शुभ मुहूर्त में इस विधि से करें गणपति बप्पा की स्थापना और पूजन

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कमल सिंघी । Sep 2 2019 11:25AM

महादेव एवं मा पार्वती के प्रिय पुत्र श्री गणेश को देवताओं द्वारा यह वरदान दिया गया था कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना होगी। जिससे हर कार्य पूरा हो जाएगा। इस बार 2 सितम्बर सोमवार के दिन गणेश चतुर्थी है और सोमवार भगवान गणेश के पिताश्री महादेव का प्रिय वार है।

भगवान भोलेनाथ एवं माता पार्वती के प्रिय पुत्र भगवान गणेश की भक्ति आराधना 2 सितम्बर गणेश चतुर्थी से प्रारंभ हुई। गणेश चतुर्थी से दस दिन का गणेशोत्सव पूरे भारत के विभिन्न स्थानों पर मनाया जाता है। गणेश उत्सव मुख्य रूप से संपूर्ण महाराष्ट्र मे धूमधाम से मनाया जाता है। दस दिन तक गणेश चतुर्थी का यह उत्सव चलता है। इसी वजह से इसे गणेशोत्सव कहा जाता है। हिन्दु पंचाग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है। जिसके बाद गणेशोत्सव प्रारंभ होता है। इन दस दिनो में भगवान गणेश की विभिन्न तरह से पूजा-अर्चना कर अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदाई देते हुए उनका विसर्जन किया जाता है। महाराष्ट्र सहित अनेक प्रदेशों में लोग अपने-अपने घरों में गणेशजी की प्रतिमा को स्थापित करते हैं। आज हम आपको भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने की विधि, मुहूर्त एवं पूजन विधि के बारे में बताने जा रहें है। 

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इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान गणेश की स्थापना- 

महादेव एवं मा पार्वती के प्रिय पुत्र श्री गणेश को देवताओं द्वारा यह वरदान दिया गया था कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना होगी। जिससे हर कार्य पूरा हो जाएगा। इस बार 2 सितम्बर सोमवार के दिन गणेश चतुर्थी है और सोमवार भगवान गणेश के पिताश्री महादेव का प्रिय वार है। जो एक प्रकार से काफी शुभ संयोग है। 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी सुबह 4 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होगी जो 3 सितंबर 2019 की रात 1 बजकर 54 मिनट को समाप्त होगी। भगवान गणेश की स्थापना तथा पूजन हेतु 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 36 मिनट का समय शुभ है और यही शुभ मुहूर्त है।


इस तरह करें भगवान गणेश की स्थापना- 

भगवान गणेश का नाम लेकर किया गया कार्य हर हाल में पूरा होता है। 2 सितंबर को भगवान गणेश की स्थापना बताए गए मुहूर्त में इस प्रकार करें। गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले बाजार से या अपने हाथों से बने गणेश को घर लाए। स्थापना करने के पूर्व स्नान करके साथ-स्वच्छ तथा बिना कटे-फटे वस्त्र धारण करे। इसके बाद अपने मस्तिष्क पर तिलक लगाकर पूर्व दिशा में मुख कर आसन लगाकर बैठ जाए। जिसके बाद भगवान गणेश को लकड़ी के पाट या मूंग, गेहूं तथा ज्वार के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित कर दें। जहां आपने गणेश जी को स्थापित किया है वहां पर गणेश जी के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि की स्थापना एक-एक सुपारी के रूप में कर दें। अगर आप घर में गणेश जी की स्थापना करें तो उस दिन उपवास जरूर रखें।

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ऐसे करें दस दिनों तक भगवान गणेश की पूजा- 

जहां भगवान गणेश की स्थापना की है उस स्थान को स्वच्छ रखें। भगवान गणेश का पूजन इस प्रकार करें कि सबसे पहले घी का दीपक लगाए और हाथों में संकल्प लेकर भगवान गणेश का आवाह्न करें। फिर उन्हें दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बने पंचामृत से स्नान कराए। फिर स्वच्छ जल से स्नान करावे। जिसके बाद गणेश जी को वस्त्र चढ़ाएं। फिर गणेश प्रतिमा पर चंदन, सिंदूर, फूल और फूल माला अर्पित कर दें। पूजन के बाद गणेश जी के समक्ष सुगंधित धूप बत्ती लगाए। जिसके बाद गणेश जी को भोग लगाए। भोग में अगर मोदक रहेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। नहीं तो आप मिठाई, बूंदी के लड्डू या गुड़ का भी भोग लगा सकते है। भोग लगाने के बाद अपने परिवार के साथ गणपति बप्पा की आरती करें। इस तरह से आप दस दिन तक गणेशजी का पूजन करें।

- कमल सिंघी

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