भारत के लिए गौरवशाली पल, अंजू बॉबी जॉर्ज को मिला वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार
अंजू बॉबी जॉर्ज को विश्व एथलेटिक्स से वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार मिला।केरल की रहने वाली अंजू ने आईएएएएफ विश्व चैम्पियनशिप पेरिस में 2003 में कांस्य पदक जीता और 2005 में मोनाको में आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स फाइनल्स में स्वर्ण पदक विजेता रही।
मोनाको।भारत की महान एथलीट अंजू बॉकी जॉर्ज को विश्व एथलेटिक्स ने देश में प्रतिभाओं को तराशने और लैंगिक समानता की पैरवी के लिये वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार दिया है। विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय अंजू (पेरिस 2003) को बुधवार की रात सालाना पुरस्कारों के दौरान इस सम्मान के लिये चुना गया। विश्व एथलेटिक्स ने एक विज्ञप्ति में कहा ,‘‘ पूर्व अंतरराष्ट्रीय लंबी कूद खिलाड़ी भारत की अंजू बॉबी जॉर्ज अभी भी खेल से जुड़ी है। उसने 2016 में युवा लड़कियों के लिये प्रशिक्षण अकादमी खोली जिससे विश्व अंडर 20 पदक विजेता निकली है।’’ इसमें कहा गया ,‘‘ भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की सीनियर उपाध्यक्ष होने के नाते वह लगातार लैंगिक समानता की वकालत करती आई हैं। वह खेल में भविष्य में नेतृत्व के लिये भी स्कूली लड़कियों का मार्गदर्शन कर रही हैं।’’
Truly humbled and honoured to be awarded Woman of the Year by @WorldAthletics
— Anju Bobby George (@anjubobbygeorg1) December 1, 2021
There is no better feeling than to wake up everyday and give back to the sport, allowing it to enable and empower young girls!
Thank you for recognising my efforts. 😊😊 pic.twitter.com/yeZ5fgAUpa
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अंजू ने कहा कि वह यह सम्मान पाकर गौरवान्वित और अभिभूत हैं। उन्होंने ट्वीट किया ,‘‘ सुबह उठकर खेल के लिये कुछ करने से बेहतर अहसास कुछ नहीं है।मेरे प्रयासों को सराहने के लिये धन्यवाद।’ विश्व एथलेटिक्स ने कहा कि भारत में खेलों को बढावा देने के लिये उनके प्रयासों और अधिक महिलाओं को उनका अनुसरण करने के लिये प्रेरित करने की वजह से वह खिताब की प्रबल दावेदार रहीं। अंजू ने विश्व एथलेटिक्स द्वारा ट्विटर पर डाले गए वीडियो में कहा ,‘‘ मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि इस साल सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार मुझे मिला है। एक खिलाड़ी के तौर पर सफर कठिन रहा लेकिन मेरा मानना है कि मैं वहां तक पहुंच सकी, जिसकी हकदार थी। अब खेल को कुछ देने की मेरी बारी है।’’
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उन्होंने कहा ,‘‘ भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की उपाध्यक्ष होने के नाते और अपनी अकादमी अंजू बॉकी जॉर्ज फाउंडेशन से मैं 13 महिला खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रही हूं जो तीन साल के भीतर विश्व स्तर पर अपना सफर शुरू करने के लिये तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अपने समर्थकों, साथी खिलाड़ियों, कोचों, परिवार, महासंघ और मेरे सफर में साथ खड़े रहे हर व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहती हूं।’’ केरल की रहने वाली अंजू ने आईएएएएफ विश्व चैम्पियनशिप पेरिस में 2003 में कांस्य पदक जीता और 2005 में मोनाको में आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स फाइनल्स में स्वर्ण पदक विजेता रही। वह 2004 एथेंस ओलंपिक में छठे स्थान पर रही थी लेकिन अमेरिका की मरियोन जोंस को डोपिंग मामले के कारण अयोग्य करार दिये जाने के बाद वह पांचवें स्थान पर आ गई। ओलंपिक चैम्पियन जमैका की एलेन थाम्पसन हेराह और नॉर्वे की कर्सटेन वारहोम को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ एथलीट चुना गया।
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