अयोग्य अधिकारी बाधा पैदा कर रहे हैं: सीओए ने न्यायालय से कहा

Disqualified officials stalling Lodha Reforms: CoA to SC
[email protected] । Jul 12 2017 2:42PM

क्रिकेट प्रशासकों की समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निरंजन शाह और एन श्रीनिवासन जैसे अयोग्य पदाधिकारी अपने निजी हितों के चलते लोढा समिति के सुधार लागू करने में बाधा पैदा कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। क्रिकेट प्रशासकों की समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निरंजन शाह और एन श्रीनिवासन जैसे अयोग्य पदाधिकारी अपने निजी हितों के चलते लोढा समिति के सुधार लागू करने में बाधा पैदा कर रहे हैं। सीओए द्वारा उच्चतम न्यायालय में जमा अपनी चौथी स्टेटस रिपोर्ट में यह कहा गया है। इससे पहले रिपोर्ट 27 फरवरी, 17 मार्च और सात अप्रैल को जमा की गई थी। मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। रिपोर्ट में कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी की तारीफ की गई है जो सुधार लागू करने के लिये प्रयासरत है। इसमें श्रीनिवासन के विश्वासपात्र अनिरूद्ध चौधरी पर मूक दर्शक बने रहने का आरोप लगाया गया है। सीओए ने प्रदेश इकाइयों में सहमति बनाने में भी असमर्थता जताई। रिपोर्ट के सातवें बिंदु में कहा गया है, ''तीसरी रिपोर्ट जमा करने के बाद से तीन महीने के भीतर सीओए ने बीसीसीआई की सदस्य इकाइयों में नया संविधान लागू करने के लिये सहमति बनाने की हरसंभव कोशिश की। सीओए की उनके साथ दो बैठकें छह मई और 25 जून को हो चुकी है लेकिन सहमति बनाने के तमाम प्रयास विफल रहे।’’ नौवें बिंदु में कहा गया कि बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन और शाह रोड़े अटका रहे हैं। इसमें कहा गया, ''26 जून की एसजीएम में कई लोगों ने भाग लिया जो बीसीसीआई के पदाधिकारी पद से अयोग्य करार दिये जा चुके हैं। इनमें एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह शामिल हैं। इनके निहित स्वार्थ हैं जिसके चलते ये लोढा समिति की सिफारिशें लागू नहीं होने दे रहे।''

सीओए ने एक आडियो फाइल जमा की है जिसमें संकेत है कि 26 जून की बैठक में कुछ अयोग्य सदस्यों ने बाधा डालने की कोशिश की। सीओए ने यह भी कहा कि प्रदेश इकाइयां अयोग्य लोगों को किसी तरह भीतर घुसाने के तरीके तलाश रही हैं चूंकि न्यायालय के फैसले में अयोग्य पदाधिकारियों को बीसीसीआई बैठकों से ही बाहर रखने की बात कही गई है। शाह जैसे लोग बिना किसी पद के हालात का फायदा उठा रहे हैं क्योंकि बीसीसीआई एसजीएम में साधारण सदस्य के भाग लेने के बारे में कोई परिभाषा नहीं दी गई है। शाह को विशेष समिति का सदस्य होने के कारण एसजीएम में विशेष आमंत्रण मिला था। सीओए ने यह भी कहा कि बीसीसीआई ने सितंबर 2016 से अभी तक किसी ओंबुड्समैन (न्यायमित्र) की नियुक्ति नहीं की है।

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