अयोध्याः एक ऐतिहासिक और पवित्र दर्शनीय शहर

Ayodhya
जे. पी. शुक्ला । Jul 28 2020 8:34PM

अयोध्या भारत के उत्तरप्रदेश राज्य का एक जिला है। यह सरयू नदी के पावन तट पर स्थित है। अयोध्या रेल या बस द्वारा जाया जा सकता है। यह लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर जैसे महत्वपूर्ण शहर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

अयोध्या हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। अयोध्या को अवध और साकेत के नामों से भी जाना जाता है। अयोध्या का शाब्दिक अर्थ होता है जिसे युद्ध द्वारा जीता ना जा सके, और अवध का मतलब होता है जहां किसी का वध ना होता हो। अयोध्या को सिर्फ भगवान राम के जन्म स्थान के रूप में ही नहीं जाना जाता है, बल्कि हिन्दू धर्म के सात सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक के रूप में भी माना जाता है।  रामायण काल में अयोध्या को कोसल राज्य की राजधानी के रूप में जाना जाता था। भगवान राम के पुत्र लव ने श्रीवस्ती नगरी बसाई थी जो बौद्ध काल में इस राज्य का एक प्रमुख शहर बन गया और साकेत के नाम से मशहूर हो गया। कालिदास ने तो अयोध्या और साकेत दोनों ही नामों का वर्णन किया है।

राम के जन्म स्थान को एक मंदिर के प्रतीक के रूप में वर्णित किया गया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह मुगल बादशाह बाबर के द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था और इसके स्थान पर एक मस्जिद बनाई गई थी जो बाद में एक विवाद का कारण बनी थी। मुग़ल बादशाह बाबर ने 16 वीं शताब्दी के शुरुआत में बाबरी मस्जिद को ऐसी जगह पर बनवाया था जहां प्राचीन हिंदू मंदिर और राम जन्मभूमि का स्थान था। प्रारंभिक बौद्ध और जैन ग्रंथों में ऐसा उल्लेख है कि धार्मिक गुरु गौतम बुद्ध और महावीर इस शहर में आए थे और काफी समय तक यहां निवास किया था। जैन ग्रंथ इसे पांच तीर्थंकरों- ऋषभनाथ, अजितनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ और अनंतनाथ के जन्मस्थान के रूप में भी मानते हैं।

इसे भी पढ़ें: भारत के यह रेलवे स्टेशन हैं भूतिया और बेहद डरावने, सफर करें जरा सोच समझकर

भौगोलिक स्थिति

अयोध्या भारत के उत्तरप्रदेश राज्य का एक जिला है। यह सरयू नदी के पावन तट पर स्थित है। अयोध्या रेल या बस द्वारा जाया जा सकता है। यह लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर जैसे महत्वपूर्ण शहर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हालाँकि, यहाँ पर अभी एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन फैज़ाबाद तक हवाईजहाज से जाकर अयोध्या पंहुचा जा सकता है। वैसे लखनऊ एयरपोर्ट भी यहां से सिर्फ 150 किलोमीटर दूर है।

अयोध्या के मुख्य आकर्षण

राम जन्मभूमि

राम जन्मभूमि हिंदू देवता भगवान राम की जन्म भूमि रही है। भारतीय महाकाव्य के अनुसार राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे। राम जन्मभूमि हिंदू भक्तों के लिए एक अत्यंत पूजनीय स्थल है। मार्च और अप्रैल के महीने में मनाया जाने वाला हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार, रामनवमी जो कि भगवान राम के जन्म दिवस का प्रतीक है, यहां इस जन्मभूमि स्थल पर हर साल बहुत ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।

हनुमानगढ़ी

हनुमान गढ़ी एक मंदिर है जो साईं नगर में स्थित और हिंदू भगवान हनुमान को समर्पित है। एक किंवदंती के अनुसार हनुमान जी यहाँ एक गुफा में रहते थे और जन्मभूमि की रक्षा करते थे।

कनक भवन

कनक भवन राम जन्मभूमि के पूर्वोत्तर कोने की तरफ स्थित है जो तुलसी नगर इलाके में आता है। इस मंदिर को “सोने का घर” के नाम से भी जाना जाता है, जिसका निर्माण 1891 में किया गया था। कहा जाता है कि कनक भवन को राम की सौतेली माँ कैकेयी ने सीता और राम को शादी के उपहार के रूप में दिया था और इसमें केवल राम और सीता की ही मूर्तियाँ हैं।

नागेश्वरनाथ मंदिर

नागेश्वरनाथ मंदिर की स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी। एक किंवदंती के अनुसार सरयू में स्नान करने के दौरान कुश ने अपना बाजूबंद खो दिया था और वह एक नाग-कन्या द्वारा पुनर्प्राप्त किया गया था, जिसे उसके साथ प्यार हो गया था। चूंकि कुश शिव के भक्त थे, इसलिए उन्होंने यह मंदिर, उसके लिए बनवा दिया था।

इसे भी पढ़ें: भारत के महाराष्ट्र राज्य में मौजूद है दूसरा ताजमहल, जानिए इसके बारे में

इसके अलावा और भी कई ऐसे अयोध्या के खूबसूरत दर्शनीय स्थान हैं जिन्हे आपको अवश्य ही देखने चाहिए, जैसे- 

- गुलाबबाड़ी

- त्रेता का ठाकुर

- सीता की रसोई

- छोटी छावनी

- तुलसी स्मारक भवन

- बहु बेगम का मक़बरा

- राजा मंदिर

- राम कथा पार्क

- मोती महल

- दशरथ भवन

- गुप्तार घाट 

- मणि परबत

जाने का सही समय

वैसे तो अयोध्या में मौसम पूरे वर्ष भर लगभग सुहाना ही रहता है, लेकिन गर्मी और सर्दियों के पीक सीजन के दौरान कभी-कभी गर्मी की लहरें और ठंडी हवाएं चलती हैं। मौसम और उत्सव दोनों के लिहाज़ से अगर देखें तो यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच का होता है। अयोध्या में भोजन के विकल्प काफी सीमित हो सकते हैं, क्योंकि यह एक प्रमुख धार्मिक शहर होने के कारण, यहाँ केवल शाकाहारी भोजन ही उपलब्ध होते हैं। शहर अपने चाट के रंग और स्वाद के लिए जाना जाता है, जिसमें आलू टिक्की, पानी पुरी, कचौरी, पापड़ी चाट, समोसा और बहुत कुछ शामिल है। 

- जे. पी. शुक्ला

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़