Olympic Tokyo 2020: भारतीय निशानेबाजों ने दूसरे दिन भी किया निराश, राइफल में स्कोर चिंताजनक

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पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे भारतीय निशानेबाजों ने तोक्यो ओलंपिक में लगातार दूसरे दिन निराशाजनक प्रदर्शन किया तथा जहां मनु भाकर को महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में तकनीकी गड़बड़ी के कारण बाहर का रास्ता देखना पड़ा वहीं राइफल निशानेबाज कहीं मुकाबले में भी नहीं दिखे। दु

तोक्यो। पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे भारतीय निशानेबाजों ने तोक्यो ओलंपिक में लगातार दूसरे दिन निराशाजनक प्रदर्शन किया तथा जहां मनु भाकर को महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में तकनीकी गड़बड़ी के कारण बाहर का रास्ता देखना पड़ा वहीं राइफल निशानेबाज कहीं मुकाबले में भी नहीं दिखे। दुनिया की दूसरे नंबर की निशानेबाज 19 वर्ष की मनु ने शुरूआत अच्छी की और लग रहा था कि वह शीर्ष आठ में जगह बना लेंगी लेकिन उनकी पिस्टल में तकनीकी खराबी आने का उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा और आखिर में वह 12वें स्थान पर रही।

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पहली सीरिज में 98 स्कोर करने के बाद उन्होंने 95, 94 और 95 स्कोर किया जिससे शीर्ष दस से बाहर हो गई। मनु का स्कोर 575 रहा जबकि कट आफ 577 पर गया। ओलंपिक में पहली बार भाग ले रही एक अन्य निशानेबाज यशस्विनी सिंह देसवाल ने खराब शुरुआत से उबरकर 574 का स्कोर बनाया और वह 13वें स्थान पर रहीं। पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में दीपक कुमार और दिव्यांश सिंह पंवार क्रमश: 26वें और 32वें स्थान पर रहकर क्वालीफिकेशन से ही बाहर हो गये। दीपक ने आखिर में छह सीरिज में 624.7 अंक और दिव्यांश ने 622.8 अंक बनाये जो फाइनल में पहुंचने के लिये पर्याप्त नहीं था।

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निशानेबाजों के पहले दो दिन के प्रदर्शन से निश्चित तौर पर कई सवाल खड़े हो गये। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने निशानेबाजों की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन अभी तक भारतीयों का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा है। पिस्टल निशानेबाज सौरभ चौधरी और मनु ने जज्बा दिखाया लेकिन एनआरएआई अपने राइफल निशानेबाजों दीपक, दिव्यांश, अपूर्वी चंदेला और इलावेनिल वालारिवान के स्कोर से चिंतित है। भारत का रियो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा था जहां निशानेबाज एक भी पदक नहीं जीत पाये थे। इसके बाद अभिनव बिंद्रा की अगुवाई में एक पैनल ने सुधार के लिये सिफारिशें की थी जिसका असर विश्व कप, एशियाई खेल और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन के रूप में देखने को मिला। लेकिन जापान की राजधानी में अभी तक रियो की कहानी ही दोहरायी गयी है। दो दिन के बाद भी भारतीय निशानेबाजों के नाम पर कोई पदक नहीं है। राष्ट्रमंडल खेल और युवा ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता 19 वर्षीय मनु ने पांचवीं सीरिज में 98 स्कोर करके वापसी की कोशिश की लेकिन आखिरी सीरिज में शुरू में दो 10 के बाद 8 और तीन 9 स्कोर से वह पीछे रह गई। उनका स्कोर 575 रहा जबकि फ्रांस की सेलाइन गोबरविले उनसे दो अंक आगे रहकर आठवां और आखिरी क्वालीफिकेशन स्थान हासिल करने में कामयाब रही। पिस्टल में खराबी आने से उनके पांच मिनट भी खराब हुए। वह वापसी करने के बाद 95 का स्कोर ही कर सकी।

वहीं नंबर एक निशानेबाज यशस्विनी खराब शुरूआत के बाद दूसरी सीरिज में 98 स्कोर के साथ लौटी थी जिसमें पांच बार उन्होंने 10 स्कोर किया। उनका कुल स्कोर 94, 98, 94, 97, 96, 95 की सीरिज के बाद 574 रहा। रूसी ओलंपिक समिति की वितालिना बी ने फाइनल में 240 . 3 के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। बुल्गारिया की एंटोआनेटा के दूसरे और चीन की रैनशिन जियांग तीसरे स्थान पर रही। दीपक और दिव्यांश दोनों की शुरुआत अच्छी नहीं रही। दीपक ने पहली सीरिज में 102.9 अंक तथा दिव्यांश ने 102.7 अंक बनाये जिसके बाद उनके लिये वापसी करना आसान नहीं था। दोनों भारतीय निशानेबाज असल में किसी भी समय फाइनल्स में जगह बनाने की स्थिति में नहीं दिखे। उनके स्कोर 9.7 से 9.9 के बीच रहे जिससे उनके क्वालीफाई करने की उम्मीदों पर पानी फिरा। इस स्पर्धा में कुल 47 निशानेबाजों ने हिस्सा लिया था।

दीपक ने चौथी और छठी सीरिज में 105.2 और 105.3 का स्कोर बनाया लेकिन उन्हें शुरू में इस तरह के प्रदर्शन की जरूरत थी। भारतीय वायुसेना में कार्यरत दीपक एक समय अंतिम चार स्थानों पर थे लेकिन इन स्कोर से वह अपनी स्थिति में मामूली सुधार ही कर पाये। दिव्यांश का सर्वश्रेष्ठ स्कोर तो 104.6 रहा जो उन्होंने चौथी और पांचवीं सीरिज में बनाया। अमेरिका के विलियम शैनर ने 251.6 अंक के खेलों के नये रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि चीन के लिहाओ शेंग ने रजत और हारोन यांग ने कांस्य पदक जीता।

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