यदि आप आर्थिक तंगी से हैं परेशान तो करें गुरुवार का व्रत

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गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का होता है इसलिए विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए आप गुरुवार का व्रत रख सकते हैं। गुरुवार का व्रत बहुत आसान और प्रभावकारी होता है। इसके लिए बहुत कम सामान की जरूरत होती है।

अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं या घर में किसी लड़की की शादी नहीं हो पा रही हैं तो ऐसे में गुरुवार का व्रत फायदेमंद होगा। तो आइए हम आपको गुरुवार व्रत का नियम, महत्व तथा उद्यापन विधि के बारे में बताते हैं। 

मुहूर्त में शुरू करें गुरुवार का व्रत 

अगर आप अपनी परेशानी को कम करने के लिए गुरुवार का व्रत रखना चाहते हैं तो पौष मास को छोड़ कर किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के गुरुवार से व्रत प्रारम्भ कर सकते हैं। किसी भी शुभ काम की शुरूआत करने के लिए शुक्ल पक्ष उत्तम रहता है इसलिए गुरुवार का व्रत भी शुक्ल पक्ष से ही प्रारम्भ करें।  

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गुरुवार व्रत की विधि

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का होता है इसलिए विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए आप गुरुवार का व्रत रख सकते हैं। गुरुवार का व्रत बहुत आसान और प्रभावकारी होता है। इसके लिए बहुत कम सामान की जरूरत होती है। पूजा करने के लिए केले का पेड़, विष्णु भगवान की फोटो, चने की दाल, गुड़, हल्दी और हवन करने के लिए उपले इत्यादि। गुरुवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें। उसके बाद पूजा घर की सफाई कर हाथ में चावल और पीले फूल लेकर 16 बृहस्पतिवार व्रत रखने का संकल्प करें। एक छोटा पीला कपडा विष्णु भगवान को चढ़ाएं और लोटे के जल में गुड़, चने की दाल डालकर विष्णु भगवान को स्नान कराएं। उसके बाद पीले फलों का भगवान को भोग लगाएं। इसके बाद कथा पढ़े और आरती करें। उसके बाद लोटे में बचे पानी को केले के पेड़ में डाल दें। साथ ही ध्यान रखें कभी भी बृहस्पतिवार के दिन केले का सेवन न करें। बचे हुए प्रसाद में गुड़ और चने की दाल गाय को खिलाएं इससे आपको बहुत पुण्य मिलेगा। 

गुरुवार को न करें ये काम

गुरुवार का दिन बहुत खास होता है इसलिए इस दिन कुछ खास किस्म के काम वर्जित किए गए हैं। इस दिन बालों में कभी भी तेल न लगाएं। नहाते समय बालों को न धोएं और न ही बाल कटवाएं। इसके अलावा घर में पोछा न लगाएं और धोबी को कपड़े न दें। व्रत के दौरान नमक या खट्टा नहीं खाएं। व्रत में हमेशा पीला और मीठा खाना खाएं। रात में व्रत तोड़ते समय चने की दाल या पराठा खा सकते हैं। इसके अलावा आटे में हल्दी डालकर पीला पराठा भी बना सकते हैं। स्त्रियां और लड़कियां मासिक धर्म के दौरान व्रत न करें।  

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गुरुवार व्रत की उद्यापन विधि 

गुरुवार व्रत में उद्यापन बहुत खास होता है इसलिए इसकी तैयारी एक दिन पहले ही कर लें। इसके लिए चने की दाल, गुड़, हल्दी, पीला कपड़ा और प्रसाद एक दिन पहले ही खरीद कर रख लें। साथ ही ब्राह्मण को दान देने के लिए अपनी शक्ति के अनुसार दक्षिणा भी रख लें। इसके बाद सुबह जल्दी उठे और स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें उन्हें जल और प्रसाद अर्पित करें। घर में कथा कहें और आरती भी करें। कथा के बाद भगवान के सामने उपलों से हवन करें। ध्यान रखें हवन में केवल गाय का घी ही इस्तेमाल करें। इसके बाद प्रसाद को और लोगों को भी बांटे। साथ ही विष्णु भगवान से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे और गरीब ब्राह्मणों को दक्षिणा भी दें। इस प्रकार विधिवत पूजा करने के पश्चात रात में व्रत तोड़ कर पीला भोजन ग्रहण करें। 

- प्रज्ञा पाण्डेय

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