एप के जरिये अच्छे संस्कार और संस्कारी गेम देगा आरएसएस

RSS will give good culture games through mobile app

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास बच्चों के जीवन में वीडियो गेम के माध्यम से संस्कार पिरोने का काम शुरू करने जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास बच्चों के जीवन में वीडियो गेम के माध्यम से संस्कार पिरोने का काम शुरू करने जा रहा है। कक्षा 5 से छात्रों को स्कूल बैग और कॉपी पैन से आजादी दिलाने के लिए एक विंडो बेस्ट एप डेवलेप किया जा रहा है। संघ के शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की योजना ये है कि इसे महाराष्ट्र सरकार को देकर इस एप को लागू करने के सुझाव भी दिए जाएं। इसी एप में पढ़ाई के साथ-साथ एक संस्कारी वीडियो गेम भी बच्चों के लिए उपल्बध कराया जाएगा। 

एप में वैदिक गणित/ मैथ्स भी मौजूद: न्यास ने बताया है कि वो इस एप में वैदिक गणित भी जोड़ रहे हैं। साथ ही इसमें एक दिलचस्प कार्टून कॉर्नर भी होगा। जिससे बच्चे जुड़ाव महसूस करेंगे। इस ऐप में नैतिक शिक्षा की कहानियां भी होंगी। होगा यह कि इस एप के जरिए छात्र पढ़ाई तो करेंगे ही साथ ही उनका खूब मनोरंजन भी होगा, और इसी मनोरंजन के जरिए उन्हें अच्छे संस्कार भी दिए जाएंगे। 

अब पढ़ने के लिए कॉपी किताब की जरूरत नहीं: न्यास के संयोजक ने बताया है कि वो इस एप को अगले 6-7 महीने में तैयार कर लेंगे। इस एप को स्टूडेंट, स्कूल, घर या कहीं भी मोबाइल पर या कंप्यूटर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। वह कहते हैं कि इस एप के लिए हम छात्रों को ई-पेन भी देंगे जिससे छात्र डिजिटल कॉपी-पेन का इस्तेमाल कर सकेंगे। छात्र इस एप के जरिए अपने नोट्स लिखकर अपलोड कर सकेंगे और उसे बाद में घर पर या कहीं और भी देख सकेंगे। इससे फर्क ये पड़ेगा कि स्कूल जाने के लिए स्कूल बैग की जरूरत खत्म हो जाएगी। सब कुछ एप के जरिए होगा। 

मौजूद होंगे संस्कारी ई-गेम्स: न्यास संयोजक ने कहा है कि आजकल ना जाने कैसे-कैसे गेम्स आ रहे हैं। जिनको खेलकर बच्चों में एरोगेंस बढ़ रहा है। इन गेम्स में सिर्फ मरना और मारना सिखाया जाता है। इन्हीं गेम्स से बच्चों के अंदर एक भाव पैदा होता है। यही भाव उनके व्यवहार में झलकता है। साथ ही ऐसे और कई तरह के वल्गर गेम्स भी मौजूद हैं जो बच्चों के भविष्य के लिए खासा हानिकारक हैं। इसी कारण हमने अपनी इस एप में एक ई गेम्स जोन भी रखा है जो बच्चों में संस्कार भी डालेंगे। हम बच्चों को मॉरल एजुकेशन गेम्स देंगे जिससे बच्चों का मानसिक विकास होगा। उनके मन में सकरात्मक भाव आएंगे। उन्होंने ये भी बताया कि इसके अलावा हम और भी कई गेम्स बना रहे हैं जिसमें कबड्डी, कुश्ती-खोखो जैसे देसी खेलों को जगह मिलेगी। न्यास संयोजक ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ये स्कूल एप सबसे पहले तैयार कर महाराष्ट्र सरकार को देने का फैसला किया है। क्योंकि महाराष्ट्र में शिक्षा को लेकर नए-नए प्रयोग होते रहते हैं। वहां इस एप को लागू करने के बाद इस एप को महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों में भी शुरू करने कि सिफारिश की जाएगी। 

अगर बात एजुकेशन की हो या फिर भारतीय संस्कृति की इस लिहाज से संघ का ये काबिलेतारीफ प्रयास है। अब देखना ये है कि बच्चों पर इसका असर पड़ता है या नहीं और आने वाले दिनों में ये एप महाराष्ट्र के अलावा किन-किन राज्यों में शुरू होगा। विभिन्न राज्यों में आरएसएस द्वारा संचालित इस एप को सीधे से स्वीकार किया जाएगा या नहीं...ये भी देखने वाली बात है।

- शैव्या शुक्ला

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