भारतीय मुक्केबाजी के एचपीडी डुने ने दिया इस्तीफा, विदेशी कोच होंगे बर्खास्त

Indian boxing HPD Dunne
प्रतिरूप फोटो
Social Media

पूर्व मुक्केबाज डुने को अक्टूबर 2022 में एचपीडी के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने इटली से अपना इस्तीफा भेज दिया, जहां वह पहले विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर के लिए भारतीय टीम के साथ थे। दो क्वालिफिकेशन स्पर्धाओं (एशियाई खेलों और पहले विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर) के बाद एक भी भारतीय पुरुष मुक्केबाज ओलंपिक के लिए जगह पक्की नहीं कर पाया है।

ओलंपिक क्वालीफायर में भारतीय मुक्केबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पेरिस खेलों से चार महीने पहले हाई परफार्मेंस निदेशक (एचपीडी) बर्नार्ड डुने ने इस्तीफा दे दिया है जबकि विदेशी कोच दिमित्री दिमित्रुक को जल्द ही पद से हटाये जाने की संभावना है।

आयरलैंड के पूर्व मुक्केबाज डुने को अक्टूबर 2022 में एचपीडी के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने इटली से अपना इस्तीफा भेज दिया, जहां वह पहले विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर के लिए भारतीय टीम के साथ थे। दो क्वालिफिकेशन स्पर्धाओं (एशियाई खेलों और पहले विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर) के  बाद एक भी भारतीय पुरुष मुक्केबाज ओलंपिक के लिए जगह पक्की नहीं कर पाया है।

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने स्थिति का आकलन करने के लिए शुक्रवार को कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई है। बीएफआई के महासचिव हेमंत कलिता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘बर्नार्ड अब टीम के साथ नहीं है। हमने कल एक कार्यकारी बैठक बुलाई है, जहां हम हर चीज का आकलन करेंगे। कल की बैठक में दिमित्री के भविष्य पर भी फैसला लिया जाएगा।’’

दिमित्री ने पिछले साल महिला विश्व चैम्पियनशिप से पहले फरवरी में कोच का कार्यभार संभाला था। महासंघ अब पुरुष और महिला टीमों के लिए भारतीय कोच को नियुक्त करने पर विचार कर रहा है, क्योंकि ओलंपिक का आखिरी क्वालीफायर मई में होगा जिसमें दो महीने का समय बचा है। कलिता ने कहा, ‘‘ टीम के लिए फिलहाल कोई विदेशी कोच नहीं होगा। हम भारतीय कोचों पर विचार करेंगे।’’

इस समय पुरुष टीम के साथ अनुभवी सीए कुट्टप्पा कोचिंग सदस्यों में एकमात्र भारतीय हैं। पिछले साल जून में भास्कर भट्ट ने महिला टीम का साथ छोड़ दिया। भारतीय मुक्केबाजों ने हाल ही में इटली विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी के पहले क्वालीफायर में निराशाजनक प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता से सभी नौ मुक्केबाज खाली हाथ लौटे। इसमें निशांत देव (71 किग्रा) कोटा हासिल करने से एक जीत दूर थे लेकिन अन्य मुक्केबाज शुरुआती चरणों में हार कर बाहर हो गये थे।

भारत के लिए अभी तक चार महिला मुक्केबाजों ने ओलंपिक कोटा हासिल किये है। इसमें दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), परवीन हुडा (57 किग्रा) और तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) शामिल है। भारतीय मुक्केबाजों के पास ओलंपिक टिकट हासिल करने का आखिरी मौका विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी के दूसरे क्वालीफायर में होगा। इसका आयोजन बैंकॉक में 23 मई से होगा। बीएफआई हालांकि इतने कम समय में टीम में चयन के लिए डुने द्वारा तैयार की गयी नीति में कोई बदलाव नहीं करेगा। डुने ने टीम में जगह के लिए चयन ट्रायल की जगह एक लंबे समय तक चलने वाले मूल्यांकन प्रक्रिया को शुरू किया था।

कई अनुभवी मुक्केबाजों ने हालांकि इस प्रक्रिया का विरोध किया था जिसमें विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघाल (51 किग्रा) सबसे प्रमुख है। इस प्रक्रिया में शिविर में बेहद कम संख्या में मुक्केबाज रहते थे जिससे उन्हें अभ्यास करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़