महामारी और दुश्मनों पर विजय के लिए की जाती है बगलामुखी माता की पूजा
बगलामुखी देवी की आराधना बहुत संयम पूर्वक की जाती है। बगलामुखी जयंती के दिन प्रातः स्नान करके सबसे पहले पीले वस्त्र धारण करें। पवित्र स्थल जहां पर पूजा करनी है उसे गंगा जल से धो दें। ध्यान रहे कि देवी की पूजा हमेशा अकेले करें।
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुासर वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष अष्टमी को बगलामुखी देवी ने अवतार लिया था। आज 1 मई को बगलामुखी माता की जयंती है। मां बगलामुखी को देवी दुर्गा का ही अवतार माना जाता है। इनकी साधना करने से व्यक्ति को ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होती है। जिन लोगों पर मां बगलामुखी की कृपा होती है। उन्हें जीवन में कोई भी तकलीफ छू नहीं पाती है। देवी की आराधना के लिए बगलामुखी जयंती बेहद खास होती है। बगलामुखी माता को पीला रंग बहुत प्रिय है, इसी वजह से माता का एक नाम पितांबरा भी है। यह रंग पवित्रता, आरोग्य और उत्साह का रंग माना जाता है। देवी के पूजन में पीली वस्तुओं का ही उपयोग किया जाता है।
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मां बगलामुखी की पूजा
बगलामुखी देवी की आराधना बहुत संयम पूर्वक की जाती है। बगलामुखी जयंती के दिन प्रातः स्नान करके सबसे पहले पीले वस्त्र धारण करें। पवित्र स्थल जहां पर पूजा करनी है उसे गंगा जल से धो दें। ध्यान रहे कि देवी की पूजा हमेशा अकेले करें। देवी की पूजा करते समय पूर्व की तरह मुंह करें। बगलामुखी देवी को समर्पित करने के लिए पीले चावल, पीले फूल और पीले प्रसाद का प्रयोग करें। जयंती के व्रती निराहार रहें। रात में केवल फल का सेवन करें। दूसरे पूजा करने के बाद भोजन ग्रहण करें। पूजा करने के बाद छोटी कन्याओं को भोजन कराकर दक्षिणा दें।
पूजन में इन बातों का रखें ध्यान
बगलामुखी साधना दस महाविद्याओं में से एक होती है। इनकी कृपा से शत्रु आपका बाल भी बांका नहीं कर सकते हैं। देवी मां को प्रसन्न करने के लिए इनकी पूजा हमेशा पीले कपड़े पहनकर करें। बगलामुखी साधना को संपन्न करने के लिए बगलामुखी जयंती के दिन देवी के विग्रह या यंत्र की स्थापना करें। इससे घर में मौजूद नकारात्मकता दूर होगी। जो लोग सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें पीतांबरी जयंती के दिन मां बगलामुखी के ऐसे स्वरूप की मूर्ति रखनी चाहिए। जिसमें वो बाएं हाथ से शत्रु की जिव्हा खींच रही हो और दाहिने हाथ में गदा से शत्रु की जिव्हा पर प्रहार कर रही हो। मां बगलामुखी को प्रसन्न करने के लिए 'ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।' मंत्र का जाप करना सबसे अच्छा होगा। इससे आपका परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
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पीतांबरी जयंती के दिन देवी मां को पान, मिठाई, फल और पंचमेवे का भोग लगाएं। इसके बाद उन्हें जल अर्पण करें। अगर किसी को अक्सर नजर लग जाती है तो बगलामुखी जयंती के दिन देवी मां को चने की दाल चढ़ाएं। अब पूजन के बाद इसे किसी ब्राम्हण को दक्षिणा के साथ दान कर दें। अगर कोई कोर्ट केस चल रहा है और आप इसमें कामयाबी चाहते हैं या छुटकारा चाहते हैं तो बगलामुखी जयंती के दिन आठ नींबूओं की माला बनाएं। अब इसे देवी मां को चढ़ा दें। जिन घरों में अक्सर लड़ाई-झगड़ा होता रहता है उन्हें पीतांबरी जयंती के दिन देवी मां को पीले कनेर का फूल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से घर का महौल शांतिमय बनेगा। मां बगलामुखी को प्रसन्न करने के लिए हल्दी की माला से उनके सिद्ध मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इससे आपके सारे काम बन जाएंगे। मां बगलामुखी की पूजा करते समय उनके यंत्र एवं विष्णु भगवान की आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से शत्रुओं का नाश होगा। सच्चे मन से माता की आराधना करने वाले भक्तों पर माता प्रसन्न होती है। आज माता की पूजन विधि विधान से करने वालों को कई गुना फल मिलता हैं।
- कमल सिंघी
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