Lockdown के 19वें दिन 34 और मरे, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, मप्र में स्थिति बिगड़ी

coronavirus

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आर्थिक मंदी ने कई भारतीय कॉरपोरेट को कमजोर कर दिया है और उन्होंने सरकार से राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में किसी विदेशी कंपनी द्वारा देश के किसी कॉरपोरेट का नियंत्रण अपने हाथ में नहीं ले पाने को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के संक्रमण के 909 नये मामले सामने आए हैं और इस दौरान 34 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले रविवार को बढ़कर 8356 हो गये जबकि इससे हुयी मौत का आंकड़ा 273 पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अब तक संक्रमित मरीजों में से 716 को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। इनमें से 74 मरीज पिछले एक दिन में स्वस्थ हुये हैं। अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय देश में कोविड-19 के परीक्षण की क्षमता को लगातार बढ़ाने की जरूरत पर बल दे रहा है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिये यथाशीघ्र अंतिम संक्रमित व्यक्ति तक पहुंचना संभव हो सके। उन्होंने बताया कि परीक्षण को बढ़ाने के लिये सरकार ने मानसिक चिकित्सा से जुड़े 14 अग्रणी संस्थानों को चिन्हित कर देश के सभी मेडिकल कालेजों को उन तरीकों से अवगत कराने को कहा है जिससे लोग बीमारी को छुपाने के बजाय अधिक से अधिक संख्या में परीक्षण के लिये अस्पतालों तक जायें। मेडिकल कालेजों को परीक्षण क्षमता को बढ़ावा देने के उपाय सुझाने के लिये चिन्हित किये गये संस्थानों में दिल्ली स्थित एम्स और निमहांस सहित 14 संस्थान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगर संक्रमण के मामलों में अचानक तेजी आ गयी तब भी किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिये सरकार जरूरत से कहीं ज्यादा सावधानी और सतर्कता बरतते हुये अतिरिक्त इंतजाम सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि जापान, चीन और दक्षिण कोरिया में संक्रमण के दोबारा उभरने के मद्देनजर सरकार भारत में अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुये सभी जरूरी इंतजाम कर रही है। अग्रवाल ने अमेरिका, इटली और फ्रांस सहित अन्य देशों की तुलना में कोरोना वायरस से संक्रमण की स्थिति भारत में नियंत्रित बताते हुये कहा कि देश में कुल मरीजों में 80 प्रतिशत से अधिक मरीज संक्रमण के सामान्य लक्षण वाले हैं। इलाज के इंतजामों को भी मांग की तुलना में पर्याप्त से अधिक बताते हुये उन्होंने कहा कि देश में कुल 1671 मरीज गंभीर श्रेणी में हैं और इनका सघन चिकित्सा केन्द्र (आईसीयू) में इलाज चल रहा है।

इसे भी पढ़ें: कोरोना पर चीन और WHO की मिलीभगत, लेकिन ICMR निकला ज्यादा स्मार्ट

‘सुरक्षा स्टोर’ से होगी अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच सरकार की योजना देशभर में 20 लाख ‘सुरक्षा स्टोर’ बनाए जाने की है। कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए लोगों एवं माल की आवाजाही पर 14 अप्रैल तक सार्वजनिक पाबंदी (लॉकडाउन) लगायी गयी है और इसके आगे बढ़ने की संभावना है। इसकी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सरकार की योजना मोहल्लों के किराना स्टोर को चिन्हित करके उन्हें ‘सुरक्षा स्टोर’ में तब्दील करना है। यह स्टोर दैनिक वस्तुओं की आपूर्ति करेंगे। इन दुकानों पर साफ-सफाई और सामुदायिक दूरी से जुड़ी हर तरह की एहतियात बरती जाएगी। इन दुकानों को कीटाणुमुक्त भी किया जाएगा। इस योजना को लागू करने के लिए सरकार निजी कंपनियों को शामिल करेगी। यह कंपनियां हर तरह के प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करेंगी। साथ ही अनिवार्य वस्तुओं के विनिर्माता के यहां से सामान लेकर खुदरा दुकानों तक उनकी पहुंच को भी सुनिश्चित करेंगी। सूत्र ने बताया कि उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन कुमार अग्रवाल के साथ रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली शीर्ष कंपनियां एक दौर की बैठक कर चुकी हैं। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ लागू की जाने वाली महत्वाकांक्षी योजना है। सूत्रों ने बताया कि सरकार का लक्ष्य अगले 45 दिन में ऐसे 20 लाख स्टोर बनाने है। प्रत्येक एफएमसीजी कंपनी को इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए एक या दो राज्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है। संपर्क करने पर अग्रवाल ने कहा कि सरकार ‘सुरक्षा स्टोर’ पर काम कर रही है। लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी देने से मना कर दिया। किसी किराना दुकान को ‘सुरक्षा स्टोर’ के दायरे में आने के लिए स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मानकों का अनुपालन करना होगा। इसमें दुकान और बिलिंग काउंटर पर लोगों के बीच डेढ़ मीटर का अंतर रखने के ‘सामुदायिक दूरी’ नियम का पालन भी अनिवार्य है। इसके अलावा दुकानदारों को ग्राहकों के दुकान में घुसने से पहले हैंड सैनेटाइजर या हाथ धोने की व्यवस्था करना। सभी स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य करने और सबसे ज्यादा छूने में आने वाले स्थानों को दिन में दो बार कीटाणुमुक्त बनाने का प्रावधान भी करना होगा। सुरक्षा स्टोर में सिर्फ किराना दुकानों को ही नहीं बल्कि टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद की दुकानों, कपड़ों और सैलून को भी शामिल करने की योजना है। एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने इस योजना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सुरक्षा स्टोर और सुरक्षा चक्र बनाने की योजना पर काम कर रही है। 50 से ज्यादा प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों से इसके लिए संपर्क किया गया है। हम सरकार के साथ हैं और अपनी मंजूरी दे चुके हैं।’’ एफएमसीजी कंपनियों से इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण और सुरक्षा किट देने के लिए भी कहा जाएगा ताकि दुकानों को सुरक्षा स्टोर में बदला जा सके।

नौ महीनों के लिए पर्याप्त खाद्यान्न

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में आने वाले 81 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को नौ महीनों तक खिलाने के लिए पर्याप्त अनाज का भंडार है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार गेहूं की भारी पैदावार की उम्मीद को देखते हुए हमारे पास आने वाले दिनों में और अधिक समय के लिए खाद्यान्न भंडार होगा। कोराना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंधों की अवधि को अप्रैल महीने के अंत तक बढ़ाये जाने की संभावना को देखते हुए उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री ने कहा कि संकट के समय ‘अभूतपूर्व’ पैमाने पर खाद्यान्नों का परिवहन और उनका वितरण ‘जीवनरेखा’ बनकर उभरा है। इसी के जरिये गरीबों को समय पर उनके राशन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। पासवान ने एक साक्षात्कार में बताया कि 10 अप्रैल तक सरकारी गोदामों में, गरीबों के बीच वितरण के लिए 299.45 लाख टन चावल और 235.33 लाख टन गेहूं जैसे दो प्रमुख अनाज उपलब्ध थे। यह कुल मिलाकर 534.78 लाख टन है। पासवान ने कहा कि प्रति माह पीडीएस के माध्यम से 60 लाख टन अनाज की आपूर्ति की जाती है। यहां से सीमित मात्रा में मोटे अनाज और दालों की आपूर्ति भी की जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘अनाज की कोई कमी नहीं है। हमारे पास अब रबी फसल आने वाली है और हमारा अनुमान है कि हमारे पास दो साल तक के लिए पर्याप्त स्टॉक होगा।’’  हालांकि लॉकडाउन को बढ़ाने के संदर्भ में अर्थव्यवस्था से लेकर कई तरह की चिंतायें हैं, लेकिन गेहूं और चावल जैसे आवश्यक अनाज की कमी को लेकर कोई चिंता नहीं है। पासवान ने हल्के-फुल्के अंदाज में मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर कहा कि परिस्थिति कुछ ऐसी है कि ‘‘गवाह (केन्द्र सरकार) चुस्त और मुद्दई (राज्य सरकारें) सुस्त’’। उन्होंने कहा कि सभी पीडीएस लाभार्थियों को तीन महीने की आपूर्ति मुफ्त मिलने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार लगातार राज्यों से कह रही है कि वे अपने राशन के कोटे का समय पर उठान करें। उन्होंने कहा कि अनाजों के आवागमन में ट्रेनें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में किसी एक दिन ट्रेन के जरिये करीब 20.19 लाख टन अनाज को भेजा गया जो एक रिकॉर्ड है। सरकार ने एजेंसियों, सार्वजनिक हों या निजी दोनों के लिए भी यह आसान बना दिया है कि यदि वे गरीबों की मदद करने में शामिल हों, तो वे सरकार के पास से रियायती दर पर अनाज खरीद सकते हैं।

गृह मंत्रालय का निर्देश

केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश भर के विभिन्न राहत शिविरों में रह रहे प्रवासी कामगारों के लिये भोजन, आश्रय, दवा, मोबाइल एवं वीडियो कॉल सुविधाओं सहित कल्याणकारी उपाय करने को कहा है। राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में राहत शिविरों में रह रहे प्रवासी कामगारों के कल्याण के सिलसिले में दिये गये उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लेख किया है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मंत्रालय ने कोविड-19 का प्रभावी तरीके से मुकाबला करने के लिये लॉकडाउन को लागू करते हुए शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में आवश्यक कदम उठाने को कहा है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि देश भर में राहत शिविरों में प्रवासी कामगारों को भोजन, साफ पेयजल और स्वच्छता के अलावा पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। इसके अलावा प्रशिक्षित परामर्शदाता या सभी धर्मों के सामुदायिक समूह के नेताओं को राहत शिविरों का दौरा करना चाहिए और प्रवासी कामगारों की किसी भी आशंका को दूर करना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा था कि प्रवासी कामगारों के बीच व्याकुलता और डर को पुलिस तथा अन्य प्राधिकारों द्वारा समझा जाना चाहिए और उन्हें उनके साथ मानवीय तरीके से पेश आना चाहिए। गृह मंत्रालय के पत्र में सभी राज्यों को प्रवासियों के बीच मनोसामाजिक मुद्दों से निपटने के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिये गये निर्देशों को भी दोहराया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि प्रवासी कामगार नये माहौल से कम परिचित हैं, जहां वे अस्थायी रूप से रह रहे हैं। साथ ही उन्हें इस स्थिति में विभिन्न सामाजिक मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक सदमा लगने का जोखिम है। 

इसे भी पढ़ें: कोरोना से जंग में प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों का साथ लेकर क्या दर्शाना चाह रहे हैं शिवराज?

रेलवे अधिकारी 'लिंक अधिकारी' का नाम बताएंगे

रेलवे ने एक आदेश जारी कर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि अगर उन्हें पृथकवास में रखने की आवश्यकता हुयी तो वे अपने स्थान पर काम करने के लिए एक "लिंक अधिकारी" को नामित करें। रेलवे का यह कदम सुनिश्चित करने के लिए है कि उन अधिकारियों की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर का कामकाज बाधित नहीं हो। सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा जारी निर्देशों के बाद यह फैसला किया गया है। सरकार ने सभी संयुक्त सचिव या समकक्ष और इससे ऊपरी रैंक के अधिकारियों को 14 अप्रैल से कार्यालय फिर से आने को कहा गया है ताकि आम जनता में विश्वास बहाल हो सके। कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान, कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यालय आते रहे हैं, लेकिन कुछ ने घर से काम करने का विकल्प चुना है। रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव लॉकडाउन अवधि के दौरान वीडियो-कॉन्फ्रेंस के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठकें करते रहे हैं। इन बैठकों में पार्सल गाड़ियों को चलाने, रेलवे इकाइयों में चिकित्सा उपकरण तैयार करने , रेल डिब्बों को पृथकवास वार्ड में बदलने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। रेलवे बोर्ड के एक आदेश में कहा गया है, "यह तय किया गया है कि सभी मुख्य कार्यकारी निदेशक (पीईडी), कार्यकारी निदेशक (ईडी), संयुक्त सचिव और निदेशक अपने लिंक / ड्यूटी अधिकारियों को नामित कर सकते हैं।" इसमें कहा गया है कि इसे "सक्षम प्राधिकारी" द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि लिंक अधिकारी के सभी विवरण 13 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दिए जाएं। सूत्रों ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों से कहा कि वे मंगलवार से फिर से कार्यालय आना शुरू करें।

सीआईआई ने सुझाई रणनीति

उद्योग एवं वाणिज्य संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को सुझाव दिया कि विभिन्न क्षेत्रों को उनके इलाके में कोरोना वायरस के संक्रमण की तीव्रता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे खोला जाना चाहिये। संगठन ने कहा कि किसी इलाके में संक्रमण के मामलों की संख्या के आधार पर उसे लाल, पीले या हरे इलाके में वर्गीकृत किया जा सकता है। सीआईआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, ई-वाणिज्य, वाहन तथा रसायन के अलावा कपड़ा एवं परिधान, दवा, खाद्य प्रसंस्करण, खनिज एवं धातु आदि प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें धीरे-धीरे परिचालन शुरू करने की जरूरत है। संगठन ने एक बयान में कहा कि लॉकडाउन हटाने से पहले सभी को पर्याप्त सूचनाएं दी जानी चाहिये तथा एक आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की जानी चाहिये। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिन के दौरान देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं तथा कई हॉटस्पॉट इलाके सामने आये हैं। ऐसे में उद्योगों को धीरे धीरे खोले जाने की जरूरत है। इसके लिये विभिन्न इलाकों को वहां संक्रमण के मामलों के आधार पर लाल, पीले व हरे तीन इलाकों में वर्गीकृत किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, इससे भी जटिल मुद्दा है क्या हरे इलाकों में सभी उद्योगों को खोला जा सकता है, पीले इलाकों में किन उद्योगों को खोला जा सकता है और लाल इलाकों में आवश्यक को छोड़ किसी को भी नहीं खोला जा सकता है। जिन्हें भी खोला जाये, यह सुनिश्चित किया जाये कि वहां कामगारों की सुरक्षा के लिये स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, साफ सफाई तथा जांच की उचित व्यवस्था हो। सीआईआई ने इसके लिये थर्मल जांच, आपस में सामाजिक दूरी तथा कारखानों के सेनिटाइजेशन समेत कई सुझाव दिये। उसने कहा कि जो उद्योग स्वप्रमाणन के आधार पर इनका पालन नहीं करें, उनके ऊपर कठोर जुर्माना लगाया जाये। सीआईआई ने कहा कि उद्योगों को तीन चरणों में खोला जाना चाहिये। पहले चरण में दवा, विनिर्माण, कपड़ा व परिधान, खाद्य प्रसंस्करण और खनिज एवं धातु को खोला जाना चाहिये। इसके बाद एक या दो सप्ताह का अंतराल लेकर दूसरे चरण में कृषि बाजारों, खाद्य एवं किराना डिलिवरी समेत ई-वाणिज्य, वाहन तथा वैसे रसायन जिनका इस्तेमाल साफ-सफाई में किया जाता है, इन्हें खोला जाना चाहिये। इसके एक या दो सप्ताह बाद तीसरे चरण में बचे क्षेत्रों को खोला जाना चाहिये।

दिल्ली शहर का नया अभियान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार शहर के 'रेड जोन' के तौर पर घोषित कोविड-19 ‘कंटेनमेंट जोन’ और 'ऑरेंज जोन' के रूप में चिह्नित उच्च खतरे वाले क्षेत्रों को सोमवार से संक्रमणमुक्त करने का व्यापक अभियान शुरू करेगी। सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण से ज्यादा प्रभावित 34 क्षेत्रों की पहचान कोविड-19 ‘कंटेनमेंट जोन’ के रूप में की गई है। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने कोविड-19 ‘कंटेनमेंट जोन’ को 'रेड ज़ोन' और उच्च खतरे वाले क्षेत्र को 'ऑरेंज ज़ोन' घोषित किया है ... हमने राष्ट्रीय राजधानी में और ‘कंटेनमेंट जोन’ की पहचान की है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह शहर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते मामलों को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने हालांकि, आश्वासन दिया कि घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,069 हो गई, जिसमें एक दिन में 166 ताजा मामले सामने आये और पांच मौतें हुईं।

इसे भी पढ़ें: मांसाहार की आदत की देन भी हो सकता है यह कोरोना वायरस

रमजान के दौरान भी लॉकडाउन का पालन करने की अपील

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने मुसलमानों से रमजान के दौरान भी लॉकडाउन का पालन करने और दुनिया को कोरोना वायरस से बचाने की खास दुआ करने की अपील करते हुए इस सिलसिले में एक परामर्श जारी की है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रविवार को जारी परामर्श में कहा, ‘‘इबादतों से भरपूर रमजान का महीना ऐसे वक्त पड़ रहा है जब देश और पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने लॉकडाउन की समय सीमा 14 अप्रैल तय की थी लेकिन ऐसा अनुमान है कि इस महामारी पर काबू पाने के लिए इसकी मियाद और बढ़ाई जाएगी। उम्मीद है कि आगामी 24 अप्रैल को रमजान उल मुबारक का चांद दिखाई पड़ेगा और 25 अप्रैल को पहला रोजा होगा। सभी मुसलमानों से गुजारिश है कि वे रमजान में भी लॉकडाउन का पालन करें और सामाजिक दूरी बनाए रखें।’’ मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि सभी मुसलमान सारे रोजे रखें और रमजान में खासकर इफ्तार के वक्त कोरोना के खात्मे के लिए खास दुआ जरूर करें। उन्होंने परामर्श में कहा, ‘‘जो लोग हर साल मस्जिद में गरीबों के लिए इफ्तारी का आयोजन करते थे, वे इसे इस साल भी करें लेकिन उस खाने को जरूरतमंदों में बांट दें।’’ मौलाना फिरंगी महली ने कहा, ‘‘इसके अलावा जो लोग हर साल रमजान में इफ्तार पार्टियां करते थे, वे भी इस पर खर्च होने वाली रकम या फिर उसके राशन को गरीबों में बांट दें। तमाम रोजेदार इस बात को सुनिश्चित करें कि रमजान के मुबारक महीने में कोई भी इंसान भूखा ना रहे। जिन लोगों पर जकात फर्ज है वे गरीबों में जकात जरूर बांटें।’’ परामर्श में कहा गया, ''रमजान में लोग तरावीह भी जरूर पढ़ें मगर मस्जिद में एक वक्त में पांच से ज्यादा लोग जमा ना हों। बाकी लोग अपने घरों में ही तरावीह की नमाज अदा करें।'' 

विश्व में अब तक 1,09,307 लोगों की मौत

विश्व में कोरोना वायरस से मरनेवालों की संख्या रविवार को एक लाख नौ हजार के आंकड़े को पार कर गई। आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित एएफपी की अंतरराष्ट्रीय समयानुसार आज 11 बजे तक की सूची के अनुसार कोविड-19 महामारी के चलते विश्व में 1,09,307 लोगों की जान चली गई। चीन में दिसंबर में महामारी के उभरने के बाद से अब तक दुनिया के 193 देशों और क्षेत्रों में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,780,750 से अधिक हो चुकी है। इनमें से कम से कम 3,59,200 रोगी अब तक ठीक हो चुके हैं। अमेरिका में इस महामारी ने सबसे अधिक लोगों की जान ली है और इस देश में मृतकों की संख्या 20,608 तथा संक्रमण के मामलों की संख्या 5,30,006 हो गई है। अमेरिका के बाद इटली दूसरे नंबर पर महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देश है जहां 19,468 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के 1,52,271 मामले दर्ज किए गए हैं। स्पेन में कोविड-19 से 16,972 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के 1,66,019 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, फ्रांस में इस महामारी ने 13,832 लोगों की जान ले ली है और कुल 1,29,654 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के चलते 9,875 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के कुल 78,991 मामले दर्ज किए गए हैं। चीन में अब तक इस महामारी से 3,339 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के कुल 82,052 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 77,575 लोग ठीक हो चुके हैं। चीन में कोई और मौत होने की खबर नहीं है तथा शनिवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शाम सात बजे से अब तक 99 नए मामले सामने आए हैं। यूरोप में कोरोना वायरस के अब तक 9,09,769 मामले सामने आए हैं और 75,018 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका और कनाडा में मिलाकर कुल 5,53,203 मामले दर्ज किए गए हैं और 21,286 लोगों की मौत हुई है। एशिया में अब तक 1,37,072 मामले सामने आए हैं और 4,878 लोगों की जान चली गई है। वहीं, पश्चिम एशिया में कोरोना वायरस के कुल 98,400 मामले सामने आए हैं और 4,768 लोगों की मौत हुई है। लातिन अमेरिका और कैरीबिया में संक्रमण के 61,098 मामले सामने आए हैं और 2,548 लोगों की मौत हुई है। अफ्रीका में 13,697 मामले सामने आए हैं और 742 लोगों की मौत हुई है। वहीं, ओसीनिया में कोविड-19 के अब तक कुल 7,515 मामले सामने आए हैं और 67 लोगों की मौत हुई है।

फर्जी लॉकडाउन ई-पास बेचने वाला गिरफ्तार

महाराष्ट्र के बीड में लॉकडाउन में आवाजाही के लिए फर्जी पास बनाने के आरोप में 21 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि महेश अशोक फापल नामक इस युलक को जिले के बेलोरा गांव से पकड़ा गया। दिनरुड पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य या अन्य किसी आपात स्थिति में आने जाने और आवश्यक सामानों की आवाजाही के लिए ये पास ऑनलाइन उपलब्ध हैं। फापल मोबाइल फोन पर नकली पास बनाकर बेच रहा था। उसके पास चार-पांच फर्जी पास बरामद हुए।” उसे धोखाधड़ी के लिए गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

इसे भी पढ़ें: पूरी दुनिया का मददगार बना भारत, UNSC में अब मिलनी ही चाहिए स्थायी सदस्यता

दिल्ली की मंडियों में ड्रोन की तैनाती

दिल्ली में जिन सब्जी और फल मंडियों में पहले दिनभर खरीददारों की भीड़ रहती थी, वहां पुलिस ने लोगों के बीच दूरी बनाये रखने के नियम पर अमल कराने के लिए ड्रोन तैनात किये हैं। साथ ही दुकानों के बाहर उपभोक्ताओं के खड़े होने के लिए निशान बनाये गए हैं और लोग एकदूसरे से दूरी बनाये रखें इसके लिए लगातार उद्घोषणाएं की जाती हैं। इस काम के लिए नागरिक सुरक्षा वालंटियर से भी सम्पर्क किया गया है। साथ ही पुलिस बाजार में भीड़ कम करने के लिए व्यापारियों और खरीददारों के लिए समय निर्धारित करने पर विचार कर रही है। दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोग केशोपुर, आजादपुर, गाजीपुर और महरौली मंडियों में एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करें दिल्ली सरकार और नागरिक प्रशासन की मदद से कई उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मंडियों के पदाधिकारियों से बात की है और यह सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था की गई है कि एक दूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन किया जाए।’’ उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख मंडियों में सुबह से बाजार बंद होने तक पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। पुलिस ने कहा कि पश्चिम दिल्ली की केशोपुर मंडी में, आपूर्तिकर्ताओं और खरीदारों को कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एकदूसरे से दूरी बनाये रखने को लेकर दिशानिर्देशों के पालन के लिए सख्ती से निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की एक टीम के साथ दो निरीक्षक प्रतिदिन बाजार में तैनात किए जाते हैं। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) दीपक पुरोहित ने कहा कि अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए मंडी के सामने सड़क पर मजबूत पिकेट लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी वाहन को बिना वैध प्रवेश प्रपत्र के प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विक्रेताओं और खरीददारों के बाजार में प्रवेश करने से पहले प्रवेश द्वार पर उनके पहचानपत्र की जांच की जाती है। पुलिस ने कहा कि दुकानों के बाद निशाना बनाये गए हैं जहां खरीददार खड़े रहते हैं जिससे कि एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन हो। लोगों को नियमों की याद दिलाने के लिए नियमित अंतराल पर उद्घोषणा की जाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) से कहा है कि वह बाजार पर भीड़ कम करने के लिए व्यापारियों और खरीददारों के लिए समय निर्धारित करे। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के लिए सुबह पांच से दोपहर 12 बजे तक का समय और दोपहर 12 बजे से शाम सात बजे तक का समय खरीददारों के लिए निर्धारित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केशोपुर मंडी को संक्रमणमुक्त करने के लिए मंडी को दो दिन के लिए बंद करने पर भी विचार किया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि एशिया की सबसे बड़ी फल एवं सब्जी की थोक मंडी आजादपुर मंडी और गाजीपुर मंडी में निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किये गए हैं।

-नीरज कुमार दुबे

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़