चैपल की स्पिन के खिलाफ सर्वकालिक पसंदीदा पारियों में से एक लक्ष्मण की 281 रन की पारी

कोविड-19 महामारी के कारण कोई क्रिकेट नहीं खेला जा रहा है जिसने मुझे खेल के उस पहलू पर सोचने का मौका दिया है जो मुझे बहुत पसंद है और वो एक बल्लेबाज को अपने फुटवर्क का इस्तेमाल शीर्ष स्तरीय स्पिन गेंदबाजी से निपटने के लिये करते हुए देखना है।
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लक्ष्मण और द्रविड़ ने मैराथन 376 रन की साझेदारी से भारत को अविश्वसनीय जीत दिलायी। लक्ष्मण ने इस दौरान शेन वार्न जैसे स्पिनर की गेंदों को रौंदकर रन जुटाये थे जिससे चैपल इस भारतीय बल्लेबाज की इस पारी के मुरीद हो गये। उन्होंने लिखा, ‘‘मैंने अभी तक शीर्ष स्तर की लेग स्पिन के खिलाफ जो पारियां देखी हैं, उसमें 2001 में लक्ष्मण की कलकत्ता में खेली गयी 281 रन की पारी सर्वश्रेष्ठ थी। उस श्रृंखला के खत्म होने के बाद मैंने शेन वार्न से पूछा था कि उन्हें क्या लगता है कि उन्होंने कैसी गेंदबाजी की थी। ’’ चैपल ने लिखा, ‘‘उसने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैंने इतनी बुरी गेंदबाजी की थी।’’ लेकिन मैंने जवाब दिया था, ‘‘तुमने ऐसा नहीं किया था। ’’। ’’ उनके अनुसार, ‘‘अगर लक्ष्मण अपनी क्रीज से तीन कदम आगे आकर स्पिन के खिलाफ बेहतरीन आन-ड्राइव शाट खेलता है और उसके बाद फिर अगली गेंद को तुम थोड़ा ऊंचा और शार्ट फेंककर एक और ड्राइव का आमंत्रण देते हो जिस पर वह तेजी से बैकफुट पर जाकर इसे पुल कर देता है तो यह बुरी गेंदबाजी नहीं है। यह अच्छा फुटवर्क है।’’
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उन्होंने लक्ष्मण के जज्बे की तारीफ करते हुए लिखा, ‘‘लक्ष्मण ने 452 गेंद की पारी के दौरान नियमित रूप से ऐसा किया जिसमें उन्होंने 44 बाउंड्री लगायी। लक्ष्मण की सफलता का राज था कि उसने लगातार मैदान के चारों ओर गेंद को हिट किया था। ’’ वहीं साथी आस्ट्रेलियाई वाल्टर्स के बारे में बात करे हुए चैपल ने उन्हें स्पिन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वाल्टर्स ने तीन बार एक सत्र में टेस्ट शतक जमाये। इस उपलब्धि के खिलाफ कोई पूर्ण रिकार्ड नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि केवल सर डोनाल्ड ब्रैडमैन ने ऐसा काफी बार किया। ’’ चैपल ने लिखा, ‘‘मैंने आफ स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ अच्छा खेलते हुए जितने बल्लेबाज देखे हैं, उनमें वाल्टर्स सवश्रेष्ठ थे। वह बेहतरीन स्पिनरों के खिलाफ अपना विकेट बचाये रखते थे बल्कि कभी कभी उन्हें दबाव में भी ला देते थे। उन्होंने 1969 में मद्रास माइनफील्ड में ईरापल्ली प्रसन्ना की बेहतरीन आफ-स्पिन का सामना करते हुए शतक भी जड़ा, जिसमें 14 चौके और दो छक्के जड़े थे।
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