के लिए अपने पर्यवेक्षकों की टीम भेज रही है।

अजय सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘‘इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। आईओसी फैसला करेगी कि इसके नतीजों को पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए माना जाएगा या नहीं या फिर बाद में किसी टूर्नामेंट की घोषणा की जाएगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आईओसी चैम्पियनशिप के लिए अपनी टीम भेज रहा है, जिसमें पर्यवक्षेक भी शामिल हैं। ’’

यह मुद्दा और पेचीदा हो गया जब आईबीए ने रूस और बेलारूस के मुक्केबाजों पर से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया और उन्हें अपने ध्वज के अंतर्गत चैम्पिनशिप में भाग लेने के अनुमति दी जो यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण आईओसी की सिफारिशेां के खिलाफ है। दिल्ली में होने वाले इस टूर्नामेंट से 11 देशों ने हटने का फैसला किया और आईबीए ने ‘बहिष्कार करने के लिए उकसाने’ के लिए पांच अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की।

लेकिन तब भी 74 देशों की 350 महिला मुक्केबाज इसमें हिस्सा ले रही हैं। सिंह ने कहा, ‘‘आईओसी ने अभी तक महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप को ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट का दर्जा प्रदान नहीं किया है। हमें उम्मीद बनी हुई है कि इसे बाद में क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट करार किया जा सकता है। वैसे भी यह प्रमुख चैम्पियनशिप है। ’’ सिंह ने साथ ही कहा कि भारत एक ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट की मेजबानी करने की इच्छा रखता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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