1959 में आज ही के दिन नाथूराम गोडसे को फाँसी पर लटकाया गया था

nathuram-godse-hang-on-15-november-1959
[email protected] । Nov 15 2018 10:54AM

महात्मा गांधी को विश्व इतिहास के महानतम नेताओं में शुमार किया जाता है। भारत माता को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए महात्मा गांधी ने जीवन भर अहिंसा और सत्याग्रह का संकल्प निभाया।

महात्मा गांधी को विश्व इतिहास के महानतम नेताओं में शुमार किया जाता है। भारत माता को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए महात्मा गांधी ने जीवन भर अहिंसा और सत्याग्रह का संकल्प निभाया, लेकिन उन्हें आजादी की हवा में सांस लेना ज्यादा दिन नसीब न हुआ। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ और 30 जनवरी 1948 की शाम नाथू राम गोडसे ने अहिंसा के उस पुजारी के सीने में तीन गोलियां झोंक दीं।

इस अपराध पर नाथूराम को फांसी की सजा सुनाई गई और वह 15 नवंबर 1959 का दिन था जब उसे फांसी पर लटका दिया गया। यह तथ्य अपने आप में दिलचस्प है कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नाथू राम गोडसे महात्मा गांधी के आदर्शों का मुरीद था, लेकिन फिर एक समय ऐसा आया कि वह उनका विरोधी बन बैठा और उन्हें देश के बंटवारे का दोषी मानने लगा। आज, 15 नवंबर के दिन महात्मा गांधी की जान लेने वाले नाथूराम गोडसे और इस अपराध की साजिश में उनका साथ देने वाले नारायण दत्तात्रेय आप्टे को फांसी पर लटकाया गया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़