Travel Tips: डिजाइन, रंगत और बनावट ने बनाया लवासा को 'इटली ऑफ इंडिया', हकीकत जानकर चौंक जाएंगे

महाराष्ट्र भी किसी मामले में पीछे नहीं है। यहां पर कई ऐसे शहर हैं, जोकि जन्नत में होने का एहसास कराते हैं। आमतौर पर लोनावला, पुणे, खंडाला और मुंबई का नाम ही लिया जाता है। लेकिन क्या आप लवासा के बारे में जानते हैं।
भारत देश में घूमने के लिहाज से एक से बढ़कर एक कई जगहें मौजूद हैं। कहीं पहाड़ तो कहीं समुद्र, इन जगहों पर पर्यटकों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती हैं। जब भारत के खूबसूरत राज्यों की बात होती है, तो केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान का नाम जरूर लिया जाता है। वहीं महाराष्ट्र भी किसी मामले में पीछे नहीं है। यहां पर कई ऐसे शहर हैं, जोकि जन्नत में होने का एहसास कराते हैं। आमतौर पर लोनावला, पुणे, खंडाला और मुंबई का नाम ही लिया जाता है। लेकिन क्या आप लवासा के बारे में जानते हैं।
यह महाराष्ट्र का एक खूबसूरत शहर है, जिसको इटली ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। इसकी वजह सिर्फ खूबसूरती नहीं बल्कि पूरा डिजाइन, रंग और बनावट है। यह पुणे शहर से करीब 60 किमी दूर वेस्टर्न घाट में बसा है। अधिकतर हिल स्टेशन समय के साथ डेवलप हुए हैं। लेकिन लवासा सोच-समझकर प्लान किया गया हिल सिटी प्रोजेक्ट है। इसको शुरूआत से ही खास जगह की तरह बनाया गया था। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको यहां की खूबसूरती के बारे में बताने जा रहे हैं।
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Portofino जैसा बनाने का आइडिया
लवासा का प्लान 2000 के शुरूआती सालों में बना था। उस दौरान डेवलपर्स ने फैसला लिया कि इस जगह को इटली के Portofino जैसा लुक दिया जाएगा। इस जगह की अपनी कुछ खासियतें भी थीं।
हल्के पेस्टल रंग वाली इमारतें
पहाड़ियों के बीच बसा शांत वातावरण
साफ-सुथरी गलियां
झील और समुद्र के किनारे खूबसूरत कैफे
लवासा के प्लानर्स चाहते थे कि इटली का एहसास एक इंडियन हिल सिटी में लाया जाए। इसलिए यहां डिजाइन में यूरोपियन टच साफ देखने को मिलेगा।
यहां की इमारतें इटली जैसी
बता दें कि लवासा का जो हिस्सा सबसे अधिक Portofino जैसा लगता है, वह Dasve Lake का वॉटरफ्रंट है। यहां की इमारतें ठीक वैसे ही कलर की गई हैं, जैसे इटली के गांवों में होती हैं। मस्टर्ड, टेराकोटा, पीच, ब्रिक रेड और ऑलिव ग्रीन जैसे कलर्स को Portofino की ही तरह चुना गया है। आप इसको पहली बार देखेंगी, तो आपको लगेगा कि आप सच में इटली आ गई हैं।
इटली वाला लुक
छोटी-छोटी बालकनियां
टाइल्स वाली छत
पेस्टल प्लास्टर
आर्च वाले दरवाजें
कैफे-स्टाइल बैठने की जगह
बनाई गई हैं चौड़ी गलियां
इस जगह की एक खासियत यह भी है कि लवासा में पैदल घूमने के लिए चौड़ी गलियां बनाई गई हैं। जिससे कि लोग झील के किनारे आराम से चल सकें। यह कॉन्सेप्ट भी यूरोप के शहरों से लिया गया है। लवासा को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। लेकिन Dasve Town वो जगह है, जो सबसे अधिक Portofino जैसी दिखती है। यहां की बिल्डिंग की ऊंचाई, रंग और पूरा का पूरा स्ट्रक्चर एक खास गाइडलाइन के हिसाब से बनाया गया था, जिससे पूरा लुक इटली जैसा लगे।
लगता है यूरोपियन रिजॉर्ट टाउन
इस जगह की खूबसूरती सिर्फ इमारतों के कारण नहीं बल्कि यहां का माहौल भी यूरोपियन रिजॉर्ट टाउन जैसा एहसास देता है। झील के किनारे कैफे, छोटे बुटीक होटल, वॉटरफ्रंट पर बैठने की जगह, साफ-सुथरी रंगील गलियां और यहां का शांत माहौल आपको इटली जैसा एहसास कराता है।
क्यों कहा जाता है इटली ऑफ इंडिया
यूरोपियन स्टाइल वॉटरफ्रंट और गलियां
Portofino जैसा रंग और डिजाइन
झील, पहाड़ और कैफे वाला पूरा माहौल
ऐसे पहुंचें लवासा
अगर आप दिल्ली से लवासा जाने की सोच रही हैं, तो दिल्ली से लवासा की दूरी 1,200 किमी से अधिक है। यहां पहुंचने के लिए फ्लाइट से पुणे आएं और फिर कैब से लवासा पहुंचे। यहां तक पहुंचने में आपको करीब 6 घंटे का समय लग सकता है। वहीं अगर आप सस्ते ऑप्शन की तलाश में हैं, तो दिल्ली से ट्रेन के माध्यम से मुंबई पहुंच सकती हैं। वहां से कैब लेकर लवासा जा सकती हैं। लेकिन इसमें आपको 23 घंटे का समय लगेगा।
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