Prabhasakshi News Updates: रोड शो और रैलियों पर जारी रहेगी पाबंदियां, पढ़िए आज की अन्य बड़ी खबरें

Election Commission
एकता । Jan 22 2022 7:50PM

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग की ओर से चुनावी रैली, जुलूस और रोड शो निकालने पर पाबंदियां लगाई गई है। चुनावी ऐलान के साथ ही आयोग की ओर से यह पाबंदियां लगाई गई थीं जिसे वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद इसे फिर 1 हफ्ते बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

प्रभासाक्षी की खास खबरों में जानिए दिनभर की उन घटनाओं के बारे में जिनका सरोकार सीधे जनता से है।

चुनाव आयोग की बैठक में फैसला, रोड शो और रैली पर अभी भी जारी रहेगी पाबंदी

पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने है। चुनाव आयोग की ओर से चुनावी तारीखों का ऐलान भी कर दिया गया है। इन सबके बीच कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग की ओर से चुनावी रैली, जुलूस और रोड शो निकालने पर पाबंदियां लगाई गई है। चुनावी ऐलान के साथ ही आयोग की ओर से यह पाबंदियां लगाई गई थीं जिसे पिछले हफ्ते 22 जनवरी तक बढ़ा दी गई थी। इन सब के बीच आज पाबंदियों को लेकर एक बार फिर से चुनाव आयोग की बैठक हुई। वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद इसे फिर 1 हफ्ते बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

क्या प्रियंका के अलावा कोई और कांग्रेस महासचिव खुद को CM कैंडिडेट कर सकता है घोषित?

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में घमासान मचा हुआ है। पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे भी कर रही हैं। इसी बीच कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में युवाओं के लिए अलग से संकल्प पत्र पेश किया। पार्टी ने युवाओं के इस संकल्प पत्र को 'भर्ती विधान' नाम दिया। जिसकी चारो तरफ चर्चा हो रही है। इसके बावजूद प्रदेश में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच में होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में कांग्रेस कहां खड़ी है ? क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव की तरफ नजर दौड़ाएं तो कांग्रेस ने भले ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ हाथों में हाथ डालकर चुनाव लड़ा हो लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पर ठंड से जमकर 4 भारतीयों की मौत, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजदूतों से मांगी रिपोर्ट

अमेरिका और कनाडा की सीमा से एक बहुत ही दर्दनाक खबर सामने आई। सर्द मौसम में चार भारतीयों की जमकर मौत हो गई है। मरने वालों में एक शिशु और एक किशोर शामिल है। इसको लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुख जताया है और कनाडा व अमेरिका के दूतावास से रिपोर्ट मांगी है। पूरे मामले को मानव तस्करी से जुड़ा मामला बताया जा रहा है। कनाडा पुलिस ने बताया कि एमर्सन के नजदीक कनाडा-अमेरिका सीमा पर कनाडा की ओर चार शव मिले, जिनमें दो शव व्यस्कों के, एक किशोर के और एक नवजात शिशु के हैं।

क्या है BSF की शीत रणनीति? कैसे रखी जाती है दुश्मन की हरकत पर नजर?

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गणतंत्र दिवस समारोह से पहले घुसपैठ की कोशिशों और आतंकी साजिशों को विफल करने के लिए अपनी “शीतकालीन रणनीति” के तहत जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर कोहरा रोधी निगरानी उपकरणों के साथ अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है। अधिकारियों ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर में 200 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) की सुरक्षा कर रहे बीएसएफ के जवानों को घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘अलर्ट’ पर रखा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने सीमा पर सैनिकों को तैनात किया है। कोहरे के मौसम और गणतंत्र दिवस समारोह को देखते हुए निगरानी उपकरणों के साथ अतिरिक्त सैनिकों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात किया गया है।”

क्या है अमर जवान ज्योति और इसके वॉर मेमोरियल में विलय पर क्यों हो रहा विवाद? जानें पूरे मामले की असल सच्चाई

जिन लोगों ने इंडिया गेट को करीब से देखा है या तस्वीरें ने देखा है, उन्होंने अमर जवान ज्योति की मशाल भी जरूर देखी होगी। इस मशाल को देखकर अपने शहीद सैनिकों को नमन भी जरूर किया होगा। लेकिन 21 जनवरी को एक विशेष कार्यक्रम के दौरान अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट के पास अभी हाल ही में बनाए गए नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल में ही मिला दिया गया। यानी शहीदों की याद में कई दशकों से जल रही ये लौ अब नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल में प्रजव्लित हो गई। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस समारोह पर जबतक राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री और तीनो सेनाओं के प्रमुख अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि नहीं देते तब तक गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत नहीं होती। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस जगह की बजाय नेशनल वॉर मेमोरियल जाएंगे। इस पर जहां एक तरफ कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष पीएम मोदी समेत सरकार पर हमलावर हो गया तो वहीं बीजेपी और सहयोगी पार्टियां इसे सही बताते हुए अपना पक्ष रख रही हैं।

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