दुनियाभर में मशहूर हैं इन 8 जगहों की होली, देखने को मिलते हैं होली के अलग रंग

देशभर में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। कहीं लट्ठमार होली खेली जाती है तो कहीं होला-मोहल्ला का आयोजन होता है। आज के इस लेख में हम आपको देश की ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ की होली दुनियाभर में मशहूर है।
रंगों का त्यौहार होली देश के प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली को बसंत की शुरुवात के रूप में भी मनाया जाता है। इस दौरान पूरा देश रंगों में डूबा हुआ नज़र आता है। होली के दिन हर कोई गुझिया, कचौड़ी और मिठाई जैसे स्वादिष्ट पकवानों का लुत्फ उठाते और होली के गानों पर थिरकता नज़र आता है। देशभर में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। कहीं लट्ठमार होली खेली जाती है तो कहीं होला-मोहल्ला का आयोजन होता है। आज के इस लेख में हम आपको देश की ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ की होली दुनियाभर में मशहूर है। आप भी होली पर इन जगहों पर जा सकते हैं और होली को एक नए और अलग अनदाज़ में हैं -
लट्ठमार होली, बरसाना
सदियों से चली आ रही बरसाने की लट्ठमार होली ना सिर्फ भारत, बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है। बरसाने में होली बहुत हर्षोल्लास और अलग ढंग से मनाई जाती है। इसमें रंग और गुलाल से खेलने साथ -साथ महिलाएं लाठिओं और डंडों से पुरुषों को मारती हैं और पुरुष ढाल से खुद को बचाते हैं। लट्ठमार होली नंदगांव और बरसाने में होली से एक हफ्ते पहले मनाई जाती है।
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फूलों की होली, मथुरा-वृन्दावन
श्रीकृष्ण के शहर में होली का अलग ही उत्साह और अनोखा रूप देखने को मिलता है। होली के कई दिनों पहले से ही मथुरा-वृंदावन में तैयारी शुरू हो जाती है। पूरा शहर होली की मस्ती में झूमता नज़र आता है। यहां की फूलों की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है और दूर-दूर से लोग यहां की होली में शामिल होने आते हैं। वृन्दावन के बांके बिहारी मंदिर में होली से पहले पड़ने वाली एकादशी पर यहां फूलों की होली खेली जाती है और फिर एक हफ्ते तक ये पूरे शहर में फैलती है। यहां होली खेलने के साथ-साथ लोग कृष्ण भक्ति में नाचते-गाते भी नज़र आते हैं।
होला मोहल्ला, पंजाब
पंजाब के आनंदपुर साहिब में होली मानाने का अपना ही अलग ढंग है। सन 1701 से ही आनंदपुर साहिब में हर साल होला मोहल्ला मनाया जाता है। इसमें एक मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग कुश्ती, मार्शल आर्ट्स जैसे कई खेलों में शामिल होते हैं। खेलों के साथ-साथ मेले में खाने-पीने के तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का भी आयोजन किया जाता है।
म्यूज़िकल होली, दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में होली का अलग ही जश्न मनाया जाता है। जगह-जगह डीजे लगाए जाते हैं और लोग एक दूसरे पर रंग-गुलाल और पानी डाल कर होली खेलते हैं और गानों नाचते-गाते हैं। इसके साथ ही कई जगहों पर होली फेस्ट का आयोजन किया जाता है जिसमें गायक होली के गानों पर सबको झूमने पर हैं।
बसंत उत्सव, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने होली खेलने की परंपरा की शुरुवात की थी। यहां की होली को बसंत उत्सव के नाम से जाना जाता है और इसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग यहाँ आते हैं। बसंत उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और बड़े ही धूम-धाम से छात्र रंग-गुलाल के साथ होली खेलते हैं।
रजवाड़ा होली, उदयपुर
उदयपुर में होली शाही अंदाज़ में मनाई जाती है, जिसे रजवाड़ा या शाही होली के नाम से जाना जाता है। इसमें शहर के साथ-साथ दुनियाभर से लोग शामिल होते हैं। रजवाड़ा होली में सिटी पैलेस के शाही निवास से मानेक चौक तक बड़ी धूम-धाम के साथ शाही जुलूस निकाला जाता है, जिसमें घोड़े, हाथी और रॉयल बैंड भी शामिल होता है।
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डोल जात्रा, असम
देश अन्य भागों की तरह असम में भी होली का त्यौहार दो दिनों तक मनाया जाता है। असम में होली को डोल जात्रा के नाम से मनाया जाता है, जिसमें पहले दिन लोग होली मिट्टी की झोपड़ी जलाते हैं और दूसरे दिन रंगों और पानी से होली खेली जाती है।
शिगमोत्सव, गोवा
गोवा घूमने की जगहों के साथ-साथ होली के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। यहां यह त्योहार करीब 14 दिनों तक मनाया जाता है जिसमें गांव के देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद पांच दिनों में जूलूस और झांकियां निकाली जाती हैं। इस दौरान होली परेड का आयोजन किया जाता है और रंग- गुलाल से होली खेली जाती है। होली के समय गोवा के समुद्री तट रंगीन नज़र आते हैं।
- प्रिया मिश्रा
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