सिर्फ छोटे प्रारूपों पर फोकस करने से युवाओं को टेस्ट खेलने में हो सकती है दिक्कतें

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[email protected] । Jan 16 2019 5:10PM

बल्लेबाजी के नित नये रिकार्ड बनाते जा रहे विराट कोहली ने युवाओं को संदेश दिया कि जब तक आप पांच दिन तक हर सुबह उठकर मेहनत करने को तत्पर हैं और सारी मेहनत करते हैं। यदि आप दो घंटे बल्लेबाजी करना चाहते हैं और टीम के लिये रन नहीं बना पाते हैं।

एडीलेड। बल्लेबाजी के नित नये रिकार्ड बनाते जा रहे विराट कोहली ने युवाओं को संदेश दिया है कि सिर्फ सीमित ओवरों के प्रारूप पर फोकस करना ही टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियों का सामना कर पाने में असमर्थ होने का बहाना नहीं होना चाहिये। 25 टेस्ट शतक बना चुके दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज ने चेताया कि युवा अगर पांच दिनी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे तो उन्हें मानसिक दिक्कतें होंगी। उन्होंने स्टार स्पोटर्स से कहा कि हम छोटे प्रारूप पर बहुत ज्यादा फोकस करते हैं और यह बहाना बनाते हैं कि उसकी वजह से टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे तो मुझे लगता है कि क्रिकेटरों को मानसिक दिक्कतें पेश आने लगेंगी।

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उन्होंने कहा कि जब तक आप पांच दिन तक हर सुबह उठकर मेहनत करने को तत्पर हैं और सारी मेहनत करते हैं। यदि आप दो घंटे बल्लेबाजी करना चाहते हैं और टीम के लिये रन नहीं बना पाते हैं। मुझे लगता है कि आपको पहले वाले के लिये तैयार रहना चाहिये। कोहली ने कहा कि भारत के मौजूदा टेस्ट क्रिकेटर युवा पीढी के लिये उदाहरण पेश करने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत को टेस्ट क्रिकेट में महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि लक्ष्य है लेकिन हमारा दृष्टिकोण यह है कि हम भारत को आने वाले समय में टेस्ट क्रिकेट में महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं।

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कोहली ने कहा कि मेरा मानना है कि भारतीय क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करता है, भारतीय खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करते हैं तो टेस्ट क्रिकेट शिखर पर रहेगा क्योंकि हमारे प्रशंसक पूरी दुनिया में हैं। उन्होंने अपना काम आसान करने के लिये कोच रवि शास्त्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से उन्होंने मुझे हमेशा ईमानदारी से फीडबैक दिया है कि कब सुधार की जरूरत है। आस्ट्रेलिया दौरे पर जाने से पहले कोहली ने इस धारणा को खारिज किया था कि शास्त्री उनकी हां में हां मिलाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने इतनी कमेंट्री की है और खेल को इतना देखा या खेला है कि मैच देखकर ही उन्हें पता चल जाता है कि किस दिशा में खेल जा रहा है। उनसे फीडबैक लेने से काफी मदद मिलती है। उन्होंने कभी कप्तानी के अनुकूल ढालने के लिये मुझे बदलने की कोशिश नहीं की। 

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