अपना एंड्राइड मोबाइल ऐप बनाएं, वह भी मुफ्त!

हालिया दिनों में जिस प्रकार से मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ी है, उसने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की जानी मानी कंपनियों को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने को मजबूर कर दिया है। यहाँ तक कि माइक्रोसॉफ्ट जैसे सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी को भी इन बदलावों को समझने में देरी करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। हालाँकि, इस बड़ी कंपनी ने नोकिया जैसी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी का अधिग्रहण करके घाटे को पूरा करने की कोशिश जरूर की, किन्तु तब तक काफी देर हो चुकी थी। खैर, यह तो रही माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनी की बात, लेकिन कहीं यही गलती आप भी तो नहीं कर रहे हैं? कहीं आप भी केवल 'डोमेन' और वेबसाइट के सहारे ही तो अपनी कंपनी का व्यापार नहीं चला रहे हैं? अगर ऐसा है तो फिर तुरंत ही सचेत हो जाइये और तुरंत ही अपना 'मोबाइल ऐप' विकसित कराइए।
मोबाइल एप्लिकेशन में भी दूसरे सभी प्लेटफॉर्म्स से ज्यादा अहमियत 'एंड्राइड' यूजर्स की है और यह कुल स्मार्टफोन यूजर्स की 80 फीसदी भाग से ज्यादा पर अकेले ही काबिज है। इसलिए, आपके अथवा आपकी कंपनी के पास कम से कम 'एंड्राइड एप्लिकेशन' तो अवश्य ही होना चाहिए। वह चाहे आपकी स्टैटिक वेबसाइट हो अथवा डायनामिक वेबसाइट हो या फिर ब्लॉग ही क्यों न हो, यह सारा कंटेंट आपके 'मोबाइल एप्लिकेशन' में एक्सेस होना ही चाहिए, अन्यथा आपके प्रतिद्वंद्वी आपके ग्राहक अथवा संभावित ग्राहक हड़प सकते हैं। यूं तो मोबाइल ऐप विकसित करने के लिए तमाम कंपनियां रेस में हैं, किन्तु इनकी सेवाएँ कुछ ज्यादा महँगी होने के चलते शुरू में लोग इसे वहन नहीं कर पाते।
अगर आप पूरे प्रोफेशनल तरीके से ही ऐप्स बनवाना चाहते हैं तो निश्चित रूप से आपको विशेषज्ञ की मदद लेनी पड़ेगी। यदि आप 'मुफ्त' में अपना ऐप बनाना चाहते हैं तो वह भी संभव है। इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न ट्यूटोरियल्स आपकी मदद के लिए मौजूद हैं। एप बनाने के दौरान आपकी मदद के लिए यूट्यूब पर हेल्प वीडियो, सम्बंधित फोरम्स पर समस्याओं की चर्चा आपकी राह आसान करेंगी। यदि आप भी अपना एप बनाना चाहते हैं तो निम्न जानकारी का उपयोग करें।
स्पैम फ्री वेबसाइट को ढूंढना: जी हाँ, गूगल में आप ज्यों ही 'फ्री एंड्राइड डेवलपमेंट वेबसाइट' या फिर ऐसे ही दूसरे कीवर्ड डालते हैं तो आपके सामने सैकड़ों परिणाम खुल जाते हैं। स्वाभाविक रूप से आप कन्फ्यूज हो जाते हैं कि कौन सी वेबसाइट विश्वसनीय है, क्योंकि अधिकांश 'स्पैम' से भरी हुई और आपको बेवजह 'उलझाने' के लिए भी बनाई गयी होती हैं, ताकि आप उन पर दिए गए विज्ञापन को देखें और क्लिक करें। हालाँकि, इस उहापोह में आप को ऐसी वेबसाइट, आपके मकसद से दूर धकेल देती है। इससे बचने के लिए, आप जिस भी वेबसाइट का प्रयोग एंड्राइड ऐप्स डेवलप करने के लिए करें, उसका यूआरएल, अलेक्सा.कॉम पर पहले चेक कर लें। अगर उस वेबसाइट की वर्ल्डवाइड रैंक 10 लाख से जितनी ज्यादा है तो विश्वसनीय है। हालाँकि ऐप डेवलप करने के लिए आप कुछ जानी मानी वेबसाइट पर जा सकते हैं, जैसे ऐपगीजर.कॉम (www.appsgeyser.com), ऐपपाई.कॉम (www.appypie.com), एपीयेट.कॉम (www.appyet.com), मेकमीड्रॉइड.कॉम (www.makemedroid.com) इत्यादि। और भी तमाम वेबसाइट हैं, किन्तु इन पर मैंने अपना ऐप बनाकर टेस्ट किया है। हालाँकि, इन पर भी सब्स्क्रिप्शन के तमाम ऑप्शन हैं, किन्तु आपको फ्री वाला ऑप्शन ही चूज करना है।
सही ऑप्शन के साथ आगे बढ़ना: अधिकतर फ्री वेबसाइट आपसे शुरुआत में ही आपके एप्लिकेशन के प्रकार के बारे में पूछती हैं। जैसे आप अपनी कंपनी के लिए एप्लिकेशन बनाना चाहते हैं अथवा अपनी वर्डप्रेस वेबसाइट या ब्लॉग के लिए आपको एप्लिकेशन चाहिए। जैसे ऐपगीजर.कॉम में दाहिनी ओर 'क्रिएट ऐप' का बटन क्लिक करते ही आपसे पूछेगा कि वेबसाइट, मेसेंजर, ब्राउज़र, ब्लॉग, न्यूज, यूट्यूब, पेजेस या फिर सोशल अकाउंट के लिए आपको ऐप चाहिए? ज्यों ही आप किसी एक ऑप्शन पर क्लिक करते हैं, वह दूसरी जानकारियां आपसे पूछता है। जैसे आप अगर अपने ब्लागस्पाट ब्लॉग के लिए ऐप चाहते हैं तो आपसे आपके ब्लॉग का यह यूआरएल पूछेगा, फिर उसके बाद आपसे अपने ऐप का नामकरण करने को कहेगा। ऐप का नाम डालने के बाद उसका डिस्क्रिप्शन और फिर ऐप का आइकॉन चूज कीजिये और आपका ऐप क्रिएट हो गया।
ऐप को स्मार्टफोन पर कैसे इंस्टॉल करें: अगर आपके अपने ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एंड्राइड डेवलपर का अकाउंट अप्रूव कराना होगा, जिसके लिए वर्तमान में क्रेडिट या डेबिट कार्ड से 25 डॉलर की फीस जमा करनी होगी। हालाँकि, आप यह प्रक्रिया बाद में कर सकते हैं, जब आपको यह प्रतीत हो कि आपके मोबाइल एप्लिकेशन की मांग और लोकप्रियता बढ़ रही है। इससे पहले वह वेबसाइट आपको डाउनलोड का लिंक देगी, जिसे अपने स्मार्टफोन से खोलते ही ऐप डाउनलोड करने के लिए पूछेगा। उसे डाउनलोड करें और अपनी मोबाइल सेटिंग में प्ले स्टोर के अतिरिक्त ऐप को इंस्टॉल करने की अनुमति सेट करें। बस डाउनलोड फ़ाइल को डबल क्लिक करें और फिर सामान्य ढंग से उसे अपनी स्मार्ट मोबाइल में इंस्टॉल करें।
अब आप कुछ समय तक अपने एप्लिकेशन को इस्तेमाल करें, उसमें सुधार करने के लिए तमाम ट्यूटोरियल्स पढ़ें और अगर जरूरत होती है तो ऑनलाइन वेबसाइटों के सब्स्क्रिप्शन प्लान्स की ओर जाएँ जो आपको कुछ अन्य सुविधाएं भी प्रदान करेंगे, जैसे पुश अप इंस्टालेशन, एडमॉब.कॉम की सुविधा से ऐप से कमाई के रास्ते इत्यादि। अगर और भी ज्यादा प्रोफेशनल ढंग से आपको अपना एप्लिकेशन चाहिए तो इसके लिए फिर विशेषज्ञ से संपर्क करें। जाहिर है, अब आप इस हद तक मोबाइल ऐप्लिकेशंस के बारे में जान चुके हैं कि आपके धोखा खाने की सम्भावनाएं क्षीण हो चुकी होंगी। किन्तु, इसके लिए आपको अपने तकनीक के ज्ञान को लगातार अपडेट करने की जरूरत अवश्य ही पड़ेगी।
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