Bangladesh Mourning Day 2025: 15 अगस्त को बांग्लादेश ने खोया था 'राष्ट्रपति', मिला था इतिहास का गहरा जख्म

15 अगस्त, जिस दिन भारत स्वतंत्रता दिवस मनाता है। उस दिन बांग्लादेश राष्ट्रीय शोक दिवस मनाता है। बता दें कि बांग्लादेश के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की 15 अगस्त को निर्मम हत्या कर दी गई थी।
15 अगस्त, जिस दिन भारत स्वतंत्रता दिवस मनाता है। उस दिन बांग्लादेश राष्ट्रीय शोक दिवस मनाता है। बता दें कि बांग्लादेश के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की 15 अगस्त को निर्मम हत्या कर दी गई थी। ऐसे में उनकी याद में हर साल बांग्लादेश में 15 अगस्त को शोक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बांग्लादेश में इसको राष्ट्रीय शोक दिवस कहा जाता है। इस दिन सार्वजनिक छुट्टी होती है। 15 अगस्त के दिन बांग्लादेश में शोक दिवस पर काला झंडा फहराया जाता है और राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाकर रखा जाता है। लेकिन इस बार बांग्लादेश में तख्तापलट होने के कारण स्थिति थोड़ी उलट है।
49 साल पहले मिला था जख्म
दरअसल, 15 अगस्त 1975 का वह दिन था, जब स्वतंत्र बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान की हत्याकर दी गई थी। सेना के जवानों ने शेख मुजीबुर्रहमान को गोलियों से छलनी कर दिया था। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के धानमंडी में जब शेख मुजीबुर्रहमान अपने घर पर थे, तब उनको 15 अगस्त की सुबह गोलियों की आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने घर के बाहर आकर देखा, तो दरवाजे पर सेना के जवानों ने दस्तक दे दी थी। जैसे ही वह घर की सीढ़ियों से नीचे उतरे, सेना ने उन पर गोलियां बरसा दीं। इसके बाद सेना के जवानों ने शेख मुजीबुर्रहमान, उनकी पत्नी और बच्चों की हत्या कर दी थी।
कैसे बचीं शेख हसीन
शेख मुजीबुर्रहमान की जब सेना के जवानों ने हत्या की, उस समय उनकी बेटी शेख हसीना बांग्लादेश में नहीं थी। वह उस समय जर्मनी में थीं और साथ में उनकी बहन रेहाना शेख भी थीं। शेख हसीना को जब उनके पिता की हत्या की बात पता चली तो वह टूट गईं। इस मुश्किल समय में वापस बांग्लादेश अपने परिवार के पास वापस लौटना शेख हसीना के लिए खतरे से खाली नहीं था। ऐसे में उन्होंने भारत में शरण लिया।
वहीं भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उस समय शेख हसीना के हालातों की जरूरत को समझा। ऐसे में इंदिरा गांधी ने हसीना सिस्टर्स को सपोर्ट और प्रोटेक्शन दिया। फिर शेख हसीना दिल्ली के पंडारा रोड में अपनी बहन के साथ 6 साल तक रहीं।
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