No Smoking Day 2024: नो स्मोकिंग डे पर छोड़िए धूम्रपान की आदत, बढ़ सकती हैं सेहत संबंधी कई मुश्किलें

स्मोकिंग की लत स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती है। स्मोकिंग की आदत से सेहत संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हर साल स्मोकिंग के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए मार्च महीने के दूसरे बुधवार को 'नो स्मोकिंग डे' मनाया जाता है।
स्मोकिंग की लत स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती है। स्मोकिंग की आदत से सेहत संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हर साल स्मोकिंग के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए मार्च महीने के दूसरे बुधवार को 'नो स्मोकिंग डे' मनाया जाता है। इस बार 13 मार्च 2024 को 'नो स्मोकिंग डे' मनाया जा रहा है। इस दिन स्मोकिंग से सेहत पर पड़ने वाले बुरे असर के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है और लोगों को स्मोकिंग की लत छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नो स्मोकिंग डे मनाने की शुरूआत कब हुई और इसका क्या महत्व है।
इतिहास
साल 1984 में स्मोकिंग के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नो स्मोकिंग डे नामक चैरिटी की स्थापना की गई। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य से जुड़े खतरों के प्रति लोगों को जागरुक करना था। जिससे लोगों को स्मोकिंग की आदत छोड़ने में मदद मिल सके। साल 1984 में पहली बार आयरलैंड में नो स्मोकिंग डे मनाया गया था। इससे पहले नो स्मोकिंग डे मार्च के पहले बुधवार को मनाया जाता है। फिर बाद में इस दिन को मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाने लगा। जिसके बाद नो स्मोकिंग डे ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा।
महत्व
आपको बता दें कि 'नो स्मोकिंग डे' एक ऐसा अवसर है, जब पूरी दुनिया में स्मोकिंग से होने वाले स्वास्थ्य खतरों के बारे में बात की जाती है। साथ ही इस दिन लोगों को इस खतरनाक आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
पूरी दुनिया को स्मोकिंग फ्री बनाने के लिए तमाम तरह के अवेयरनेस प्रोग्राम्स आयोजित किए जाते हैं। वहीं देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में सेमिनार, वर्कशॉप आदि आयोजित होते हैं।
अन्य न्यूज़












