ताजमहल तो कई बार गए होंगे, लेकिन इसके बारे में इन बातों से अभी भी अनजान हैं आप

taj mahal
मिताली जैन । Apr 24 2020 8:17PM

इतिहास के अनुसार इस इमारत को बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। लेकिन शाहजहां की पत्नी का वास्तविक नाम मुमताज महल नहीं है। पहले उन्हें अर्जुमंद बानो बेगम के नाम से जाना जाता था और वह शाहजहाँ की तीसरी पत्नी थी।

प्रेम के प्रतीक के तौर पर देखा जाने वाला ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। कहा जाता है कि इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया है। आगरा में मौजूद सफेद संगमरमर से बनी इस इमारत को सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया भर से लोग देखने के लिए आते हैं। आप भी ताजमहल देखने शायद कई बार गए होंगे, लेकिन फिर भी इसके बारे में ऐसी कई बातें हैं, जिससे शायद आप अब तक अनजान हों। तो चलिए जानते हैं ताजमहल से  जुड़ी कुछ आश्चर्यजनक बातों के बारे में−

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मौजूद हैं रेप्लिका

कहा जाता है कि जब यह इमारत बन कर तैयार हुई थी तब बादशाह शाहजहां ने इसे बनाने वाले कारीगरों के हाथ यह सोच कर कटवा दिए थे कि भविष्य में कभी दूसरी बार इस तरह की खूबसूरत इमारत न बनाई जा सके। लेकिन आज विश्व में इसकी कई रेप्लिका मौजूद हैं। हालांकि यह मूल ताजमहल जितनी लुभावनी नहीं है। औरंगाबाद में बीबी का मकबरा ऐसी ही कलाकृति है। इसे भारत के छोटे ताजमहल के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा, बांग्लादेश और चीन जैसे देशों में भी ताजमहल की रेप्लिका मौजूद है। वहीं दुबई में मौजूद ताजमहल जिसे ताज अरेबिया कहा जाता है, एक वेडिंग डेस्टिनेशन है, जो बिल्कुल ताजमहल जैसी है।

मुमताज महल नहीं है वास्तविक नाम

इतिहास के अनुसार इस इमारत को बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। लेकिन शाहजहां की पत्नी का वास्तविक नाम मुमताज महल नहीं है। पहले उन्हें अर्जुमंद बानो बेगम के नाम से जाना जाता था और वह शाहजहाँ की तीसरी पत्नी थी। मुमताज महल ने शाहजहाँ के 14 वें बच्चे को जन्म देते हुए अपना जीवन खो दिया था।

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एक हजार हाथियों की मदद

ताजमहल के निर्माण के लिए सिर्फ कारीगर ही नहीं, जानवरों की मदद भी ली गई थी। ताजमहल के निर्माण के दौरान लगभग 1000 हाथियों को काम पर लगाया गया था, जिन्होंने निर्माण सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया था।

28 प्रकार के कीमती पत्थर

ताजमहल के निर्माण के दौरान सिर्फ संगमरमर ही नहीं, 28 प्रकार के कीमती व अर्धकीमती पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे इसकी खूबसूरती में कई गुना इजाफा हो गया था। इतना ही नहीं, दिन के अलग−अलग समय पर ताजमहल का अलग रंग देखने को मिलता है।

लिखी है कुरान

आपने ताजमहल तो कई बार देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल परिसर में हर जगह कुरान के विभिन्न छनद लिखे हुए हैं। इतना ही नहीं, मुमताज महल की वास्तविक कब्र में अल्लाह के 99 अलग−अलग नाम लिखे हैं, जिन्हें बेहद ही खूबसूरती के साथ उकेरा गया है।

मिताली जैन

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